इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे भानु अथैया (Bhanu Athaiya) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए भानु अथैया से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Bhanu Athaiya Biography and Interesting Facts in Hindi.

भानु अथैया का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नामभानु अथैया (Bhanu Athaiya)
जन्म की तारीख28 अप्रैल
जन्म स्थानमहाराष्ट्र, कोल्हापुर
निधन तिथि15 अक्टूबर
माता व पिता का नामशांताबाई राजोपाध्याय / अन्नासाहेब
उपलब्धि1983 - ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला
पेशा / देशमहिला / निर्देशक / भारत

भानु अथैया - ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला (1983)

भानु अथैया भारतीय सिनेमा में मशहूर ड्रेस डिज़ाइनर के रूप में जानी जाती हैं। वह ऐसी पहली भारतीय महिला हैं, जिन्हें ‘ऑस्कर अवार्ड" से नवाजा गया है। उन्हें 1983 में गांधी फिल्म के लिए बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइनर का अकैडमी अवॉर्ड मिला था। उसी साल म्यूजिक डायरेक्टर रवि शंकर भी नॉमिनेट हुए थे लेकिन वो यह अवॉर्ड जीत नहीं पाए थे। 1983 के ऑस्कर में इस फिल्म को 11 श्रेणियों में नॉमिनेट किया गया था। भानु अथैया साढ़े पाँच दशक से हिन्दी सिनेमा में सक्रिय हैं।

भानु अथैया का जन्म 28 अप्रैल, 1929 को महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर में हुआ था। भानु अथैया का पूरा नाम ‘भानुमति अन्नासाहेब राजोपाध्येय" रखा गया था। इनके पिता का नाम अन्नासाहेब और माता का नाम शांताबाई राजोपाध्येय था| यह अपने सात भाई-बहनों में से तीसरे नंबर की पुत्री थी।
आज़ादी के पहले उस दौर में कोल्हापुर जैसे छोटे शहर में भानु के माता-पिता ने अपनी बेटी को खूब पढ़ाया और उसकी रुचियों और प्रतिभा को देखते हुए उसे मुंबई के जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में शिक्षा के लिए भेजा। यहाँ से उन्होंने स्नातक की उपाधि गोल्ड मेडल के साथ प्राप्त की। इसके बाद वे "प्रोग्रेसिव आर्ट ग्रुप" की सदस्य के लिये भी नामित हुईं। माता-पिता ने जब अपनी बेटी भानु को रेखाचित्र बनाते देखा था तो उसे प्रोत्साहित किया और आग्रह किया कि वह गाँधीजी का रेखाचित्र बनाए।
अथैया ने अपने करियर की शुरुआत बॉम्बे की विभिन्न महिला पत्रिकाओं के लिए एक फ्रीलांस फैशन इलस्ट्रेटर के रूप में की थी, जिसमें "ईव का वीकली" भी शामिल था। बाद में जब इसके संपादक ने एक बुटीक खोला, तो उसने अथैया को कपड़े डिजाइन करने की कोशिश करने के लिए कहा, इसके बाद उसने कपड़े डिजाइन करने के लिए अपनी स्वभाव की खोज की। एक डिजाइनर के रूप में उनकी सफलता ने जल्द ही उनके करियर के रास्ते बदल दिए। उनका करियर गुरु दत्त की फिल्मों के लिए कपड़े डिजाइन करने से शुरू हुआ, जिसकी शुरुआत सी.आई.डी. (1956)। वह जल्द ही गुरुदत्त टीम का हिस्सा बन गई। उन्होंने फिल्म सी आई डी के साथ फिल्म कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में अपनी शुरुआत की। 1956 में, और इसके बाद प्यासा (1957), चौदहवीं का चांद (1960) और साहिब बीबी और गुलाम (1962) जैसी अन्य गुरुदत्त फिल्मों के साथ काम किया। 100 से अधिक फिल्मों में अपने करियर के दौरान, उन्होंने गुरु दत्त, यश चोपड़ा, बी आर जैसे भारतीय फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया। मार्च 2010 में, अथैया ने हार्पर कॉलिंस द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक द आर्ट ऑफ़ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन जारी की। 13 जनवरी 2013 को, अथैया ने दलाई लामा को पुस्तक की एक प्रति भेंट की थी।
50 साल के अपने करियर में उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने 1982 की फिल्म, गांधी में अपने काम के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन (जॉन मोल्लो के साथ साझा) के लिए अकादमी पुरस्कार जीता। वह अकादमी पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। सन 1983 में भानु अथैया को ‘ऑस्कर पुरस्कार" मिला था। वे इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला है। उन्होंने 1991 और 2002 में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीते। 23 फरवरी 2012 को, यह बताया गया कि अथैया ने एकेडमी अवार्ड को द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज में वापस करना चाहा क्योंकि उन्हें लगा कि उनके निधन के बाद उनका परिवार ट्रॉफी का ध्यान नहीं रख पाएगा। 15 दिसंबर 2012 को, यह पुष्टि की गई कि ट्रॉफी अकादमी में वापस आ गई थी।

भानु अथैया प्रश्नोत्तर (FAQs):

भानु अथैया का जन्म 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र, कोल्हापुर में हुआ था।

भानु अथैया को 1983 में ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में जाना जाता है।

भानु अथैया की मृत्यु 15 अक्टूबर 2020 को हुई थी।

भानु अथैया के पिता का नाम अन्नासाहेब था।

भानु अथैया की माता का नाम शांताबाई राजोपाध्याय था।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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