फोर्ट विलियम संक्षिप्त जानकारी
स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल (भारत) |
निर्माण | 1781 ई. (वर्तमान स्वरूप का) |
निर्माता | ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी |
वास्तुकला शैली | यूरोपीय शैली |
प्रकार | किला |
फोर्ट विलियम का संक्षिप्त विवरण
भारत के सबसे खुबसूरत राज्यों में से एक पश्चिम बंगाल भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह राज्य अपनी ऐतिहासिक विरासत, अद्भुत स्मारकों और अपनी विशेष प्रकार की संस्कृति के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता है। पश्चिम बंगाल की राजधानी “कोलकाता” में स्थित हुगली नदी के किनारे बना फोर्ट विलियम किला भारत में लगभग पिछले 237 सालो से अपना अस्तित्व बनाये हुये है।
फोर्ट विलियम का इतिहास
इस किले का निर्माण वर्ष 1781 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के “सर जॉन गोल्डस्बरो” के आदेश के अनुसार किया था। इसका निर्माण सर चार्ल्स आयर की योजना अनुसार हुगली नदी के तट के पास दक्षिण-पूर्व गढ़ के पास शुरू किया गया था। सर चार्ल्स आयर के उत्तराधिकारी जॉन बियर्ड ने वर्ष 1701 में इस किले के उत्तर-पूर्व गढ़ को भी इसके साथ जोड़ दिया था।
रोबर्ट क्लाइव ने प्लासी युद्ध के बाद इस किले कोई हुई क्षति को पुन: ठीक करवाना शुरू किया जिसे उन्होंने वर्ष 1781 ई. तक पूरा बनाकर तैयार भी कर दिया था। इस किले का उपयोग स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही भारतीय सेना अपनी छावनी के रूप में कर रही है।
फोर्ट विलियम के रोचक तथ्य
- इस किले के ऐतिहासिक स्वरूप का निर्माण वर्ष 1696 ई. से 1715 ई. के मध्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने करवाया था, इस किले का नाम इंग्लैंड के राजा विलियम III के नाम पर रखा गया था।
- इस किले का निर्माण भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता की हुगली नदी के किनारे किया गया था।
- इस किले ने इतिहास में बहुत सारे युद्धों को झेला था, परंतु 23 जून 1757 में हुये प्लासी युद्ध के दौरान इसे बंगाल के नवाब सिराज उद दौलाह ने काफी क्षति पंहुचाई थी, जिसे बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी ने पुन: ठीक करवाया गया था।
- इस ऐतिहासिक किले के वर्तमान स्वरूप का निर्माण वर्ष 1758 ई. से वर्ष 1781 ई. के मध्य में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी रोबर्ट क्लाइव ने करवाया था।
- इस किले को वर्ष 1758 ई. से 1781 ई. के मध्य पुन: बनाने में उस समय के अनुसार लगभग दो लाख पाउंड का खर्चा आया था।
- यह किला कलकत्ता का लगभग 70.9 हेक्टेयर क्षेत्रफल घेरता है, जो उत्तर-दक्षिण दिशा में लगभग 3 कि.मी. तक फैला हुआ है और इसकी चौड़ाई लगभग 1 कि.मी. है।
- इस किले का सरकारी कामो के लिए उपयोग वर्ष 1766 ई. से ही शुरू हो गया था, जिसमे अंग्रेजी लोगो के लिए सरकारी स्कूल, सरकारी चिकित्सालय, सरकारी बैंक आदि चीज़े सम्मिलित थी।
- यह किला 5 कि.मी. वर्ग में फैला हुआ है जो एक अनियमित अष्टकोणीय के आकार जैसा प्रतीत होता है जो इसे तारे जैसी आकृति भी प्रदान करता है, इसके निर्माण में ईंट और चूने का उपयोग किया गया था।
- यह किला अष्टकोणीय आकार का है जिसके 8 में से 5 भाग भूमि से लगते है और बाकी 3 भाग हुगली नदी के तट की तरफ लगते हैं।
- इस किले में मुख्यतः 6 प्रवेश द्वार है, जिनके नाम है- चौरंगी, प्लासी, कलकत्ता, जल गेट, सेंट जॉर्जेस और ट्रेजरी गेट।
- यह किला पर्यटन के साथ-साथ लोगो को खेल की भी सुविधा उपलब्ध करवाता है, इस किले में वर्तमान समय में 9 गोल्फ कोर्स उपलब्ध है।