कमल मंदिर संक्षिप्त जानकारी

स्थानदिल्ली, भारत
खोज13 नवम्बर 1986
वास्तुकारफ़रीबर्ज़ सहबा
उद्घाटन24 दिसम्बर 1986

कमल मंदिर का संक्षिप्त विवरण

बहाई धर्म की आस्था के लिए प्रसिद्ध कमल मंदिर, भारत की राजधानी नई दिल्ली में कालका मंदिर (नेहरू प्लेस) के पिछले भाग में स्थित है। यह एक बहुत ही अनूठा मंदिर है, क्योकि यहाँ पर आपको कोई भी मूर्ति नहीं दिखाई देगी और न ही किसी प्रकार के कोई धार्मिक कार्य जैसे: हवन या चौकी लगाई जाती है, इसके बाबजूद भी यहाँ पर सभी धर्मों के लोग प्रार्थना और ध्यान के लिए आते है।

कमल मंदिर का इतिहास

कमल के फूल जैसे आकार के लिये प्रसिद्ध इस मंदिर का निर्माण कार्य 13 नवम्बर 1986 में संपन्न हुआ था। इस मंदिर का उद्घाटन 24 दिसम्बर 1986 में हुआ था। आम लोगो के लिए इस मंदिर को 1 जनवरी 1987 को खोला गया था।

कमल जैसी आकृति होने के कारण ही इसे कमल मंदिर या लोटस टेम्पल कहा जाता है। यह मंदिर बहाई धर्म के लोगो की आस्था और श्रद्धा के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरो में से एक है। तेहरान के पर्शियन अमीर आदमी बहा-उल्लाह ने बहाई धर्म की स्थापना की थी, इस धर्म के अनुसार भगवान केवल एक ही है।

कमल मंदिर के रोचक तथ्य

  1. लगभग क्षेत्रफल 26 एकड़ (10.5 हेक्टेयर 105,000 वर्ग मीटर) क्षेत्र में फैले इस मंदिर में अन्दर जाने के लिए 9 दरवाजे भी बनाये गये हैं।
  2. इस मंदिर को करीब 700 इंजिनियर, तकनीशियन, (Technician) कामगार और कलाकारों ने मिलकर पूरा किया था।
  3. इसे बनाने में इस्तेमाल किये गए मार्बल को विशेष रूप से ग्रीस से आयत किया गया था।
  4. इस मंदिर में 27 खड़ी मार्बल की पंखुड़ियाँ भी बनी हुई है, जिसे 3 और 9 के आकार में बनाया गया है और इसके हॉल में लगभग 2400 लोग एकसाथ बैठकर प्रार्थना कर सकते है।
  5. इन पंखुड़ियों के शेल्स के निर्माण में स्टील को गेल्वनाइज्ड किया गया है ताकि उसे जंग से बचाया जा सके। इन शेल्स की मोटाई 6 से 8 सेंटीमीटर है।
  6. इसकी लम्बाई लगभग 40 मीटर है और यह 9 तालाब से घिरा भी हुआ है।
  7. यहाँ दो छोटे सभागार भी हैं, जिसमें करीब 70 सीटें है।
  8. यह मंदिर अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, इसलिए यहाँ शोर मचाना मना है।
  9. यहाँ पर रोजाना लगभग 10 से 12 हजार लोग दर्शन (प्रार्थना) करने के लिए आते है।
  10. यहाँ पर हर घण्टे में 5 मिनट के लिए प्रार्थना सभाए आयोजित की जाती है।
  11. देश की राजधानी दिल्ली में स्थित कमल मंदिर विश्व के उन 7 प्रार्थना स्थलों में से एक है, जो बहाई धर्म का पालन करते हैं। बहाई धर्म के बाकी मंदिर सिडनी, पनामा, अपिया, कम्पाला, फ्रैंकफर्ट और विलेमेट आदि शहरों में स्थित हैं।
  12. आप यहाँ मंगलवार से रविवार तक किसी भी दिन जा सकते है। इस मंदिर में सोमवार को अवकाश रहता है।
  13. इस मंदिर का खुलने का समय गर्मियों में सुबह 9:30 बजे और बंद होने समय शाम को 6:30 बजे है। जबकि सर्दियों में यह सुबह 10:00 से शाम के 5:00 बजे तक खुलता है।

कमल मंदिर कैसे पहुँचे

बस या मेट्रो द्वारा:

भारत के कई राज्यों से दिल्ली आने के लिए सीधी बसे आसानी से मिल जाती है। ये बसे दिल्ली में अलग-अलग जगह पर रूकती है। वहां से पर्यटक इस मंदिर तक आने के लिए ऑटो, डीटीसी बस या मेट्रो इत्यादि लेकर पंहुच सकते है। मेट्रो त्वरित, सुविधाजनक व ए.सी. युक्त है, इस मदिर के समीप सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन कालका मंदिर है, यहाँ से आप पांच मिनट चल कर भी आ सकते है।

रेल यातायात द्वारा:

अगर आप रेल द्वारा आना चाहते है तो दिल्ली में दो मुख्य रेलवे स्टेशन है: दिल्ली रेलवे स्टेशन (पुरानी दिल्ली में) तथा न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन (पहाड़गंज में)। यहाँ से आप सार्वजनिक यातायात के द्वारा इस मंदिर तक पंहुच सकते है।

हवाई यातायात द्वारा:

यदि आप हवाई जहाज द्वारा आना चाहते है तो दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहाँ कई कम्पनियो के विमान देश-विदेश में जाने की सुविधा प्रदान करते है। यहां से पर्यटक टैक्सी और मेट्रो द्वारा आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

  Last update :  Wed 3 Aug 2022
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