जामा मस्जिद दिल्ली संक्षिप्त जानकारी
स्थान | चांदनी चौक, दिल्ली (भारत) |
स्थापना (निर्माण) | 1950-1956 |
निर्माता (किसने बनबाया) | शाहजहां |
वास्तुशैली | इस्लामिक |
जामा मस्जिद दिल्ली का संक्षिप्त विवरण
देश की राजधानी नई दिल्ली के चांदनी चौक पर स्थित जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। पुरानी दिल्ली में बनी यह भव्य मस्जिद मुग़ल शासक शाहजहां की इस्लामिक वास्तुकला का एक शानदार नमूना है। चावरी बाज़ार रोड पर बनी कई एकड़ में फैली यह मस्जिद राजधानी दिल्ली के मुख्य आकर्षणों में से एक है।
जामा मस्जिद दिल्ली का इतिहास
जामा मस्जिद को शुरुआत में मस्जिद-ए-जहांनुमा कहा जाता था, जिसे पारसी भाषा में “दुनिया की छवि वाली मस्जिद” कहा जाता है। चांदनी चौक में बनी इस भव्य मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा 1650 में शुरू किया गया था जो सन 1656 में जाकर संपन्न हुआ था।
इस मस्जिद का उद्घाटन शाहजहाँ के निमंत्रण भेजने पर उज़बेकिस्तान के बुखारा मुल्ला इमाम बुखारी द्वारा 23 जुलाई 1656 को किया गया था। यह मस्जिद मुगल शासक शाहजहाँ की आखिरी बेहद खर्चीली वास्तुकलाओं में से एक थी। शाहजहां ने दुनिया के सात अजूबों में शामिल आगरा का ताजमहल और दिल्ली के लालकिला का भी निर्माण करवाया था।
जामा मस्जिद दिल्ली के रोचक तथ्य
- इस मस्जिद को बनने में लगभग 6 वर्ष (1950-1956) का समय लगा था, उस समय इसे बनाने में करीब 10 लाख रूपए का खर्चा आया था।
- इस मस्जिद का निर्माण बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से किया गया था।
- इसमें तीन राजसी गेट हैं, 40 मीटर ऊंची चार मीनारें हैं, जो लाल बलुआ पत्थरों एवं सफ़ेद संगमरमर से बनी हुई हैं।
- पुरानी दिल्ली में मौजूद इस मस्जिद को 5000 शिल्पकारों ने मिलकर बनाया गया था।
- इस मस्जिद का माप 65 मीटर लम्बा और 35 मीटर चौड़ा है, इसके आंगन में 100 वर्ग मीटर का स्थान है।
- इस मस्जिद में उत्तर और दक्षिण द्वारों से प्रवेश किया जा सकता है।
- इस मस्जिद में हिन्दू एवं जैन वास्तुकला से समाहित सुंदर नक्काशी किये गए लगभग 260 स्तंभ भी मौजूद है।
- इसके फर्श पर सफ़ेद एवं काले संगमरमर के पत्थर लगे हुए है, जो एक अलंकृत मुस्लिम प्रार्थना चटाई की तरह लगते है।
- इसके ऊपर बने गुंबदों को सफेद और काले संगमरमर से सजाया गया है, जो निजामुद्दीन दरगाह की याद दिलाते हैं।
- इस भव्य मस्जिद में लगभग 25,000 लोग एक साथ बैठकर नमाज पढ़ सकते हैं।
- मस्जिद का प्रार्थना गृह बहुत ही दर्शनीय है। इसमें ग्यारह मेहराब हैं, जिसमें मध्य वाला महराब अन्य से कुछ बड़ा है।
- यह मस्जिद 5 फुट ऊंचे मंच पर स्थित है और भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है।
- इस मस्जिद में कई प्राचीन अवशेष हैं, जिस पर कुरान की एक प्रति है, जो हिरण की खाल पर लिखी गई है।
- यहाँ आने वाले पर्यटक उत्तरी गेट से पोशाक (रॉब्स) किराए पर ले सकते है।
- यह मस्जिद दिल्ली में लाल किले के सामने है और लाल किले से इसकी दूरी मात्र 500 मीटर है।
- अगर आप फोटोग्राफी के शौकिन है, तो आपको यहाँ फोटोग्राफी के लिए प्राधिकरण (अथॉरिटी) को 200 रुपए तक चुकाने पड़ सकते है।