पेट्रा जॉर्डन संक्षिप्त जानकारी
स्थान | पेट्रा, माआन गोवेर्नोराते (जॉर्डन) |
निर्माणकाल | लगभग 5वीं शताब्दी ई.पू. |
निर्मित | नाबातियन साम्राज्य |
वास्तुकला | मेसोपोटामियन और हेलेनिस्टिक का मिश्रित रूप |
पेट्रा जॉर्डन का संक्षिप्त विवरण
जॉर्डन के माआन गोवेर्नोराते प्रांत में स्थित पेट्रा विश्व के प्राचीन इतिहास का एक खजाना है। यह शहर एक उन्नत मानव सभ्यता का सूचक है, जो यह दर्शाता है की प्राचीन समय में भी लोगो के पास उन्नत तकनीक व ज्ञान था। यह जबल अल-मदबाह के ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों के भीतर बसा हुआ एक प्राचीन व रोचक शहर है, जो विश्व वर्तमान में अपने राजसी और प्राचीन स्थल लिए पर्यटकों आकर्षित कर रहा है।
पेट्रा जॉर्डन का इतिहास
प्राचीन विश्व इतिहास में कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उत्थान हुआ था जिसमे से एक नाबातियन साम्राज्य भी था, जिसने पेट्रा शहर पर कई वर्षो तक राज किया था। लगभग 6वीं शताब्दी ई. पू. में पेट्रा को नाबातियन साम्राज्य ने एक प्रभावशाली आर्थिक और राजनैतिक राजधानी के रूप में विकसित किया था।
पेट्रा प्राचीन विश्व में सबसे विकसित व आर्थिक रूप से मजबूत देश था, जो किसी भी साम्राज्य से काफी बेहतर था। लगभग 106 ई. में रोमन साम्राज्य ने अपना विस्तार करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद लगभग 106 ई. में रोमन साम्राज्य ने पेट्रा पर कब्जा कर लिया और रोमनों ने शहर का विस्तार जारी रखा।
व्यापार और वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र, पेट्रा ने तब तक विकास जारी रखा जब तक कि एक विनाशकारी भूकंप ने इमारतों को नष्ट नहीं किया और 6 वीं शताब्दी ई. में मुसलमानो ने पेट्रा को जीत लिया था, लेकिन वह उस पर ज्यादा समय तक नियंत्रण न रख सके।
इसके बाद जब 1189 ई. में मध्य पूर्व के मुस्लिम सुल्तान सलादीन ने पेट्रा पर विजय प्राप्त की तो ईसाइयो ने उस स्थान को त्याग दिया। ट्रांस-जॉर्डन के गठन के बाद इस स्थान की पहली वास्तविक खुदाई 1929 ई. में की गई थीं। वर्ष 1989 से यह स्थान जॉर्डन का सबसे बड़ा पर्यटको को आकर्षित करने वाला स्थल बन गया हैं।
पेट्रा जॉर्डन के रोचक तथ्य
- ऐसा माना जाता है कि इस शहर की स्थापना लगभग 312 ई. पू. में हुई थी, जिस कारण यह विश्व के सबसे पुराने शहरों में से एक है।
- कहा जाता है की यह शहर पहली शताब्दी ई.पू. से पहली शताब्दी ई. के मध्य लगभग 20,000 से 30,000 लोगों का निवास स्थान रहा है, जिसे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर के रूप में उपयोग किया गया था।
- इस शहर की सभ्यता विश्व की सबसे बड़ी सभ्यताओं में से एक है, जो लगभग 264 वर्ग कि.मी. के क्षेत्रफल में फैली हुई है और इसकी समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 810 मीटर है।
- माना जाता है की यह शहर पहली शताब्दी ई.पू से 8वीं शताब्दी ई. के मध्य गंभीर भूकंप का केंद्र रहा है, जिसे वर्ष 363 ई. में आए एक भूकंप ने काफी क्षति पंहुचाई थी, इस भूकंप के कारण शहर का आधा हिस्सा नष्ट हो गया था।
- वर्ष 1812 ई. में एक स्विस खोजकर्ता “जोहान लुडविग बुर्कहार्ट” ने इस ऐतिहासिक शहर की खोज की थी और इसे 'लॉस्ट सिटी' (खोया हुआ शहर) कहकर संबोधित किया क्यूंकि यह लगभग 5 शताब्दियों तक एक अज्ञात महानगर था।
- एक स्कॉटिश चित्रकार “डेविड रॉबर्ट्स” ने वर्ष 1893 में इस प्राचीन शहर का दौरा किया और पेट्रा के स्थानीय जनजातियों के साथ मुठभेड़ के चित्र और कहानियों को साथ लेकर इंग्लैंड लौट गया था।
- इस प्राचीन शहर के इतिहास, उन्नत सभ्यता और कलाकृति के लिए इसे वर्ष 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित कर दिया गया था।
- इस अद्भुत शहर को इसकी संरचना और आकर्षण के कारण वर्ष 2007 में विश्व के नए सात आश्चर्यों की सूची में सम्मिलित किया गया था।
- वर्ष 2016 में कुछ पुरातत्त्वविदों ने उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके पेट्रा के रेत के नीचे दफन एक बड़ी और अज्ञात विशाल संरचना की खोज की थी।
- इस अद्भुत प्राचीन शहर में एक उन्नत जल निकासी प्रणाली विकसित की गई थी, जो लगभग 363 ई. में आए एक भयानक भूकंप के कारण नष्ट हो गई थी।
- पेट्रा नाम ग्रीक भाषा के एक शब्द 'पेट्रोस' से आया है जिसका अर्थ है “चट्टान”। इसे अरबी में अल-बत्रा के नाम से भी जाना जाता है।
- इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर पर कई वर्षो तक नाबातियन साम्राज्य के कुशल शासको ने शासन किया था, जो एक कुशल जल संग्रहकर्ता थे।
- इस शहर को अपने चट्टानों के रंग के कारण “रोज सिटी” (गुलाबी शहर) भी कहा जाता है, जो सूर्योदय और सूर्यास्त के समय लाल-गुलाबी रंग के समान प्रतीत होता है।