इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे देविका रानी (Devika Rani) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए देविका रानी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Devika Rani Biography and Interesting Facts in Hindi.

देविका रानी का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नामदेविका रानी (Devika Rani)
जन्म की तारीख30 मार्च
जन्म स्थानवाल्टेयर (विशाखापत्तनम)
निधन तिथि08 मार्च
माता व पिता का नामश्रीमती लीला चौधरी / कर्नल एम॰एन॰ चौधरी
उपलब्धि1970 - दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय अभिनेत्री
पेशा / देशमहिला / अभिनेत्री / भारत

देविका रानी - दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय अभिनेत्री (1970)

देविका रानी हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। इनका योगदान भारतीय सिनेमा के लिये बहुत महत्वपूर्ण रहा है। स्कूल की शिक्षा समाप्त करने के बाद 1920 के दशक के आरंभिक वर्षों में देविका रानी नाट्य शिक्षा ग्रहण करने के लिये लंदन चली गईं और वहाँ वे ‘रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट" (RADA) और रॉयल ‘एकेडमी ऑफ म्युजिक" नामक संस्थाओं में भर्ती हो गईं। जिस जमाने में भारत की महिलायें घर की चारदीवारी के भीतर भी घूंघट में मुँह छुपाये रहती थीं,उस समय देविका रानी ने चलचित्रों में काम करके अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था। उन्हें उनके अद्वितीय सुंदरता के लिये भी हमेशा याद किया जाता रहेगा।

देविका रानी का जन्म 30 मार्च, 1908 में विशाखापत्तनम में हुआ था। इनके पिता का नाम कर्नल एम॰एन॰ चौधरी और माता का नाम श्रीमती लीला चौधरी था। इनके पिता मद्रास के पहले ‘सर्जन जनरल" थे।
देविका रानी की मृत्यु 9 मार्च 1994 (आयु 85 वर्ष) को बैंगलोर, कर्नाटक, भारत में हुई।
देविका रानी को नौ साल की उम्र में इंग्लैंड के बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया गया, और वहाँ पली-बढ़ीं। 1920 के दशक के मध्य में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अभिनय और संगीत का अध्ययन करने के लिए रॉयल अकादमी ऑफ़ ड्रामेटिक आर्ट (RADA) और लंदन में रॉयल अकादमी ऑफ़ म्यूज़िक में दाखिला लिया। उसने वास्तुकला, कपड़ा और सजावट डिजाइन के पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया, और यहां तक कि एलिजाबेथ आर्डेन के तहत प्रशिक्षुता भी हासिल की। इन सभी पाठ्यक्रमों में से प्रत्येक, कुछ महीने पहले, 1927 तक पूरा हो गया, और देविका रानी ने तब टेक्सटाइल डिज़ाइन में नौकरी की।
अध्ययन काल के मध्य देविका रानी की मुलाकात हिमांशु राय से हुई। हिमांशु राय ने देविका रानी को लाइट ऑफ एशिया नामक अपने पहले प्रोडक्शन के लिया सेट डिजाइनर बना लिया। सन् 1929 में उन दोनों ने विवाह कर लिया। विवाह के बाद हिमांशु राय को जर्मनी के प्रख्यात यू॰एफ॰ए॰ स्टुडिओ में "ए थ्रो ऑफ डाइस" नामक फिल्म बनाने के लिये निर्माता का काम मिल गया और वे सपत्नीक जर्मनी आ गये। भारत में भी उन दिनों चलचित्र निर्माण का विकास होने लग गया था अतः हिमांशु राय अपने देश में फिल्म बनाने का विचार करने लगे और वे देविका रानी के साथ स्वदेश वापस आ गये। भारत आकर उन्होंने फिल्में बनाना शुरू कर दिया और उनकी फिल्मों में देविका रानी नायिका का काम करने लगीं। सन् 1933 में उनकी फिल्म कर्मा प्रदर्शित हुई और इतनी लोकप्रिय हुई कि लोग देविका रानी को कलाकार के स्थान पर स्टार सितारा कहने लगे| इस तरह देविका रानी भारतीय सिनेमा की पहली महिला फिल्म स्टार बनीं। देविका रानी और उनके पति हिमांशु राय ने मिलकर बांबे टाकीज़ स्टुडिओ की स्थापना की जो कि भारत के प्रथम फिल्म स्टुडिओं में से एक है। बांबे टाकीज़ को जर्मनी से मंगाये गये उस समय के अत्याधुनिक उकरणों से सुसज्जित किया गया। अशोक कुमार, दिलीप कुमार, मधुबाला जैसे महान कलाकारों ने बांबे टाकीज़ में काम कर चुके है। अछूत कन्या, किस्मत, शहीद, मेला जैसे अत्यंत लोकप्रिय फिल्मों का निर्माण वहाँ पर हुआ है। अछूत कन्या उनकी बहुचर्चित फिल्म रही है क्योंकि वह फिल्म एक अछूत कन्या और एक ब्राह्मण युवा के प्रेम प्रसंग पर आधारित थी| फिल्मों से संन्यास लेने के बाद, देविका रानी ने 1945 में रूसी कलाकार निकोलस रोरिक के बेटे रूसी चित्रकार स्वेतोस्लाव रोरिक से शादी कर ली। शादी के बाद यह जोड़ा हिमाचल प्रदेश के मनाली चला गया, जहाँ वे नेहरू परिवार से परिचित हुए। मनाली प्रवास के दौरान, देविका रानी ने वन्यजीवों पर कुछ वृत्तचित्र बनाए। कुछ वर्षों तक मनाली में रहने के बाद, वे बैंगलोर, कर्नाटक चले गए, और वहां एक निर्यात कंपनी का प्रबंधन किया। इस जोड़े ने शहर के बाहरी इलाके में 450 एकड़ (1,800,000 मी 2) की संपत्ति खरीदी और अपने जीवन के शेष समय के लिए एकान्त जीवन व्यतीत किया।
1958 में भारत सरकार ने देविका रानी को ‘पद्मश्री" सम्मान दिया। भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान ‘दादा साहब फाल्के सम्मान" सबसे पहले (1970 में) उन्हें ही मिला था। 1990 में देविका को सोवियत रूस ने ‘सोवियत लैंड नेहरू अवॉर्ड" से सम्मानित किया। फरवरी 2011 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा उनकी याद में एक डाक टिकट भी जारी किया था।

देविका रानी प्रश्नोत्तर (FAQs):

देविका रानी का जन्म 30 मार्च 1908 को वाल्टेयर (विशाखापत्तनम) में हुआ था।

देविका रानी को 1970 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय अभिनेत्री के रूप में जाना जाता है।

देविका रानी की मृत्यु 08 मार्च 1994 को हुई थी।

देविका रानी के पिता का नाम कर्नल एम॰एन॰ चौधरी था।

देविका रानी की माता का नाम श्रीमती लीला चौधरी था।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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