अक्षरधाम मंदिर संक्षिप्त जानकारी
स्थान | पांडव नगर, दिल्ली (भारत) |
निर्माणकाल | 06 नवंबर, 2005 |
निर्माता | बीएपीएस, प्रमुख स्वामी महाराज |
स्थापत्य शैली | वास्तु शास्त्र एवं पंचरात्र शास्त्र |
प्रकार | हिन्दू मंदिर |
अक्षरधाम मंदिर का संक्षिप्त विवरण
अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली के पांडव नगर इलाके में स्थित देश के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। अक्षरधाम मंदिर को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर देश की संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला को दर्शाता है। दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते 26 दिसम्बर 2007 को यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया था। यह पारंपरिक मंदिर भारत की प्राचीन कला, संस्कृति और शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है।
अक्षरधाम मंदिर का इतिहास
यह मंदिर आधिकारिक तौर पर 6 नवंबर, 2005 को खुला था। मंदिर का निर्माण कार्य 8 नवंबर 2000 को शुरू हुआ और 6 नवंबर 2005 को मंदिर अधिकृत रूप से आम जनता के लिए खोला गया। मंदिर को बनाने में 5 वर्षों का समय लगा था, जिसे एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के आशीर्वाद से 11,000 कारीगरों और 3000 से ज्यादा बीएपीएस स्वयंसेवकों के प्रयासों से पूरा किया गया था
मंदिर का निर्माण ज्योतिर्धर स्वामिनारायण भगवान की स्मृति में किया गया है। मंदिर का डिज़ाइन बहुत ही खूबसूरत और नायाब है जो दिल्ली में पारंपरिक 10,000 वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला को दर्शाता है।
अक्षरधाम मंदिर के रोचक तथ्य
- यह मंदिर लगभग 83,342 वर्ग फुट (करीब 100 एकड़) की जमीन पर फैला हुआ है।
- इस मंदिर को बनाने में गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है।
- इस मंदिर की खास बात ये है कि मंदिर को बनाते समय इसके किसी भी भाग में स्टील और कंक्रीट का उपयोग नहीं किया गया था।
- इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान से 6000 टन से अधिक गुलाबी बलुआ पत्थर लाया गया था।
- जब मंदिर का निर्माण किया गया था तो उस समय इसकी कुल लागत 400 करोड़ रुपये थी।
- इसमें 350 फुट लंबे, 315 फुट चौड़े और 141 फुट ऊंचे स्मारक हैं जो बहुत ही आकर्षक है।
- मंदिर 5 भागों में विभाजित है और इसका मुख्य परिसर केंद्र में स्थित है।
- इस भव्य मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र एवं पंचरात्र शास्त्रशैली में किया है।
- पूरे मंदिर परिषद के स्तंभों और दीवारों पर लगभग 20,000 मूर्तियाँ उत्कृष्ट गई हैं।
- मंदिर के केंद्रीय गुंबद के नीचे स्वामीनारायण की प्रतिमा स्थित है, जो 11 फुट ऊंची है और हिंदू परंपरा के अनुसार यह मंदिर 5 धातु से मिलकर बना हुआ है।
- इस परिसर के अन्य आकर्षण तीन प्रदर्शनी हॉल हैं। हॉल में सहानंद दर्शन, नीलकंठ दर्शन और संस्कृति विहार हैं।
- साहानानंद दर्शन पर, रोबोटिक्स द्वारा स्वामीनारायण का जीवन प्रदर्शित किया जाता है। नीलकंठ दर्शन में भगवान के जीवन पर आधारित एक विशाल आई-मैक्स थिएटर फिल्म स्क्रीनिंग है और अंत में संस्कृति विहार मोर आकार की नौकाओं में लगभग 13 मिनट में भारतीय इतिहास की यात्रा पर आगंतुकों को लेती है।
- मंदिर परिसर के भीतर भारत उपवन या "भारत का गार्डन" एक विशाल रसीला उद्यान है, जो बच्चों की पीतल की मूर्तियां, महिलाओं, स्वतंत्रता सेनानियों, प्रसिद्ध हस्तियों और भारत की उल्लेखनीय आंकड़े के साथ तैयार किया गया है।
- सायंकाल में 15 मिनट तक मानव जीवन चक्र को प्रदर्शित करने वाला म्यूज़िकल फोओन्टेंस (संगीतमय फव्वारा) चलता है। यह एक संगीतमय फव्वारा शो है, जिसमें हिंदू धर्म के अनुसार जन्म, जीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है।
- मंदिर प्रदर्शनी के प्रवेश शुल्क: व्यस्क 170 रूपए, सीनियर्स सिटिज़न (60+) 125रूपए, बच्चे (4–11 साल तक) 100रूपए और 4 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए एंट्रीफ्री है।
- संगीत फाउंटेनप्रवेश शुल्क:व्यस्क 30 रूपए, सीनियर्स सिटिज़न (60+) 30 रूपए, बच्चे (4–11 साल तक) 20रूपए और 4 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए एंट्रीफ्री है।
- वॉटर शो प्रवेश शुल्क:व्यस्क 80 रूपए, सीनियर्स सिटिज़न (60+) 80 रूपए, बच्चे (4–11 साल तक) 50रूपए और 4 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए एंट्रीफ्री है।
- मंदिर में प्रवेश का समय सुबह 10:00 से रात 8:00 बजे तक है और टिकेट काउंटर शाम 6:00 बजे हो जाता है।
- अक्षरधाम मंदिर परिसर के अन्दर कोई भी विधुत उपकरण जैसे मोबाइल, कैमरे औरबाहर से खाने के चीज़ेंआदि ले जाना प्रतिबंधित हैं।
- यह मंदिर हफ्ते के 6 खुलता है और सोमवार को बंद रहता है।