छतरपुर मंदिर संक्षिप्त जानकारी
स्थान | महरौली, नई दिल्ली (भारत) |
निर्मित | 1974 ई. |
निर्माता | बाबा संत नागपाल |
वास्तुकला | हिंदू मंदिर वास्तुकला |
समर्पित | देवी कात्यायिनी (माता दुर्गा) |
प्रकार | सांस्कृतिक, धार्मिक मंदिर |
छतरपुर मंदिर का संक्षिप्त विवरण
छतरपुर मंदिर भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक है। यह मंदिर भारत की राजधानी नई दिल्ली के दक्षिण क्षेत्र महरौली में स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे अनूठे मन्दिरों में से एक है क्यूंकि यहाँ विभिन्न जातियों और धर्मो के लोगो को आने की अनुमति है। यह मंदिर देश की प्राचीन संस्कृति और अद्भुत वास्तुकला का प्रतीक माना जाता है।
छतरपुर मंदिर का इतिहास
इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण वर्ष 1974 ई. में प्रसिद्ध बाबा संत नागपाल जी द्वारा करवाया गया था। जिनकी मृत्यु वर्ष 1998 में हो गई थी जिसके बाद उनके भक्तो ने अपने बाबा को अपने समीप रखने के लिए उनकी समाधि का निर्माण मंदिर परिसर के भीतर स्थित शिव-गौरी नागेश्वर मंदिर में करवाया था।
छतरपुर मंदिर के रोचक तथ्य
- ऐसा माना जाता है कि जिस जगह यह मंदिर स्थित है वहाँ पहले कभी बाबा संत नागपाल की कुटिया हुआ करती थी, इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1974 में बाबा संत नागपाल जी द्वारा करवाया गया था।
- यह मंदिर लगभग 60 एकड के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, यह मंदिर हिन्दू देवी “माता कात्यायनी” को समर्पित है।
- इस मंदिर का आधिकारिक नाम आद्या कात्यायिनी मंदिर है, परंतु यह मंदिर छतरपुर मंदिर के नाम से ज्यादा विख्यात है।
- वर्ष 2005 से पहले यह मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता था, परंतु 2005 में अक्षरधाम मंदिर के निर्माण के बाद इसे दूसरा सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।
- इस मंदिर में माता कात्यायनी के दरबार के बहुत समीप ही बाबा संत नागपाल का भी चमत्कारी कक्ष बना हुआ है, जहां पर रोजना उनकी समाधि की पूजा की जाती है।
- इस मंदिर में बने बाबा संत नागपाल जी के कमरे में उनकी मोम की बनी मूर्ति स्थापित की गई है, जो बिलकुल वास्तविक बाबा की तरह लगती है।
- इस मंदिर परिसर में स्थित सभी मन्दिरों का निर्माण बहुमूल्य संगमरमर के पत्थरों से किया गया है, जो पर्यटकों को इसकी ओर आकर्षित करता है।
- इस मंदिर के परिसर को 3 भागो में विभाजित किया गया है जिनमे लगभग 20 से अधिक छोटे और बड़े आकार के मंदिर सम्मिलित है।
- इस मंदिर में नवरात्रों को काफी धूम-धाम से मनाया जाता है, नवरात्रों के दौरान मंदिर में प्रत्येक दिन माता कात्यायनी का सुबह 3 बजे श्रृंगार किया है, जिसके बाद माता के दर्शन के लिए काफी श्रद्धालु आते है।
- इस मंदिर के परिसर में कई देवी देवताओ की मूर्तियाँ सरलता से देखी जा सकता है, परंतु पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली चीज़ यहाँ स्थित भगवान हनुमान जी की विशालकाय मूर्ति है।
- यह मंदिर अपने भक्तो के लिए सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है और विशेष अवसरों पर जैसे- नव-रात्रि में तो यह भक्तों के लिए पूरे 24 घंटे खुला रहता है।
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