अरुण जेटली का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
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अरुण जेटली का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान
नाम
अरुण जेटली (Arun Jaitley)
जन्म की तारीख
28 फरवरी
जन्म स्थान
दिल्ली, भारत
निधन तिथि
24 अगस्त
माता व पिता का नाम
रतन प्रभा जेटली / महाराज किशन जेटली
उपलब्धि
2014 - भारत के 20वें वित्त मंत्री
पेशा / देश
पुरुष / भारतीय राजनेता, वकील / भारत
अरुण जेटली - भारत के 20वें वित्त मंत्री (2014)
अरुण जेटली एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वकील थे, जो 2014 से 2019 तक भारत सरकार के वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री थे। अरुण जेटली ने स्वास्थ्य मुद्दों के कारण 2019 में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया। उनका निधन 24 अगस्त 2019 को एम्स , नई दिल्ली में दोपहर 12: 07 बजे हो गया। उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में 2020 में मरणोपरांत भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया ।
अरुण जेटली का जन्म 28 फरवरी 1952 को दिल्ली (भारत ) में हुआ थ| इनके पिता का नाम महाराज किशन जेटली और माता का नाम रतन प्रभा जेटली था| इनके पिता एक वकील का कार्य करते थे और माता एक गृहिणी थीं|
अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को (66 वर्ष ) नई दिल्ली ,दिल्ली ,भारत में सास फूलने की वजह से उनकी मृत्यु ही गयी थी। उन्हें गंभीर हालत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में भर्ती कराया गया था। लेकिन 23 अगस्त को तबियत ख़राब हो जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।
उन्होंने 1957 से 1969 तक सेंट जेवियर्स स्कूल, दिल्ली में अध्ययन किया। उन्होंने वाणिज्य, बीकॉम में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से। उन्होंने 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री उत्तीर्ण की। सत्तर के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस में जेटली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेता थे और 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस में जेटली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेता थे जिसके बाद वर्ष और 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह राज नारायण और जयप्रकाश नारायण द्वारा वर्ष 1973 में शुरू किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन के प्रमुख नेता थे। वह जय प्रकाश नारायण द्वारा नियुक्त छात्र और युवा संगठन की राष्ट्रीय समिति के संयोजक के रूप में कार्यरत थे और जिसके साथ-साथ वे नागरिक अधिकार आंदोलन में भी सक्रिय थे। वर्ष 1977 में जब कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक होने के नाते, जेटली को दिल्ली ABVP का अध्यक्ष और अखिल भारतीय का सचिव नियुक्त किया गया था। जेटली लगातार वर्ष 1991 से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे। लेकिन वर्ष 1999 के आम चुनाव से पहले की अवधि के दौरान भाजपा के प्रवक्ता बन गए थे। वर्ष 1977 में, जब कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, तब लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक होने के नाते, जेटली को दिल्ली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अध्यक्ष और सचिव नियुक्त किया गया था।वर्ष 1999 में, भाजपा की वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सत्ता में आने के बाद, उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था और जिसके साथ ही उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री भी नियुक्त किया गया था। 23 जुलाई 2000 को जेटली ने कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था और जिसके बाद उन्हें वर्ष 2000 में ही एक कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था। अरुण जेटली ने 1 सितंबर, 2001 शिपिंग के लिए मंत्री के कार्यालय संभाला और 1 जुलाई 2002 को केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया था। जेटली के मेहनत और लगन से कार्य करते रहने से उन्हें 29 जनवरी 2003 को केंद्रीय मंत्रिमंडल को वाणिज्य और उद्योग और कानून और न्याय मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया था। जेटली ने 26 अगस्त, 2012 को संसद के बाहर एक कथन कहा था “ऐसे अवसर होते हैं जब संसद में बाधा देश को अधिक लाभ पहुंचाती है।” इस कथन को भारत में समकालीन राजनीति में संसद की बाधा को वैधता प्रदान करने वाला माना जाता गया था। 26 मई 2014 को अरुण जेटली को मोदी सरकार में वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में चुना गया था।
उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में 2020 में मरणोपरांत भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
अरुण जेटली प्रश्नोत्तर (FAQs):
अरुण जेटली का जन्म 28 फरवरी 1952 को दिल्ली, भारत में हुआ था।
अरुण जेटली को 2014 में भारत के 20वें वित्त मंत्री के रूप में जाना जाता है।