एलोरा की गुफाएं संक्षिप्त जानकारी
स्थान | औरंगाबाद, महाराष्ट्र(भारत) |
निर्माण | 600 से 1000 ईसवी |
प्रकार | गुफाएं |
एलोरा की गुफाएं का संक्षिप्त विवरण
भारत विश्वभर में एक मात्र ऐसा देश है, जहां आपको बहुत सी विचित्र और ऐतहासिक इमारतें देखने को मिलेंगी। महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में वेरुल (एलोरा) नामक स्थान पर स्थित बड़ी-बड़ी चट्टानों को काट कर बनाई गयी एलोरा की गुफाएं उन्ही में से एक है। ये गुफाएं औरंगाबाद के उत्तर-पश्चिम में 19 मील (30 किमी) और अजंता गुफाओं से 50 मील (80 किमी) दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। गुफाओं का यह समूह भारत के मध्यकालीन युग की कला की सबसे खूबसूरत अभिव्यक्तियों में से एक है।
एलोरा की गुफाएं का इतिहास
एलोरा या एल्लोरा एक पुरातात्विक स्थल है, इनमें से ज्यादातर गुफाओं को हिन्दू शासकों के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था जैसे कि राष्ट्रकूट और यादव वंश आदि। इन गुफाओं को 600-1000 ईसवी के बीच का बताया जाता है। इन गुफाओं में बौद्ध, हिंदु और जैन धर्म के मंदिर बने है। बौद्ध धर्म (महायान संप्रदाय पर आधारित) की 12 गुफाएँ दक्षिण दिशा की ओर, हिंदू धर्म की 17 गुफाएँ मध्य की ओर तथा उत्तर दिशा की 5 गुफाएँ जैन धर्म पर आधारित हैं।
इन गुफाओं में की गई नायाब चित्रकारी व शिल्पकला को बौद्ध धार्मिक कला का उत्कृष्ट नमूना माना गया है। ये गुफाएं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकृत रखी गई हैं।
एलोरा की गुफाएं के रोचक तथ्य
- एलोरा में लगभग 100 गुफाए हैं, जिनमे से पर्यटकों के लिए केवल 34 गुफाओं को खोला गया है।
- इन गुफाओं में बने 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 कि.मी. के क्षेत्र में फैले हुए हैं।
- राष्ट्रकूट शासक कृष्ण-I द्वारा निर्मित कैलासगुहा मन्दिर सर्वाधिक उत्कृष्ट है।
- एलोरा में गुफाओं के अन्दर मंदिरों और मठों को बड़ी-2 पहाड़ियों को ऊर्ध्वाधर भाग में काट कर बनाया गया है, जो औरंगाबाद के उत्तर में 26 किलोमीटर की दूरी पर है।
- ये गुफाएँ बेसाल्टिक की पहाड़ी के किनारे-किनारे बनी हुई हैं।
- इन गुफाओं में बहुत सी सीढियाँ, दरवाजे, खिड़की और प्रतिमाओं के साथ विस्तृत रूप से नक्काशीदार पत्थर का बना खंभा और हॉल सम्मिलित हैं।
- यहाँ बने मंदिर, मठों पर की गई नक्काशी को छेनी और हथौड़ी की सहायता से तराश कर बनाया गया है।
- बौद्ध धर्म पर आधारित गुफाओं की मूर्तियों में बुद्ध की जीवनशैली की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है।
- 16वीं गुफा में एक बड़ी पहाड़ी को काटकर बनाये गए कैलाश मंदिर जैसी कारीगरी और शिल्पकला आपको शायद ही कन्ही देखने को मिलेगी।
- यहाँ बनी सभी गुफाओ में से ‘दी ग्रेट कईलसा गुफा’ सबसे बड़ी है।
- दशावतारा गुफा जोकि भगवान विष्णु को समर्पित है, जिस में विष्णु जी के पूरे 10 चित्र बने है।
- इन गुफाओं की दीवारों पर की गई सुंदर नक्काशी और चित्रों के कारण यूनेस्को द्वारा वर्ष 1983 में इन गुफाओं को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।