नीमराना किला संक्षिप्त जानकारी
स्थान | अलवर, राजस्थान (भारत) |
निर्माण | 1464 ई. |
वास्तुकला शैली | मुगलकालीन और राजंपूताना |
प्रकार | किला |
नीमराना किला का संक्षिप्त विवरण
देश के उत्तरी हिस्से में स्थित राज्य राजस्थान के पहाड़ और उन पर बसे भव्य किले, महलों और इमारतों के कारण प्रदेश को विश्वस्तर पर काफी ख्याति प्राप्त की हैं। अरावली की पहाडिय़ों पर स्थित 552 साल पुराना नीमराना किला भारत की सबसे एतिहासिक इमारतों में से एक है। नीमराना एक ऐतिहासिक फोर्ट के साथ-साथ खूबसूरत फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। 'नीमराना' अलवर जिले का प्राचीन ऐतिहासिक शहर है, जो दिल्ली से लगभग 122 किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित है। नीमराना के आसपास अनेक आकर्षक स्थान हैं। इनकी रोचकता इतनी है कि देशी-विदेशी सैलानी यहां भारी संख्या में देखे जा सकते हैं।
नीमराना किला का इतिहास
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित ऐतिहासिक नीमराना किले का निर्माण 1464 ई. में हुआ था। नीमराना फोर्ट पैलेस भारत के चन्द प्राचीनतम हेरिटेज रिजॉर्ट्स में से एक है। नीमराना ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल नीमराना शहर का मुखिया निमोला मेओ था। इस दुर्ग का नाम शहर के मुखिया निमोला मेओ पर रखा गया था।
जब सन 1192 में निमोला मेओ और पृथ्वीराज चौहान के बीच युद्ध हुआ तो इस युद्ध में निमोला मेओ हार गया, तब चौहानो ने अपनी राजधानी को मानधन से नीमराना में स्थानांतरित कर दिया गया था। नीमराना किला-हवेली पृथ्वीराज चौहान III के वंशंज की तीसरी राजधानी बन गयी थी। युद्ध में हार जाने के बाद निमोला मेओ ने पृथ्वीराज चौहान से अनुरोध किया कि उस जगह को उसका नाम दिया जाए, तभी से इसे नीमराना कहा जाने लगा। पृथ्वीराज चौहान की 1192 में मुहम्मद गौरी के साथ जंग में मौत हो गई थी।
नीमराना किला के रोचक तथ्य
- 10 मंजिला इस विशाल किले को तीन एकड़ में अरावली पहाड़ी को काट कर बनाया गया है। यही कारण है कि इस महल में नीचे से ऊपर जाना किसी पहाड़ी पर चढ़ने का अहसास कराता है।
- इस फोर्ट के निर्माण में मुगलकालीन और राजंपूताना वास्तुकला शैली का मिश्रण साफ़ दिखाई पड़ता है। इसके अलावा महेल की भीतरी साज-सज्जा में अंग्रेजों के दौर की छवि भी देखी जा सकती है।
- यह पैलेस बहरोड़ और शाहजहांपुर के बीच में स्थित है। इसे राथ क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है।
- भारत सरकार द्वारा इस किले को साल 1986 में हेरिटेज रिसोर्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया है। ऊंची पहाड़ी पर स्थित नीमराना किला-हवेली के आस-पास सौंदर्य का आलीशान दृष्टिकोण इस स्थान को ओर भी आकर्षक बना देता है।
- दस मंजिल ऊँचे इस पैलेस में कुल 50 कमरे हैं। यहां बने नजारा महल और दरबार महल में कॉन्फ्रेंस हाल है। पैलेस में बदले इस किले में कई रेस्टोरेंट बने हुए हैं। इस पैलेस में ओपन स्विमिंग पूल भी बना है।
- इस किले की खास बात यह है कि, यहां पर बने हर कमरे को अलग-अलग नाम दिया गया है। अगर आप किले में राजसी ठाठ का आनंद लेना चाहते हैं, तो मामूली शुल्क देकर पर्यटक दो घंटे के लिए महल की भव्यता का लुत्फ उठा सकते हैं, लेकिन सिर्फ ये कमरें दिनभर के लिए उपयोग कर सकते हैं रात्रि के समय इन कमरों को किराये पर नहीं दिया जाता है।
- ऊँचे पहाड़ पर बने होने के कारण ज्यादातर कमरों की बालकनी से आसपास की भव्यता का पूरा आनंद उठा सकते है। यहां तक की इस किले के बाथरूम से भी आपको हरे-भरे नजारे देखने को आसानी से मिल जायेंगे।
- किले का शांत वातावरण और अंदर लगी भव्य तस्वीरें देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है।
- वर्तमान समय यह पैलेस एक प्रमुख विरासत स्थल बन चुका है और शादियों व सम्मेलनों के लिए एक उचित स्थान है।
- देश के मशहूर टाइगर रि़जर्व में से एक सरिस्का टाइगर रिजर्व भी यही पर स्थित है। यह टाइगर रिजर्व कभी अलवर के शाही परिवार का शिकारगाह हुआ करता था। दिल्ली-जयपुर मार्ग पर दिल्ली से 200 किमी. की दूरी पर स्थित सरिस्का नेशनल पार्क 866 वर्ग किमी. में फैला हुआ है। इस पार्क में बंगाल के शाही टाइगर, तेंदुआ, सांभर, बिज्जू, मगरमच्छ और विभिन्न प्रजातियों के पक्षी पाये जाते है।
- नीमराना से कुछ ही दूरी पर अलवर जिले में 'केसरोली' नामक एक प्राचीन स्थल है। यह घूमने के लिए एक शानदार जगह है। इसके अलावा अगर आप बोटिंग के शौकीन हैं तो केसरोली से सिलीसेढ लेक भी जा सकते हैं, जो बोटिंग के लिए काफी लोकप्रिय है।