टॉवर ब्रिज लंदन संक्षिप्त जानकारी
स्थान | लंदन (यूनाइटेड किंगडम) |
निर्माण | 1886 से 1894 |
वास्तुकार | जॉर्ज डी स्टीवनसन और होरेस जोन्स |
अभियंता | जॉन वोल्फ बैरी |
प्रकार | यातायात पुल |
टॉवर ब्रिज लंदन का संक्षिप्त विवरण
विश्व में कई स्थानों पर अलग-अलग प्रकार के पुल मौजूद है परंतु टावर ब्रिज जैसा अनोखा व अद्भुत पुल शायद ही विश्व में दूसरा कंही होगा। इस पुल की अनोखी संरचना इसे दुनिया के कई पुलों से पृथक करती। यह पुल ब्रिटेन की सुन्दरता को और भी ज्यादा बढ़ा देता है।
टॉवर ब्रिज लंदन का इतिहास
लंदन शहर के दो क्षेत्र टॉवर हैमलेट्स और साउथवार्क थेम्स नदी के कारण एक दूसरे से जुड़ नही पा रहे थे क्यूंकि यह नदी जहाजो के आवागमन के लिए उपयोग की जाती थी अगर इस पर कोई स्थाई पुल का निर्माण कर दिया जाता तो इससे जहाजो के आवागमन अवरुद्ध हो जाते।
इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए सर अल्बर्ट जोसेफ अल्टमैन की अध्यक्षता में 1877 में एक विशेष पुल कमेटी का गठन किया गया, जिसमे 50 से अधिक पुलों के डिजाईन को लेकर बहस चली परंतु कोई डिजाईन तय नही हुआ अंत जॉर्ज डी स्टीवनसन, होरेस जोन्स और जॉन वोल्फ बैरी ने एक अनोखे बेसकूल पुल का सुझाव दिया जिसे स्वीकार कर लिया गया और पुल को गॉथिक शैली अनुसार बनाने का आदेश दिया गया। पुल का निर्माण 1886 में शुरू हुआ और उसे 1894 तक पूर्ण कर लिया गया।
टॉवर ब्रिज लंदन के रोचक तथ्य
- इस पुल के निर्माण में लगभग 8 वर्षो का समय लगा था। इसका निर्माण 21 जून 1886 में शुरू किया गया था और इसे 30 जून 1894 तक बनाकर जनता के लिए खोल दिया गया था।
- यह विश्व के विशाल पुलों में से एक है। इसकी कुल लंबाई 244 मीटर व कुल ऊंचाई 65 मीटर है।
- इस पुल के निर्माण के लिए लगभग 400 से अधिक श्रमिकों को नियुक्त किया गया था।
- इस पुल के आधार के निर्माण के लिए लगभग 70000 टन से अधिक कंक्रीट थेम्स नदी में डाला गया था।
- यह पुल लंदन के सबसे व्यस्त पुलों में से एक है जिसका प्रत्येक दिन लगभग 40,000 से अधिक लोग उपयोग करते हैं।
- इस पुल के टॉवर्स और सायादार रास्ते के ढांचे का निर्माण करने के लिए लगभग 11,000 टन स्टील का उपयोग किया गया था।
- यह पुल थेम्स नदी के ऊपर बना है जो लंदन के उत्तर में स्थित टॉवर हैमलेट्स को लंदन के दक्षिण में स्थित साउथवार्क से जोड़ता है।
- साल 1910 के बाद पहली बार टॉवर ब्रिज प्रदर्शनी (Tower Bridge Exhibition) को 1982 में स्थायी प्रदर्शनी के साथ जनता के लिए खोला गया था।