सिद्धिविनायक मंदिर संक्षिप्त जानकारी
स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र (भारत) |
निर्माणकाल | 1801 |
निर्माता | विट्ठु और देउबाई पाटिल |
प्रकार | मंदिर |
देवता | गणेश (सिद्धिविनायक) |
सिद्धिविनायक मंदिर का संक्षिप्त विवरण
भगवान गणेश को समर्पित देश में सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई, महाराष्ट्र के प्रभादेवी में स्थित है। गणेश जी की जिन मूर्तियों की सूड़ दाईं तरफ मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं। इस मंदिर में हर साल दुनियाभर से सभी धर्म और जाति के लोग भगवान् गणपति के दर्शन करने आते हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर का इतिहास
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार इस इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 में हुआ था। जब लक्ष्मण विठू और देऊबाई पाटिल द्वारा यह मंदिर बनाया गया था, तब यह काफी बहुत छोटा था, लेकिन पिछले दो दशकों में इस मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण हो चुका है।
महाराष्ट्र सरकार ने साल 1991 में इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए 20000 वर्गफीट की जमीन भी प्रदान की थी। वर्तमान समय में इस मंदिर में पांच इमारते है, जिसमे प्रवचन ग्रह, गणेश संग्रहालय व गणेश विापीठ के अलावा दूसरी मंजिल पर एक अस्पताल भी बनाया गया है, जहां रोगियों का फ्री में ईलाज किया जाता है।
सिद्धिविनायक मंदिर के रोचक तथ्य
- इस मंदिर के अंदर एक छोटे से मंडप में भगवान गणेश के सिद्धिविनायक रूप की मूर्ति की स्थापना की गई है। सूक्ष्म शिल्पाकारी से परिपूर्ण गर्भगृह के लकड़ी के दरवाजों पर अष्टविनायक (गणेश की आठ अभिव्यक्तियों) को प्रतिबिंबित किया गया है। जबकि भीतरी छत को सोने की परत से सजाया गया हैं।
- अष्टभुजी गर्भग्रह की चौड़ाई लगभग 10 फीट और ऊंचाई 13 फीट है।
- गर्भगृह में अवस्थित भगवान गणेश की मूर्ति के ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक (लड्डुओं) भरा कटोरा है।
- भगवान् गणेश के दोनों ओर उनकी दोनों पत्नियां रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमा भी मौजूद हैं।
- पिता भगवान् शिव की तरह ही एक तीसरी आँख (नेत्र) और गर्दन में हार के स्थान पर एक सांप लिपटा है।
- इस मंदिर की द्वित्य मंजिल पर रसोईघर है, जहां से एक लिफ्ट सीधे गर्भग्रह में आती है। पुजारियों द्वारा इसी रास्ते के गणपति के लिए निर्मित प्रसाद व लड्डू से लाये जाते हैं।
- सिद्धिविनायक मंदिर की ऊपरी मंजिल पर यहां के पुजारियों के रहने की व्यवस्था की गई है।
- इस मंदिर में रोजाना ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन मंगलवार के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। जिसके कारण श्रद्धालुओं को चार-पांच घंटे लाइन में खड़े होने के बाद ही गणेश के जी के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता हैं।
- हर साल गणपति पूजा महोत्सव यहां भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष समारोह पूर्वक मनाया जाता है। इस मंदिर में अंगारकी और संकाष्ठि चतुर्थी के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
- हिंदू धर्म में भगवान गणपति को सबसे पहले पूजा जाता है, ऐसा माना जाता है कि कोई भी नया कार्य करने से पूर्व इनका पूजन अनिवार्य है। यही कारण है कि अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, मुकेश अम्बानी, विराट कोहली, रणवीर सिंह, प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण आदि जैसी देश की मशहूर हस्तियाँ इस मंदिर में भगवान् गणेश के दर्शन के लिए अक्सर आते रहते हैं।
- इस मंदिर के पास में एक पतली सी गली है जिसे ‘फूल गली’ के नाम से जाना जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में पूजन सामग्री (तुलसी माला, नारियल, मिष्ठान) की दुकानें मौजूद हैं।
- मुंबई में स्थित यह मंदिर 46 करोड़ रुपये की सालाना आय के साथ महाराष्ट्र का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है।
- इस मंदिर के लगभग 125 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट (सावधि जमा) में एकत्रित है।
- हर साल इस मंदिर को लगभग 100 मिलियन (यूएस $ 5 मिलियन) से 150 मिलियन (यूएस $ 2.2 मिलियन) तक का दान प्राप्त होता है, जो इसे मुंबई शहर का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट बनाता है।