लाहौर का किला संक्षिप्त जानकारी
स्थान | लाहौर, पंजाब (पाकिस्तान) |
किसने बनवाया (वर्तमान संरचना) | मुगल सम्राट अकबर |
निर्माणकाल | 1575 ई॰ |
प्रकार | ऐतिहासिक किला |
वास्तुशैली | इंडो-इस्लामिक शैली, मुगलकालीन शैली |
लाहौर का किला का संक्षिप्त विवरण
लाहौर किला पाकिस्तान के एक प्रादेशिक शहर पंजाब के लाहौर में स्थित है। यह किला लाहौर के उत्तरी दिशा में स्थित है। इस किले सर्वप्रथम निर्माण मुगल शासकों द्वारा किया गया था। वर्तमान में इस भाव्य किले के अंदर 21 उल्लेखनीय स्मारक उपलब्ध हैं जोकि 17वीं शताब्दी में निर्मित यह स्मारक मुगलकाल की एक अद्भुत वास्तुकला को प्रदर्शित करता है।
लाहौर का किला का इतिहास
लाहौर किले की उत्पत्ति अस्पष्ट है परंतु कई इतिहासकारों के अनुसार किले पर कई शासकों ने शासन किया है जिसमें महमूद गजनी का किले पर पहला ऐतिहासिक संदर्भ मिला है जो लगभग 11 वीं शताब्दी का है। महमूद गजनी के शासनकाल दौरान यह किला मिट्टी से बनाया गया था परंतु 1241 ई॰ में मंगोलों ने लाहौर पर आक्रमण कर किले पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया जिसके बाद 1267 में दिल्ली सल्तनत के तुर्किक मामलुक वंश के सुल्तान बलबन द्वारा स्थल पर एक नए किले का निर्माण किया गया था। परंतु किले को तैमूर की आक्रमणकारी सेना द्वारा नष्ट कर दिया गया था।
जिसके बाद 1526 में मुगल सम्राट बाबर द्वारा लाहौर पर कब्जा कर लिया गया, जिससे यह किला मुगल सम्राट के अधीन आया। परंतु वर्तमान संरचना का निर्माण अकबर द्वारा 1575 ई॰ में कराया गया था। जिसके बाद मुगल सम्राट अकबर ने किले में कई नए स्मारकों का निर्माण करवाया। जिसके बाद किले में मुगल सम्राट शाहजहाँ और औरंगजेब द्वारा भी किले में कई परिवर्तन करवाए और साथ में नए स्मारकों का भी निर्माण करवाया था।
लाहौर का किला के रोचक तथ्य
- किले के अंदर कई प्रमुख और आकर्षक संरचनाए है जिनमें ख़िलवत ख़ाना, शाहजहाँ का चतुर्भुज, माई जिंदन हवेली, मोती मस्जिद, जहाँगीर का चतुर्भुज आदि हैं।
- लाहौर किले पर कई राजाओं और महाराजाओं ने शासन किया है जिसके कारण किले की संरचना में समय-समय पर कई परिवर्तन होते रहे हैं परंतु आज वर्तमान में यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया है किले के अंदर सभी स्मारक अपने कलात्मक और सौंदर्यपूर्ण क्षेत्र में उत्कृष्ट शैली प्रदान करते हैं।
- लाहौर किला 20 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसके अंदर 21 उल्लेखनीय स्मारक हैं। ये सभी अलग-अलग शासनकाल दौरान विभिन्न राजाओं द्वारा बनवाए गए थे।
- लाहौर किले को दो खंडों में विभाजित किया गया है जिसमें पहला प्रशासनिक खंड, मुख्य प्रवेश द्वार से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और इसमें शाही दर्शकों के लिए उद्यान और दीवान-ए-खास शामिल हैं। दूसरा, एक निजी और छुपा आवासीय खंड उत्तर में अदालतों में विभाजित है और यहाँ हाथी गेट के माध्यम से आया जा सकता है। इसमें शीश महल, विशाल बेडरूम और छोटे बगीचे शामिल हैं।
- किले की बाहरी दीवारों को नीले फ़ारसी काशी की टाइलों से सजाया गया है और किले के मुख्य प्रवेश द्वार पर मरियम ज़मानी मस्जिद है जिसके साथ ही बड़ा आलमगिरी द्वार राजसी बादशाह मस्जिद के माध्यम से हजूरी बाग जुड़ा हुआ है।
- किले के अंदर नौलखा मंडप का निर्माण 1633 ई॰ में शाहजहाँ के शासनकाल में करवाया गया था और यह सफ़ेद संगमरमर से बना हुआ है। नौलखा मंडप को विशिष्ट वक्रता छत के लिए जाना जाता है और उस समय इसकी लागत लगभग 9,00,000 रुपये थी।
- किले में स्थित "पिक्चर वॉल" को लाहौर किले की सबसे बड़ी कलात्मक विजय माना जाता है क्योंकि स्मारकीय पिक्चर वॉल बाहरी दीवार का एक बड़ा भाग है, जो शानदार रूप से चमकता हुआ टाइल, फाइनेंस मोज़ाइक और भित्तिचित्रों के साथ सजाया गया है। इसका निर्माण मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा करवाया गया था।
- किले के अंदर उत्तरी-पश्चिमी दिशा में जहाँगीर के शाह बुर्ज ब्लॉक के अंदर शीश महल स्थित है, इसका निर्माण 1631 ई॰ से 1632 ई॰ के मध्य शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान मुमताज़ महल के ग्रैंड मिर्ज़ा ग़यास बेग और नूरजहाँ के पिता द्वारा किया गया था। यह सफ़ेद संगमरमर से निर्मित इसकी दीवारों को भित्तिचित्रों से सजाया गया है। शीश महल को लाहौर किले के सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक माना जाता है।
- लाहौर किले के अंदर शीश महल के निकट समर पैलेस है, जिसे परी महल या फेयरी पैलेस के नाम से भी जाना जाता है यह स्मारक शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया एक भूलभुलैया है।
- इस पैलेस के अंदर 42 झरनों की एक विस्तृत प्रणाली के माध्यम से गुलाबों से सुगंधित ठंडा पानी बहता है जो इस महल के उत्कृष्ट शैली को दर्शाता है।
- किले में स्थित ख़िलवत ख़ाने का निर्माण 1633 ई॰ में शाहजहाँ ने करवाया था। यह शाह बुर्ज मंडप के पूर्व में और शाहजहाँ चतुर्भुज के पश्चिम में स्थित है। शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान यह दरबार की शाही महिलाओं का निवास स्थान था। जिसे संगमरमर से बनाया गया है और इसमें एक घुमावदार छत भी शामिल है।
- किले के अंदर काला बुर्ज है जिसे "ब्लैक पवेलियन" के नाम से से भी जाना जाता है और इसकी गुंबदनुमा छत चित्रों में यूरोपीय स्वर्गदूतों की शैली में चित्रकारी की गई है, जो राजा सोलोमन की विशिष्टताओं का प्रतीक है। राजा सोलोमन कुरान में एक आदर्शात्मक शासक माना जाता है। ब्लैक पवेलियन का उपयोग ग्रीष्मकालीन मंडप के रूप में किया जाता था।
- इसके अतिरिक्त किले में मुगलों द्वारा बनाए गए कई स्मारक हैं, जिसमें अकबरी अकबरी गेट, अलमगिरी गेट, इत्यादि शामिल हैं अलमगिरी गेट किले के पश्चिमी दिशा पर स्थित है यह लाहौर किले का मुख्य प्रवेश द्वार भी है। साथ ही इस महल के अकबर युग के तत्वों को हिंदू और इस्लामी रूपांकनों के सम्मिश्रण शैली में सजाया गया है।