बद्रीनाथ मंदिर संक्षिप्त जानकारी
स्थान | बद्रीनाथ, उत्तराखंड (भारत) |
निर्माणकाल | 7वीं शताब्दी ई. |
निर्मिता | आदि शंकराचार्य |
समर्पित | हिन्दू देवता विष्णु को |
प्रकार | धार्मिक स्थल, मंदिर |
प्रमुख त्यौहार | केदार-बद्री यात्रा |
बद्रीनाथ मंदिर का संक्षिप्त विवरण
भारतीय राज्य उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ धाम विश्व के सबसे बड़े धार्मिक धामों में से एक है। बद्रीनाथ धाम भारत के सबसे प्राचीन धाम में से एक है, जिसका उल्लेख अधिकत्तर प्राचीन भारतीय कविताओ में देखने को मिलता है। बद्रीनाथ धाम नामक क्षेत्र में स्थित बद्रीनाथ मंदिर अपनी संस्कृति, कलाकृति और इतिहास के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।
बद्रीनाथ मंदिर का इतिहास
इस प्राचीन और भव्य मंदिर के निर्माण के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नही है परंतु कुछ अभिलेखों के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था। ऐसा माना जाता है आदि शंकराचार्य ने बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा एक धाम के रूप में की थी, और बाद में बद्रीनाथ को धाम के रूप में प्रसिद्ध बनाने के लिए उन्होंने वहाँ पर बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था।
बद्रीनाथ मंदिर के रोचक तथ्य
- इस भव्य और ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण लगभग 7वीं शताब्दी ई. में आदि शंकराचार्य द्वारा करवाया गया था।
- यह मंदिर भारत के सबसे बड़े 4 धामों में से एक है, यह मंदिर भारतीय राज्य उतराखंड के बद्रीनाथ नामक क्षेत्र में स्थित है।
- यह मंदिर लगभग 50 फीट लंबा है जिसके शीर्ष पर एक छोटा सा गुंबद स्थित है। इस मंदिर का मुखौटा धनुषाकार खिड़कियों के साथ पत्थरो से बनाया गया है।
- यह भव्य मंदिर भगवान विष्णु के उन 108 दिव्य मन्दिरों में से एक है जो वैष्णव संप्रदाय के लोगो द्वारा बनाए गये थे।
- इस मंदिर को हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण कई बार खराब मौसम का सामना करना पड़ता है, जिस कारण यह मंदिर साल के केवल 6 महीने ही खुलता है।
- यह मंदिर सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मंदिर में से एक है, यह मंदिर लगभग 3,133 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के किनारे गढ़वाल पहाडि़यों में स्थित है।
- यह मंदिर भारत के सबसे ज्यादा भ्रमण किये जाने वाले मन्दिरों में से एक है जिसे प्रत्येक वर्ष लगभग 106,0000 से अधिक लोग देखने आते है।
- ऐसा माना जाता है कि अलकनंदा नदी के किनारे स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति को लगभग 16वीं शताब्दी में गढ़वाल के राजा ने उठवाकर वर्तमान बद्रीनाथ मंदिर में स्थापित करवा दी थी।
- लगभग 17वीं शताब्दी में आई एक आपदा ने बद्रीनाथ मंदिर के कई प्रमुख इमारतों को नुकसान पंहुचाया था जिसके बाद स्थानीय लोगो ने इस मंदिर की मरम्मत को फिर से करवाया था।
- वर्ष 1803 में हिमालय में एक भयंकर भूकंप आया था जिस कारण इस मंदिर को काफी क्षति पंहुची थी जिसके बाद यह मंदिर जयपुर के राजा द्वारा पुन: बनाया गया था।
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