इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी (Mohammed Zahur Khayyam) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Mohammed Zahur Khayyam Biography and Interesting Facts in Hindi.

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नाममोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी (Mohammed Zahur Khayyam)
वास्तविक नाममोहम्मद ज़हुर खय्याम
जन्म की तारीख18 फरवरी
जन्म स्थानराहों, नवांशहर जिला, पंजाब
निधन तिथि19 अगस्त
माता व पिता का नाममोहतरमा हुरमत जहान हाशमी / जनाब अल-हज़ मियाँ मुहम्मद अब्दुल्ला हाशमी
उपलब्धि2011 - पद्म भूषण से सम्मानित
पेशा / देशपुरुष / गायक / भारत

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी - पद्म भूषण से सम्मानित (2011)

मोहम्मद ज़हूर "खय्याम" हाशमी एक भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार थे। उनकी पहली फिल्म वर्ष 1982 में आयी थी फ़िल्म उमराव जान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था| कला क्षेत्र में उनके योगदान के लिए खय्याम को वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा पदम् भूषण पुरस्कार प्रदान किया गया था|

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी का जन्म 18 फ़रवरी 1927 राहों, नवांशहर जिला, पंजाब में हुआ था|
मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी का निधन 19 अगस्त 2019 (92वर्ष की आयु) में मुंबई , महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। ये अपने अंतिम दिनों में विभिन्न आयु संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। 28 जुलाई 2019 को, खय्याम को फेफड़े के संक्रमण के कारण जुहू, मुंबई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद इन्हें दिल का दौरा पडा और इनकी मृत्यु हो गई।
मोहम्मद ज़हूर ने अपने चाचा के घर पर रहकर शास्त्रीय गायक और संगीतकार पंडित अमरनाथ के तहत प्रशिक्षण लिया था।
खय्याम फ़िल्मों में भूमिकाएँ खोजने लाहौर गए। वहां उनकी मुलाकात पंजाबी संगीत निर्देशक बाबा चिश्ती से हुई। चिश्ती द्वारा एक रचना को सुनने के बाद, उन्होंने उसका पहला भाग गाया। प्रभावित होकर, चिश्ती ने उन्हें एक सहायक के रूप में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। खय्याम ने छह महीने के लिए चिश्ती की सहायता की और 1943 में लुधियाना आए। वह तब केवल 17 वर्ष के थे। खय्याम ने वर्ष 1949 में हीर-राँझा फ़िल्म से शर्माजी-वर्माजी जोड़ी के शर्माजी के नाम से एक संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने गैर-फिल्मी गीतों की भी रचना भी की थी जिनमें से कुछ में “पांव पडूं तोरे श्याम, बृज में लुट चलो” और “ग़ज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार क्या” शामिल हैं। उन्होंने मीना कुमारी के एल्बम, आई राइट, आई रेसाइट के लिए संगीत दिया , जिसमें उनके द्वारा लिखे और गाए गए नज़्मों की विशेषता थी। खय्याम के संगीत में गज़ल का स्पर्श था, लेकिन भारतीय शास्त्रीय संगीत में निहित था। रचनाएँ भावपूर्ण, मधुर और भावपूर्ण थीं, गीत कविता और उद्देश्य में समृद्ध थे और शैली उन दिनों के लोकप्रिय ब्रांड से अलग थी, जो या तो अर्ध-शास्त्रीय, ग़ज़ल या हल्की और क्रियात्मक हुआ करती थी। मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी द्वारा प्रमुख फिल्मोग्राफी रोमियो एंड जूलियट (1947), हीर रांझा (1948), बीवी (1950), प्यार की बात (1951), फ़ुट पाथ (1953),गुल बहार (1954),धोबी डॉक्टर (1954), शोला और शबनम (1961), मोहब्बत इसको कहे हैं (1965), कभी कभी (1976), मीना कुमारी अमर कहानी (1979), गुलाम बंधु (2016) इत्यादि हैं। अपने 89 वें जन्मदिन पर, खय्याम ने एक धर्मार्थ ट्रस्ट, खय्याम जगजीत कौर केपीजी चैरिटेबल ट्रस्ट के गठन की घोषणा की, और भारत में नवोदित कलाकारों और तकनीशियनों का समर्थन करने के लिए अपनी पूरी संपत्ति ट्रस्ट को दान करने का फैसला किया। घोषणा के समय उनकी संपत्ति का मूल्य लगभग (10 करोड़ (US $ 1.4 मिलियन) था।
वर्षपुरस्कार और सम्मानपुरस्कार देने वाला देश एवं संस्था
1977फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार (फिल्म कभी-कभी के लिए)फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका
1982फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार (फिल्म उमराव जान केफ़िल्मफ़ेयर पत्रिका
1982सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (फिल्म उमराव जान के लिए)फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका
2007संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (रचनात्मक संगीत के लिए)संगीत नाटक अकादमी
2010फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्डफ़िल्मफ़ेयर पत्रिका
2011पद्म भूषणभारत सरकार
2018हृदयनाथ मंगेशकर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्डमुंबई सरकार

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी प्रश्नोत्तर (FAQs):

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी का जन्म 18 फरवरी 1927 को राहों, नवांशहर जिला, पंजाब में हुआ था।

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी को 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित के रूप में जाना जाता है।

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी का पूरा नाम मोहम्मद ज़हुर खय्याम था।

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी की मृत्यु 19 अगस्त 2019 को हुई थी।

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी के पिता का नाम जनाब अल-हज़ मियाँ मुहम्मद अब्दुल्ला हाशमी था।

मोहम्मद ज़हूर “खय्याम” हाशमी की माता का नाम मोहतरमा हुरमत जहान हाशमी था।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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