प्रमुख मठ संक्षिप्त जानकारी

स्थानस्पीति घाटी, हिमाचल प्रदेश (भारत)
स्थापना11वीं शताब्दी ई.
वास्तुकारड्रोमटन
प्रकारसांस्कृतिक, बौद्ध मठ

प्रमुख मठ का संक्षिप्त विवरण

भारत के सबसे सुंदर राज्यों में से एक हिमाचल प्रदेश इसके उत्तरी भाग में स्थित है। यह राज्य अपनी आध्यात्मिकता, प्रकृति, खूबसूरती और शांत वातावरण के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। हिमाचल प्रदेश में स्थित की गोम्पा भारत के सबसे प्राचीन क्षेत्रो में से एक है, जोकि बौद्ध धर्म के अनुययियो के लिए एक प्रसिद्ध स्थान है।

प्रमुख मठ का इतिहास

की गोम्पा (की मठ) की स्थापना 11वीं शताब्दी में ड्रोमटन ने की थी। लगभग 14वीं शताब्दी के दौरान मंगोलों ने इस क्षेत्र पर पहली बार आक्रमण किया था और लगभग तीन शताब्दियो बाद उन्होंने इस क्षेत्र पर पुन: हमला करके इस क्षेत्र को बुरी तरह से नष्ट कर दिया था। उस समय यह मठ एक रंग्रिक नामक गांव के पास स्थित था। बाद में इस क्षेत्र को कई और विपदाओं को झेलना पड़ा था जैसे- लद्दाख और कुल्लू के बीच युद्ध, गुलाम खान और रहीम खान के मध्य युद्ध आदि।

प्रमुख मठ के रोचक तथ्य

  1. इस प्रसिद्ध बौद्ध मठ की स्थापना लगभग 11वीं शताब्दी ई. के आस-पास बौद्ध शिक्षक अतिषा के मुख्य शिष्य ड्रोमटन ग्येल्वे जुंगे द्वारा की गई थी।
  2. यह ऐतिहासिक मठ लगभग 4,166 मीटर (13,668 फीट) की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है, जो इसकी सुन्दरता को ओर भी बढ़ा देती है।
  3. की मोनेस्ट्री भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के स्पीति घाटी में लाहौल और स्पीति जिले के नजदीक स्थित है, इस मठ के समीप एक नदी भी बहती है जिसे स्पीति नदी कहा जाता है।
  4. यह स्पीति घाटी का सबसे बड़ा बौद्ध मठ और लामास के लिए सबसे बड़ा एक धार्मिक प्रशिक्षण केंद्र है।
  5. इस मठ की दीवारें कई तरह के चित्रों और मूर्तियों से ढकी हुई हैं, जो 14वीं सदी की मठवासी वास्तुकला का एक उचित उदाहरण है, जो चीनी वास्तुकला से प्रभावित होकर विकसित की गई थी।
  6. वर्ष 1855 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार इस मठ में लगभग 100 भिक्षुओं की उपस्थित के बारे में बताया गया था।
  7. वर्ष 1830 में लद्दाख और कुल्लू के बीच हुए युद्ध के दौरान इस मठ व आस-पास के क्षेत्रो को काफी क्षति पंहुची थी।
  8. लगभग 1841 के आस-पास गुलाम खान और रहीम खान की सत्ता को लेकर हौड के कारण उनकी सेना डोगरा ने इस क्षेत्र को काफी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था जिसके बाद यहाँ पर सिखों ने भी हमला किया था।
  9. यह क्षेत्र काफी सारे युद्धों के झेलने के बाद पुन: खड़ा हो ही रहा था कि 1840 के दशक में यहाँ पर आग लग गई, जिसके कारण पूरा का पूरा मठ जलकर राख हो गया था, बाद में इस मठ को पुन:निर्मित किया गया था।
  10. वर्ष 1975 ई. में यहाँ एक हिंसक भूकंप आया था, जिसने इस क्षेत्र को काफी अधिक नुकसान पहुंचाया था, परंतु भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राज्य लोक निर्माण विभाग की सहयता के कारण इस क्षेत्र को फिर से ठीक कर लिया गया था।

  Last update :  Wed 3 Aug 2022
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