विजयनगरम किला संक्षिप्त जानकारी
स्थान | विजयनगरम जिला, आंध्र प्रदेश (भारत) |
निर्माण | 1713 ई. |
निर्माता | एच.एच. विजया राम राजू |
प्रकार | किला |
विजयनगरम किला का संक्षिप्त विवरण
भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित आंध्र प्रदेश भारत के सबसे पुराने और धार्मिक राज्यों में से एक है। आंध्रप्रदेश को भारत के सबसे प्रमुख राज्यों की सूची में सम्मिलित किया गया है क्यूंकि इसकी समुद्री सीमा व्यापर के उद्देश्य से काफी व्यापक क्षेत्रफल में फैली हुई है। आंध्रप्रदेश के विजयनगरम जिले में स्थित विजयनगरम किला भारत के सबसे बड़े और धनी किलो में से एक है जिसका निर्माण लगभग 17वीं शताब्दी में करवाया गया था।
विजयनगरम किला का इतिहास
इस विश्व प्रसिद्ध किले का निर्माण वर्ष 1713 ई. में ऐसे स्थान पर किया गया था जहां पांच विजया ("जीत के संकेत") मौजूद थे। इस किले का नाम इसके संस्थापक महाराजा विजय राम राजू के नाम पर रखा गया है, जिन्हें विजयनगरम के महाराजा आनंद राजू प्रथम भी कहा जाता था। इस किले के निर्माण के लिए स्थान का सुझाव राजा को मुस्लिम संत महाबूब वल्ली द्वारा दिया गया था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विजया के नाम से जाना जाने वाले वर्ष को इस किले की नींव रखने के लिए चुना गया था, क्यूंकि यह शुभ तिथि किले के भविष्य के लिए अच्छी मानी जा रही थी।
विजयनगरम किला के रोचक तथ्य
- इस विश्व प्रसिद्ध किले के निर्माण का कार्य एच.एच. विजया राम राजू ने किया था, जिन्होंने इस किले का निर्माण वर्ष 1713 ई. में करवा दिया था।
- यह किला 240 मीटर के वर्ग के आकार में बनाया गया है, जो इस किले की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है।
- यह किला 240 मीटर चौड़ा है और इसकी ऊंचाई लगभग 10 मीटर की है।
- इस किले का निर्माण पत्थरों से किया गया है, इस किले के शीर्ष पर दीवार की चौड़ाई लगभग 8 से 16 मीटर तक है।
- इस किले में 2 मुख्य प्रवेश द्वार है, जिन्हें राजस्थानी वास्तुकला शैली में बनाया गया है, इन पर विभिन्न प्रकार की नक्काशियां भी की गई है।
- इस किले के भीतर स्थित मोती महल एक शाही अदालत या दरबार हॉल है जिसे वर्ष 1869 ई. में विजयराम राजू-III द्वारा बनाया गया था। इस हॉल में 2 संगमरमर की अद्भुत मूर्तियां भी स्थित हैं।
- इस किले की प्रमुख संरचना में से एक औध खान विजनियागरम के राजाओं का भव्य शाही महल है। यह एक प्रकार का राजसी स्नान कक्ष है, जो फूल बाग पैलेस से जुड़ा एक अष्टकोणीय पत्थर संरचना है। इस महल की रचना पत्थरों के साथ की गई है। इसकी कुल ऊंचाई 15 मीटर है, इसमें एक सर्पिल सीढ़ी है।
- इस किले के भीतर स्थित अलकनंदा महल शाही गेस्ट हाउस के रूप में बनाया गया था, जिसका वर्तमान में उपयोग आंध्र प्रदेश के सशस्त्र रिजर्व पुलिस का 5वां सैन्य दल करता है।
- अलाकानंद महल के नजदीक ही कोरुकोंडा महल स्थित है। इस महल के चारों ओर की भूमि का क्षेत्रफल लगभग 1000 एकड़ है, जिसका उपयोग एक खेल के मैदान के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- इस किले में स्थित घंटा स्तम्भ एक क्लॉक टॉवर है। इसका निर्माण वर्ष 1885 ई. में लाल बलुआ पत्थर से अष्टकोणीय आकार में किया गया था। इस मीनार की ऊंचाई 68 फीट है।