इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए बेनजीर भुट्टो से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Benazir Bhutto Biography and Interesting Facts in Hindi.
बेनजीर भुट्टो का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान
नाम | बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) |
जन्म की तारीख | 21 जून |
जन्म स्थान | कराची, पाकिस्तान |
निधन तिथि | 27 दिसम्बर |
माता व पिता का नाम | बेगम नुसरत भुट्टो / ज़ुल्फिकार अली भुट्टो |
उपलब्धि | 1988 - किसी मुस्लिम देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री |
पेशा / देश | महिला / राजनीतिज्ञ / पाकिस्तान |
बेनजीर भुट्टो - किसी मुस्लिम देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (1988)
बेनजीर भुट्टो एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने वर्ष 1988 से 1990 तक और फिर 1993 से 1996 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। वह मुस्लिम बहुसंख्यक राष्ट्र में लोकतांत्रिक सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला थीं। पूरब की बेटी के नाम से जानी जाने वाली बेनज़ीर किसी भी मुसलिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री तथा दो बार चुनी जाने वाली पाकिस्तान की पहली प्रधानमंत्री थीं। वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रतिनिधि तथा मुसलिम धर्म की शिया शाखा की अनुयायी थीं।
बेनजीर भुट्टो को ऑक्सफ़ोर्ड में अध्ययन के दौरान वे ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन की अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे 1977 में पाकिस्तान वापस पहुँचीं और घर वापस आने के कुछ ही दिनों के अंदर उनके पिता और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ज़ुल्फिकार अली भुट्टो का तख़्तापलट हो गया। वे चुनाव जीत कर सत्ता में आए थे, लेकिन उनके विरोधियों का आरोप था कि चुनाव में धांधली हुई है। भुट्टो के चुनाव के विरोध में पाकिस्तान की सड़कों पर प्रदर्शन हुए। इसी बीच सेना प्रमुख जनरल ज़िया उल हक ने भुट्टो को बंदी बना लिया और शासन की बागडोर अपने हाथ में ले ली। भुट्टो पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने सहयोगियों की हत्या करवाई है। 4 अप्रैल 1979 में भुट्टो को फांसी दे दी गई। भुट्टो को फांसी देने के बाद सैनिक सरकार द्वारा बेनज़ीर को हिरासत में ले लिया गया। 1977 से 1984 के बीच बेनज़ीर अनेक बार रिहा हुई और अनेक बार कैद हुईं। 1984 में तीन साल की क़ैद के बाद उन्हें पाकिस्तान से बाहर जाने की अनुमति दी गई। उस समय वे लंदन जाकर रहीं। भुट्टो की पहली कैबिनेट पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ी थी। उसने खुद को नए कोषागार मंत्री के रूप में नियुक्त किया।
प्रशासन के अधिकांश लोगों को राजनीतिक अनुभव बहुत कम था। मुमताज़ अली भुट्टो सहित पीपीपी पुराने गार्ड के विभिन्न सदस्यों ने अपने द्वारा लिए गए समर्थक पूँजीवादी निर्देश पर निराशा में पार्टी छोड़ दी। 1988 में बेनज़ीर भारी मतों से चुनाव जीत कर आईं और पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। वे किसी इस्लामी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। दो साल बाद 1990 में उनकी सरकार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ग़ुलाम इशाक ख़ान ने बर्ख़ास्त कर दिया। 1993 में फिर आम चुनाव हुए और वे फिर विजयी हुईं। उन्हें 1996 में दोबारा भ्रष्टाचार के आरोप में बर्ख़ास्त किया गया। पहली बार प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के समय बेनज़ीर लोकप्रियता के शिखर पर थीं। उनकी ख्याति विश्व स्तर पर सर्वप्रमुख महिला नेता की थी। लेकिन दूसरी बार सत्ता से बेदखल किए जाने तक उनकी छवि पूरी तरह बदल चुकी थी। 1999 में पाकिस्तान छोड़ दिया और संयुक्त अरब इमारात के नगर दुबई में आकर रहने लगीं। उनकी अनुपस्थिति में पाकिस्तान की सैनिक सरकार ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों की जाँच की और उन्हें निर्दोष पाया गया। वे 18 अक्टूबर 2007 में पाकिस्तान लौटीं। उसी दिन एक रैली के दौरान कराची में उन पर दो आत्मघाती हमले हुए जिसमें करीब 140 लोग मारे गए, लेकिन बेनज़ीर बच गईं थी।
बेनजीर भुट्टो प्रश्नोत्तर (FAQs):
बेनजीर भुट्टो का जन्म 21 जून 1953 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था।
बेनजीर भुट्टो को 1988 में किसी मुस्लिम देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है।
बेनजीर भुट्टो की मृत्यु 27 दिसम्बर 2007 को हुई थी।
बेनजीर भुट्टो के पिता का नाम ज़ुल्फिकार अली भुट्टो था।
बेनजीर भुट्टो की माता का नाम बेगम नुसरत भुट्टो था।