गोल्डन गेट ब्रिज संक्षिप्त जानकारी
स्थान | सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी के ऊपर सैन फ्रांसिस्को और कैलिफ़ोर्निया के मध्य (संयुक्त राज्य अमेरिका) |
निर्माण | 5 जनवरी 1933 शुरू, 27 मई 1937 में बनकर तैयार |
वास्तुकार | इरविंग मोरो |
अभियांत्रिकी रचना | जोसेफ स्ट्रॉस और चार्ल्स एलिस द्वारा |
गोल्डन गेट ब्रिज का संक्षिप्त विवरण
विश्व में कई विशालकाय पुल है परंतु गोल्डन गेट ब्रिज जैसा पुल शायद विश्व में कंही पर हो। यह पुल अपनी अनोखी संरचना के लिए विश्व में विख्यात है। यह पुल अमेरिकी राज्यों सैन फ्रांसिस्को, और कैलिफ़ोर्निया को एक दूसरे से जोडता है। यह पुल अपने अनोखे रंग और अपनी क्षमता के लिए भी जाना जाता है।
गोल्डन गेट ब्रिज का इतिहास
इस पुल का इतिहास सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र पहले पानी से घिरा हुआ था जिसके कारण यहाँ पर 1820 दशक के आरंभ में एक नौका सेवा शुरू हुई।
1867 में आई सॉसालिटो लैंड एंड फेरी कंपनी सेवा 1920 के दशक के अंत तक दुनिया में सबसे बड़ी नौका सेवा वाली कंपनी बन गई। जिसने पानी वाले क्षेत्रो को यह सुविधा उपलब्ध कराई परंतु इस सेवा से लोगो को ज्यादा फायदा नही हो रहा था क्यूंकि उन्हें इस सेवा के बदले हर बार एक डॉलर देना पड़ता था जिसमें उनका समय और धन दोनों ही अधिक लगते थे। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोगो ने सरकार से मदद मांगी जिसके बाद इस पुल को 5 जनवरी 1933 बनाना शुरू किया गया और 27 मई 1937 में बनाकर इसे जनता के लिए खोल दिया गया
गोल्डन गेट ब्रिज के रोचक तथ्य
- इस पुल का निर्माण करने में चार वर्ष (1933-1937) का समय लगा था, जिसका उद्देश्य अमेरिकी राज्य सैन फ्रांसिस्को में आर्थिक मंदी को दूर करके रोजगार के अवसर पैदा करना था।
- यह 1964 तक विश्व का सबसे लंबा लटकता हुआ पुल था, परंतु अब यह दूसरे स्थान पर आता है। इसकी कुल लंबाई 2.7 कि.मी., कुल ऊंचाई 227.4 मीटर और चौड़ाई 27.4 मीटर है।
- यह सैन फ्रांसिस्को खाड़ी को भी प्रशांत महासागर से जोड़ता है, जिसकी लम्बाई 4200 फीट है।
- इस पुल की संरचना इस तरह से तैयार की गई है कि यह 8 रिक्टर स्केल तीव्रता तक के भूकंप और 841 कि.मी. घंटे तक की तूफानी हवाओं को सह सकता है।
- इस पुल के निर्माण में लगभग 27 मिलियन डॉलर की लागत आई थी जो उस समय काफी बड़ी धन राशि थी।
- इस पुल पर पुलिस के रूप में कार्य करने वाले केविन ब्रिग्स ने लगभग अब तक 200 लोगो को आत्महत्या करने से रोका है।
- यह पुल दुनिया का दूसरा ऐसा पुल है, जहाँ पर सबसे ज्यादा लोग आत्महत्या करते है और पहले नंबर पर चीन का नानजिंग यांग्त्ज़ी नदी पुल है।
- इस पुल को इसके अपने रंग के लिए नामित नहीं किया गया है, बल्कि इसे सैन फ्रांसिस्को खाड़ी का नाम, जिसे कैलिफ़ोर्निया सोने की भीड़ कहा जाता है जिसके नाम पर इसे गोल्डन गेट ब्रिज कहा जाता है ।
- इस पुल की रचना करते समय इसके रंग पर भी काफी विचार हुए अंत में अन्तर्राष्ट्रीय नारंगी रंग को चुना गया, जो कोहरे में भी स्पष्ट दिखाई देता है।
- इस पुल को अब तक कुल तीन बार मौसम की स्थिति के कारण बंद किया गया है। पहले 1 दिसंबर 1951 में, दूसरी बार 1982 में और तीसरी बार 3 दिसंबर 1983 में हवा की गति बढने के कारण है।