इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए प्रणब मुखर्जी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Pranab Mukherjee Biography and Interesting Facts in Hindi.

प्रणब मुखर्जी का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नामप्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee)
वास्तविक नामप्रणव कुमार मुखर्जी
जन्म की तारीख11 दिसम्बर
जन्म स्थानपश्चिम बंगाल, मिराती गाँव
निधन तिथि31 अगस्त
माता व पिता का नामराजलक्ष्मी मुखर्जी / कामदा किंकर मुखर्जी
उपलब्धि2012 - भारत के तेरहवें राष्ट्रपति
पेशा / देशपुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत

प्रणब मुखर्जी - भारत के तेरहवें राष्ट्रपति (2012)

प्रणब मुखर्जी एक भारतीय राजनेता थे जिन्होंने 2012 से 2017 तक भारत के 13 वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। पाँच दशकों के राजनीतिक जीवन में, मुखर्जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक वरिष्ठ नेता थे और उन्होंने भारत सरकार में कई मंत्रिस्तरीय विभागों पर कार्य किया। राष्ट्रपति के रूप में चुनाव से पहले, मुखर्जी 2009 से 2012 तक केंद्रीय वित्त मंत्री थे। उन्हें 2019 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर 1935 में मिराती, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (वर्तमान पश्चिम बंगाल, भारत) में हुआ था| इनका पूरा नाम प्रणव कुमार मुखर्जी था| इनके पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था| इनके पिता भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे और 1952 और 1964 के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में पश्चिम बंगाल विधान परिषद के सदस्य थे। एवं जिसके साथ साथ वह एआईसीसी (AICC) के सदस्य भी थे और वह एक सम्मानित स्वतन्त्रता सेनानी भी थे| ये अपने माता पिता के दूसरे संतान थे तथा इनके दो भाई बहन है| इनकी बड़ी बहन का नाम अन्नपूर्णा और छोटे भाई का नाम पीयूष है
प्रणब मुखर्जी का निधन 31 अगस्त 2020 को 84 वर्ष की आयु में नई दिल्ली (भारत) में हुआ हुआ। कोविद -19 महामारी के दौरान 10 अगस्त 2020 को, मुखर्जी ने ट्विटर पर घोषणा की कि उन्होंने अपने मस्तिष्क में रक्त के दग्गे को हटाने के लिए एक सर्जरी से पहले COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण करवाया था। इसके बाद वह अपने घर के बाथरूम में फिसल गए गिरने के बाद उन्हें दिल्ली में सेना के अनुसंधान और रेफरल (आर एंड आर) अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन 13 अगस्त को वे कोमा में पहुचने के कारण उनका स्वास्थ्य काफी ख़राब होता गया और उनकी मृत्यु हो गयी।
प्रणव मुखर्जी ने वीरभूम के सूरी विद्यासागर कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की, जो उस समय कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था। कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ साथ कानून की डिग्री हासिल की। वे एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक भी रह चुके हैं। उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी प्राप्त है।
मुखर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बंगला कांग्रेस के संस्थापक सदस्य के रूप में की थी। वे जुलाई 1969 में बंगला कांग्रेस के टिकट पर राज्य सभा (भारतीय संसद का ऊपरी सदन) के सदस्य बने। जिसके भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रणब मुखर्जी की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपनी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भर्ती किया। प्रणब मुखर्जी को 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से सदन के लिए चुना गया था। सन 1973 में इंदिरा गांधी की कैबिनेट में औद्योगिक विकास के केंद्रीय उप मंत्री नियुक्त किया गया। वित्त मंत्री के रूप में, मुखर्जी ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में मनमोहन सिंह को नियुक्त करने वाले पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उन्हें रक्षा, वित्त, विदेश विषयक मन्त्रालय, राजस्व, नौवहन, परिवहन, संचार, आर्थिक मामले, वाणिज्य और उद्योग, समेत विभिन्न महत्वपूर्ण मन्त्रालयों के मन्त्री होने का गौरव भी हासिल है। वह कांग्रेस संसदीय दल और कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके थे, जिसमें देश के सभी कांग्रेस सांसद और विधायक शामिल होते हैं। इसके अतिरिक्त वे लोकसभा में सदन के नेता, बंगाल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष, कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद में केन्द्रीय वित्त मन्त्री भी रहे। 10 अक्टूबर 2008 को मुखर्जी और अमेरिकी विदेश सचिव कोंडोलीजा राइस ने धारा 123 समझौते पर हस्ताक्षर किए। वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और अफ्रीकी विकास बैंक के प्रशासक बोर्ड के सदस्य भी थे। सन 1984 में उन्होंने आईएमएफ और विश्व बैंक से जुड़े ग्रुप-24 की बैठक की अध्यक्षता की थी। मई और नवम्बर 1995 के बीच उन्होंने सार्क मन्त्रिपरिषद सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। सन 1991 से 1996 तक वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद पर आसीन रहे थे। 004 में कांग्रेस के सत्ता में रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था 24 अक्टूबर 2006 को जब उन्हें भारत का विदेश मन्त्री नियुक्त किया गया, रक्षा मंत्रालय में उनकी जगह ए.के. एंटनी ने ली थी। मनमोहन सिंह की दूसरी सरकार में मुखर्जी भारत के वित्त मन्त्री बने। इस पद पर वे पहले 1980 के दशक में भी काम कर चुके थे। 1982 में इंदिरा गांधी सरकार के दौरान भारत के वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी का पहला कार्यकाल था। उन्होंने 1982-83 में अपना पहला वार्षिक बजट पेश कियाल था।
प्रणब मुखर्जी को सन् 2008 के दौरान सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा गया। न्यूयॉर्क से प्रकाशित पत्रिका, यूरोमनी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 1984 में दुनिया के पाँच सर्वोत्तम वित्त मन्त्रियों में से एक प्रणव मुखर्जी भी थे। उन्हें सन् 1997 में भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड मिला। वित्त मन्त्रालय और अन्य आर्थिक मन्त्रालयों में राष्ट्रीय और आन्तरिक रूप से उनके नेतृत्व का लोहा माना गया। वह लम्बे समय के लिए देश की आर्थिक नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। उनके नेत़त्व में ही भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण की 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अन्तिम किस्त नहीं लेने का गौरव अर्जित किया। उन्हें प्रथम दर्जे का मन्त्री माना जाता है और सन 1980-1985 के दौरान प्रधानमन्त्री की अनुपस्थिति में उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता की।
वर्षपुरस्कार और सम्मानपुरस्कार देने वाला देश एवं संस्था
2019भारत रत्नभारत सरकार
2008पद्म विभूषणभारत सरकार
2013बांग्लादेश मुक्ति युद्ध सम्मानबांग्लादेश
2016आइवरी कोस्ट का राष्ट्रीय आदेशआइवरी कोस्ट देश
2017ऑर्डर ऑफ मैकोर्स III का ग्रैंड कॉलरसाइप्रस गणराज्य
2011डॉक्टर ऑफ लेटर्स की डिग्रीवूल्वरहैम्पटन विश्वविद्यालय
2012डी.लिट की उपाधिअसम विश्वविद्यालय
2012विज्ञान में डॉक्टरेटविश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय; बेलगाम, कर्नाटक
2013डीसीएल (सिविल कानून के डॉक्टर)मॉरीशस विश्वविद्यालय
2013डॉक्टरेटइस्तांबुल विश्वविद्यालय
2014डॉक्टरेट की मानद उपाधिकलकत्ता विश्वविद्यालय
2015राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेटजॉर्डन विश्वविद्यालय
1984विश्व में सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्रीयूरोमनी पत्रिका सर्वेक्षण
2010एशिया के वित्त वर्ष के मंत्रीउभरते बैंक, विश्व बैंक और आईएमएफ के लिए दैनिक समाचार पत्र।
2016मानद नागरिकताआबिदजान, आइवरी कोस्ट

प्रणब मुखर्जी प्रश्नोत्तर (FAQs):

प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर 1935 को पश्चिम बंगाल, मिराती गाँव में हुआ था।

प्रणब मुखर्जी को 2012 में भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है।

प्रणब मुखर्जी का पूरा नाम प्रणव कुमार मुखर्जी था।

प्रणब मुखर्जी की मृत्यु 31 अगस्त 2020 को हुई थी।

प्रणब मुखर्जी के पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी था।

प्रणब मुखर्जी की माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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