चीन की महान दीवार संक्षिप्त जानकारी
स्थान | हुआइरोऊ, बीजिंग (चीन) |
निर्माण | 220 ई.पू. से 206 ई.पू. के मध्य |
निर्माता (किसने बनवाया) | किन शि हुआंग |
प्रकार | किलाबन्दी |
चीन की महान दीवार का संक्षिप्त विवरण
विश्व के सात अजूबो में से एक चीन की दीवार अपनी विशाल लंबाई और दृढ़ता के लिए दुनियाभार में प्रसिद्ध है। यह दीवार चीन के हुआइरोऊ प्रांत में स्थित है। यह दीवार ऐतिहासिक होने के साथ-साथ काफी खास भी है क्यूंकि यह विश्व की एक मात्र ऐसी प्राचीन दीवार है जो बिना किसी आधुनिक मशीनरी के इतनी विशाल व मजबूत बनाई गई है।
चीन की महान दीवार का इतिहास
एकीकृत चीन में लगभग 220 ई.पू. के आसपास वहाँ के पहले सम्राट क्वीन शी हुआंग ने यह आदेश पारित किया था की देश के विभिन्न प्रांतो के बीच फैली किलेबंदी को हटा दिया जाए और उत्तरी सीमा के साथ कई मौजूदा दीवारो को एकल प्रणाली के तहत बनाया जाए, ताकि उत्तरी हमले से विभिन्न प्रांतो की रक्षा एक साथ की जा सके।
क्वीन शी हुआंग के देहांत के साथ ही क्वीन राजवंश का पतन हो गया जिसके कारण चीन की विशाल दीवार की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती चली गई। क्वीन राजवंश के अंत के बाद चीन में हान राजवंश (206 ई.पू.-220 ई.) का शासन शुरू हुआ जिन्होंने इस दीवार के निर्माण कार्य को अपने नियंत्रण में ले लिया।
सबसे ताकतवर राजवंश" उत्तरी वी वंश" (386 ई.-535 ई.) ने अन्य उत्तरी मंगोलियाई जनजातियों' के आक्रमण से खुद को बचाने के लिए मौजूदा दीवार की दृढ़ता को और अधिक बढ़ाया। उत्तरी वी वंश के बाद चीन पर बेई क्यूई साम्राज्य (550-577) का शासन शुरू हुआ। उन्होंने इसकी लंबाई का विस्तार लगभग 1448.41 कि.मी. से अधिक तक किया।
इसके बाद चीन में सुई वंश (581-618) का शासन शुरू हुआ, जिन्होंने इसकी मरम्मत पर थोडा ध्यान दिया था परंतु जब तांग राजवंश (618-907) का शासंन शुरू हुआ तो इस दीवार ने अपना महत्व खो दिया था। 1206 ई. में चंगेज खान द्वारा युआन (मंगोल) वंश की चीन में स्थापना की गई जिसने चीन के सभी क्षेत्र, एशिया के कुछ हिस्से और यूरोप के कुछ क्षेत्रो को अपने नियंत्रिण में कर लिया था
इस दीवार ने मंगोल वंश को सैन्य दुर्ग के रूप में कुछ महत्व नहीं दिया। युआन वंश के बाद चीन पर मिंग वंश (1368-1644) का शासन शुरू हुआ जिसके दौरान मुख्य चीन की विशाल दीवार को पुननिर्मित किया गया। प्रारंभिक मिंग शासकों ने दीवार के निर्माण कार्य को सीमित रखा। मिंग शासकों के मजबूत शासन के अंतर्गत चीनी संस्कृति का और भी विकास हुआ। इस अवधि में चीन की दीवार के अतिरिक्त पुलों व मंदिरों का निर्माण भी करवाया गया। वर्तमान में जिस चीन की महान दीवार को हम देखते है उस निर्माण लगभग 1474 ई. में हुआ है।
चीन की महान दीवार के रोचक तथ्य
- इस दीवार के निर्माण में लगभग 2000 वर्षो से अधिक का समय लगा है परंतु वर्तमान में जिस दीवार को देखा जाता है उसका निर्माण 1474 ई. में मिंग शासकों ने करवाया था।
- यह दीवार विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित दीवार है जिसकी लंबाई लगभग 6400 किमी है।
- इस महान दीवार की ऊंचाई कंही भी एक समान नही है, किसी जगह यह 9 फुट ऊंची है तो कहीं पर 35 फुट तक ऊंची है।
- इस दीवार को इसलिए बनाया गया था ताकि चीन को किसी भी दूसरे साम्राज्य से सुरक्षित रखा जाए लेकिन यह इस कार्य में असफल हो गई क्योंकि चंगेज खान ने वर्ष 1211 ई. में इसे तोडकर चीन पर कब्ज़ा कर लिया था।
- 1960-70 के दशक में इस दीवार को बहुत क्षति पंहुची क्यूंकि चीनी लोगों ने इस दीवार से ईंटें निकालकर अपने लिए घर बनाना और ईंटो को बाजार में बेंचना शुरू कर दिया था, जिसके लिए उन्हें लगभग 3 पौंड तक मिल जाते थे। इस घटना के कारण सरकार ने इस प्रकार की चोरी और तस्करी के लिए कड़े नियम लागू कर दिए थे।
- इस दीवार को सार्वजनिक रूप से 1970 के बाद सामान्य पयर्टकों के लिए खोला गया था।
- इस महान दीवार की ख़ासियत को देखते हुये यूनेस्को द्वारा 1987 में इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया था।
- इस दीवार को लगभग प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ से ज्यादा पयर्टक देखने के लिए आते हैं।
- अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, रिचर्ड निक्सन, रानी एलिज़ाबेथ II और जापान के सम्राट अकिहितो सहित दुनियाभर के करीब 400 से अधिक प्रसिद्ध नेता इस दीवार को देख चुके हैं।
- इस ऐतहासिक दीवार का निर्माण किसी एक सम्राट द्वारा नहीं किया गया बल्कि इसे कई सम्राटों और राजाओं द्वारा बनाया गया था।
- यह पूरी दीवार छोटे-छोटे हिस्सों से मिलकर बनी है, जिसमे कई खाली जगहें भी हैं यदि इन खाली जगहों को भी जोड़ दिया जाये तो इसकी लम्बाई लगभग 8848 कि.मी. तक हो जाएगी।
- इस दीवार को इतना चौड़ा बनाया गया है, कि इस पर एक साथ 5 घुड़सवार या 10 पैदल सैनिक एक साथ चल सकते हैं।
- इस दीवार में कई जगह मीनारें भी बनाई गई है, ताकि दूर से आते किसी भी शत्रुओं पर आसानी से नजर रखी जा सके।
- इस महान दीवार इतनी विशाल है कि इसे अन्तरिक्ष की ऊंचाईयों से भी देखा जा सकता है।
- एक अनुमान के अनुसार इसे बनाने में करीब 10 लाख लोगों ने जान गई थी, जिस कारण इस दीवार को दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है।