जल महल जयपुर संक्षिप्त जानकारी
स्थान | जयपुर, राजस्थान (भारत) |
निर्माण | 1799 ई॰ |
निर्माता (किसने बनबाया) | महाराजा सवाई प्रताप सिंह |
अन्य प्राचीलित नाम | द वॉटर पैलेस और आई बॉल |
प्रकार | महल |
वास्तुकला शैली | मुगल वास्तुकला |
जल महल जयपुर का संक्षिप्त विवरण
जल महल राजस्थान की पिंक सिटी व राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्य स्थित एक ऐतिहासिक महल है। यह महल अरावली की पहाडिय़ों के गर्भ में झील के बीचों बीच स्थित है, जिस कारण “आई बॉल” और 'द वाटर पैलेस' के नाम से भी जाना जाता था।
जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष लगे हैं।
जल महल जयपुर का इतिहास
जयपुर के आमेर मार्ग पर मानसागर झील के बीच मरीन स्थित इस महल का निर्माण महाराजा सवई प्रताप सिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्नान के लिए करवाया था। इस महल के निर्माण से पहले जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।
इसका निर्माण 1799 में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। राजा इस महल को अपनी रानी के साथ ख़ास वक्त बिताने के लिए इस्तेमाल करते थे। वे इसका प्रयोग राजसी उत्सवों पर भी करते थे।
जल महल जयपुर के रोचक तथ्य
- जल महल के आकर्षक टैरेस गार्डन को चमेली बाग के नाम से जाना जाता है।
- जलमहल एक आवासीय संरचना के बजाय एक पिकनिक स्पॉट के रूप में बनाया गया था, इसलिए इसके अंदर कोई व्यक्तिगत कक्ष नहीं हैं।
- यह माना जाता है कि महल का निर्माण एक अकाल के दौरान हुआ था जब झील का बिस्तर पूरी तरह से सूख गया था। इसलिए, जब यह बनाया गया था, तो पूरी तरह से दिखाई दे रहा था।
- इस पत्थर के महल की दीवारों को इतनी मजबूती से बनाया गया था कि यह किसी भी पानी को अंदर आने से रोकता था। दीवारों को मजबूत बनाने के लिए चूना पत्थर का इस्तेमाल किया गया था।
- जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। जल महल के नर्सरी में 1 लाख से ज्यादा वृक्ष लगे हुए हैं। जिसकी खास बात है की यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है।
- जलमहल झील में डूबा रहता है, इस तक पहुंचने के लिए नाव की सवारी ही एकमात्र रास्ता है। महल को सरकार द्वारा एक संरक्षित संपत्ति घोषित किया गया है, इसलिए वर्तमान में नाव की सवारी और महल परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित है।
- जलमहल की झील के अंदर अधिकतम गहराई 15 फीट और न्यूनतम गहराई 4.9 फीट है। यह मुगल स्थापत्य शैली के प्रभाव के साथ वास्तुकला की राजपूत शैली में निर्मित पांच मंजिला संरचना है। जबकि इसकी चार मंज़िलें पानी के नीचे हैं,जिसके कारण केवल महल का शीर्ष ही दिखाई देता है, जिससे आपको आभास होता है कि महल झील के पानी पर तैर रहा है।
- जल महल का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। अष्टकोणीय आकार में डिज़ाइन किए गए चार विस्तृत छत्र महल के चारों कोनों को सुशोभित करते हैं। महल की छत पर एक विशाल बंगाल शैली का आयताकार छतरी भी मौजूद है। इसके उत्तराधिकार में, जल महल का छत उद्यान धनुषाकार मार्ग से सजाया गया था।