भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानीयों का जीवन परिचय (Biography of Famous Freedom Fighters of India in Hindi): इस अध्याय में आप भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानीयों की जीवनी से संबंधित विषयों को पढ़ेंगे। उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से जनेगें, जैसे उनके जन्म से जुड़ी जानकारी, उनके प्रारम्भिक जीवन से जुड़ी जानकारी, उनके माता-पिता का नाम, प्रारम्भिक शिक्षा व उच्च स्तरीय शिक्षा, करियर, उपलब्धियां और उनको मिले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान आदि के बारे में जनेगें।
भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी (52 LESSONS)
03-Dec-1884 - 28-Feb-1963 - भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद बेहद प्रतिभाशाली और विद्वान व्यक्ति थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 03 दिसम्बर 1884 को बिहार प्रान्त के एक छोटे से गाँव जीरादेयू हुआ था। इनके पिता का नाम महादेव सहाय तथा माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। प्रसाद जी की प्रारंभिक शिक्षा उन्हीं के गांव जीरादेई में हुई। उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा दी। उस प्रवेश परीक्षा में उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का विवाह 12 वर्ष की अवस्था में राजवंशी देवी से हुुआ था।
11-Nov-1888 - 22-Feb-1958 - मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे।
11-Sep-1895 - 15-Nov-1982 - आचार्य विनोबा भावे एक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी तथा गांधीवादी नेता थे। उन्हें भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। वे जाने-माने समाज सुधारक एवं ‘भूदान यज्ञ' नामक आन्दोलन के संस्थापक थे। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उनकी रसायन विज्ञान में रुचि थी|
07-May-1861 - 07-Aug-1941 - रविंद्रनाथ टैगोर एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार और दार्शनिक थे। वे अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है। 16 साल की उम्र में ‘भानुसिम्हा' उपनाम से उनकी कवितायेँ प्रकाशित भी हो गयीं। वह घोर राष्ट्रवादी थे और ब्रिटिश राज की भर्त्सना करते हुए देश की आजादी की मांग की। जलिआंवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने अंग्रेजों द्वारा दी गयी “नाइटहुड की उपाधि” को भी त्याग दिया था।
27-Nov-1888 - 27-Feb-1956 - गणेश वासुदेव मावलंकर एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और भारत की लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष थे। उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। मावलंकर ने साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिए अहमदाबाद में आगे बढ़कर भाग लिया था। इनका कई भाषाओं पर एकाधिकार था। उन्होंने मराठी, गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा में अनेक ग्रन्थ भी लिखे हैं।
06-Feb-1890 - 20-Jan-1988 - ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान एक महान् राजनेता थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। ब्रिटिश सरकार से आजादी के लिए संघर्षरत ‘स्वतंत्र पख्तूनिस्तान' आंदोलन के प्रणेता थे। अब्दुल गफ्फार खान एक राजनैतिक और आध्यात्मिक नेता थे जिन्हें महात्मा गाँधी की तरह उनके अहिंसात्मक आन्दोलन के लिए जाना जाता है। उनका लक्ष्य संयुक्त, स्वतन्त्र और धर्मनिरपेक्ष भारत बनाने का था। इसके लिये उन्होने 1930 में खुदाई खिदमतगार नाम के संग्ठन की स्थापना की। और यह संगठन 'सुर्ख पोश'(या लाल कुर्ती दल ) के नाम से भी जान जाता है।
02-Oct-1904 - 11-Jan-1966 - लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। वह 09 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक लगभग 18 महीने देश के प्रधानमंत्री रहे। शारीरिक कद में छोटे होने के बावजूद भी वह महान साहस और इच्छाशक्ति के व्यक्ति थे। वर्ष 1966 में लाल बहादुर शास्त्री को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न‘ से सम्मानित किया गया था।
03-Jul-1897 - 04-Apr-1995 - हंसा मेहता प्रसिद्ध समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी तथा शिक्षाविद थीं। वे देश की संविधान परिषद की भी सदस्य थीं। वर्ष 1941 से 1958 ई० तक बडौदा विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर (कुलपति) के रूप में हंसा मेहता ने शिक्षा जगत में अपना नाम बनाया। वे भारत की पहली महिला वाइस चांसलर (कुलपति) थी।
22-Apr-18911960 - राधाबाई सुबारायन एक भारतीय राजनीतिज्ञ, महिला अधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक थी। उन्होंने अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के सदस्य के रूप में भी काम किया। वर्ष 1938 में राधाबाई सुबारायन निर्विवाद राज्य परिषद के लिए चुनी गई और इस प्रकार वे भारत की पहली महिला सांसद बनी थी।
02-Feb-1887 - 06-Feb-1964 - अमृत कौर भारत की प्रथम महिला केंद्रीय मंत्री थी। वह देश की स्वतंत्रता के बाद भारतीय मंत्रिमण्डल में 10 साल तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं। वे प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं। वे महात्मा गांधी की अनुयायी तथा 16 वर्ष तक उनकी सचिव भी रहीं। वे ट्यूबरक्यूलोसिस एसोसियेशन ऑव इंडिया तथा हिंद कुष्ट निवारण संघ की शुरुआत से अध्यक्षता रही थीं। वे एक प्रसिद्ध विदुषी महिला थीं।
25-Jun-1904 - 01-Dec-1974 - यह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। एक लेक्चरर के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की तथा बाद में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, जो भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं। उन्हें सन 1963 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। वह 02 अक्टूबर 1963 से लेकर 14 मार्च 1967 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहीं थी।
16-Jul-1909 - 29-Jul-1996 - अरुणा आसफ अली एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हे 1942 मे भारत छोडो आंदोलन के दौरान, मुंबई के गोवालीया मैदान मे कांग्रेस का झंडा फ्हराने के लिये हमेशा याद किया जाता है। अरुणा जी ने शुरूआती शिक्षा नैनीताल में प्राप्त की थी। यह बहुत ही कुशाग्र बुद्धि और पढ़ाई लिखाई में बहुत चतुर थीं।
24-Sep-1861 - 13-Aug-1936 - भीकाजी कामा एक महान महिला स्वतंत्रता सेनानी थी। जिन्होंने भारत के बाहर रहते हुए भी देश में आजादी की लढाई शुरू की थी. वे ऐसी प्रथम महीला स्वतंत्रता सेनानी है जिन्होंने इंटरनेशनल असेंबली में भारत का ध्वज लहराया था।
15-Jan-1888 - 09-Oct-1963 - सैफुद्दीन किचलू एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, वकील, व भारतीय राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता थे। एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता, वह पहली बार पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख बने और बाद में 1924 में एआईसीसी के महासचिव बने।
10-Nov-1871 - 06-Mar-1950 - डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा भारत के प्रसिद्ध सांसद, शिक्षाविद, अधिवक्ता तथा पत्रकार थे। वे भारत की संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष थे।सच्चिदानन्द सिन्हा 1910 के चुनाव में चार महाराजों को परास्त कर केन्द्रीय विधान परिषद में प्रतिनिधि निर्वाचित हुए। वे प्रिवी कौंसिल के सदस्य भी थे।
22-May-1772 - 27-Sep-1833 - राजा राममोहन राय को आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। धार्मिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में राजा राममोहन राय का नाम सबसे अग्रणी है।
22-Oct-1900 - 19-Dec-1927 - अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ को भारत के प्रसिद्ध अमर शहीद क्रांतिकारियों में गिना जाता है। देश की आज़ादी के लिए उन्होंने हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर कर दिए थे। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे। इन्होने काकोरी कांड में अहम् भूमिका निभाई थी।
24-Oct-1775 - 07-Nov-1862 - बहादुर शाह जफर मुग़ल साम्राज्य के अंतिम बादशाह और उर्दू के जानेे-माने शायर थे। इनका शासनकाल 1837-57 तक था। बहादुर शाह ज़फ़र एक कवि, संगीतकार व खुशनवीस थे और राजनीतिक नेता के बजाय सौंदर्यानुरागी व्यक्ति अधिक थे।
28-Sep-1907 - 23-Mar-1931 - भगत सिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। भगतसिंह संधु जाट सिक्ख थे वे देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया था उन्हें शायद ही कोई भुला पाए। फांसी के बाद सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया था। भगत सिंह की अंतिम इच्छा थी कि उन्हें गोली मार कर मौत दी जाए। हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने उनकी इस इच्छा को भी नज़रअंदाज़ कर दिया।
23-Jul-1906 - 27-Feb-1931 - चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। 17 वर्ष के चंद्रशेखर आज़ाद क्रांतिकारी दल ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' में सम्मिलित हो गए थे दल में उनका नाम ‘क्विक सिल्वर' (पारा) रखा गया था। उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका अनिभायी थी|
05-Nov-1870 - 16-Jun-1925 - चित्तरंजन दास एक प्रसिद्द भारतीय नेता, राजनीतिज्ञ, वकील, कवि तथा पत्रकार थे। एक महत्वपूर्ण राष्ट्रवादी नेता के साथ-साथ वो एक सफल विधि-शास्त्री भी थे। स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान उन्होंने ‘अलीपुर षड़यंत्र काण्ड' (1908) के अभियुक्त अरविन्द घोष का बचाव किया था। चित्तरंजन दास ने अपनी चलती हुई वकालत छोड़कर गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पूर्णतया राजनीति में आ गए थे।
09-May-1866 - 19-Feb-1916 - गोपाल कृष्ण गोखले भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं प्रसिद्ध समाज सुधारक थे। कृष्ण गोखले जी को वित्तीय मामलों की अपार समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का 'ग्लेडस्टोन' कहा जाता है। इनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्व-सरकार व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करती है।
11-Oct-1902 - 08-Oct-1979 - जयप्रकाश नारायण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। मातृभूमि के वरदपुत्र जयप्रकाश नारायण ने हमारे देश की सराहनीय सेवा की है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। इन्हें साल 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है।
14-Apr-1891 - 06-Dec-1956 - भीमराव आम्बेडकर जी एक बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी भी थे। उन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। आम्बेडकर ने अपना सारा जीवन हिन्दू धर्म की चतुवर्ण प्रणाली और भारतीय समाज में सर्वत्र व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया था। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री एवं भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।
03-Dec-1889 - 11-Aug-1908 - खुदीराम बोस केवल 19 साल की उम्र में हिन्दुस्तान की आज़ादी के लिये फाँसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारी थे। खुदीराम बोस राजनीतिक गतिविधियों में स्कूल के दिनों से ही भाग लेने लगे थे। उन दिनों अंग्रेज़ों से छोटे-छोटे हिन्दुस्तानी स्कूली बच्चे भी नफ़रत किया करते थे। वे जलसे जलूसों में शामिल होते थे तथा अंग्रेज़ी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ नारे लगाते थे।
02-Oct-1869 - 30-Jan-1948 - महात्मा गांधी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। वह एक ऐसे नेता थे जो भारत की स्वतंत्रता को अहिंसा से दिलाना चाहते थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई गाँधी था तथा वह परनामी वैश्य समुदाय की थीं।
19-Jul-1827 - 08-Apr-1857 - मंगल पांडे का नाम आज भी इतिहास की पुस्तकों में उसी गर्व के साथ दर्ज है जिस गर्व के साथ किसी समय पूरे देश ने उनका साथ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में दिया था। मंगेल पांडे किसी समय ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इंफेन्ट्री के सिपाही हुआ करते थे। उस समय उन्होनें अंग्रेज़ो का विरोध करना जब शुरू किया जब चर्बी वाले करतूसों को सेना से जबर्दस्ती उपयोग में लाये जाने को कहा गया। तत्कालीन अंग्रेजी शासन ने उन्हें बागी करार दिया, जबकि आम हिंदुस्तानी ने उन्हें एक नायक के रूप में देखा। उनके द्वारा भारत के स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सन् 1984 में एक डाक टिकट भी जारी किया गया था।
27-Mar-1915 - 09-Nov-2003 - पुष्पलता दास एक उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य असम एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, गांधीवादी और विधायक थी। उन्होंने कस्तूरबा गांधी नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट और खादी एंड ग्राम इंडस्ट्रियल कमिशन के असम अध्याय के अध्यक्ष के रूप में सेवा की थी।
26-Dec-1899 - 31-Jul-1940 - उधम सिंह का नाम भारत की आज़ादी की लड़ाई में पंजाब के क्रान्तिकारी के रूप में दर्ज है। शहीद उधम सिंह ने जलियाँवाला के कांड के लिए प्रतिज्ञा ली थी की। वह जनरल डायर को मारेंगे तथा ऐसा उन्होंने लंदन की एक असेंबली में कर दिया था।
1814 - 18-Apr-1859 - तात्या टोपे को सन 1857 के ‘प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम' के अग्रणीय वीरों में उच्च स्थान प्राप्त है। इन्होने कई जगहों पर अपने सैनिक अभियानों द्वारा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात आदि में अंग्रेज़ी सेनाओं से कड़ी टक्कर ली थी और उन्हें बुरी तरह परेशान कर दिया था।
23-Jan-1897 - 18-Aug-1945 - सुभाषचंद्र बोस के अलावा भारत के इतिहास में ऐसा कोई व्यक्ति ने जन्म नही लिया, जो एक साथ महान् सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला हो। नेताजी में सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी।
23-Jul-1856 - 01-Aug-1920 - एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। तिलक का जन्म एक सुसंस्कृत, मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। श्री गंगाधर रामचंद्र तिलक पहले रत्नागिरि में सहायक अध्यापक थे और फिर पूना तथा उसके बाद ‘ठाणे' में सहायक उपशैक्षिक निरीक्षक हो गए थे। वे अपने समय के अत्यंत लोकप्रिय शिक्षक थे। उन्होंने ‘त्रिकोणमिति' और ‘व्याकरण' पर पुस्तकें लिखीं जो प्रकाशित हुईं।
07-Nov-1858 - 20-May-1932 - बिपिन चंद्र पाल का नाम भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में ‘क्रान्तिकारी विचारों के जनक' के रूप में आता है, जो अंग्रेज़ों की चूलें हिला देने वाली ‘लाल' ‘बाल' ‘पाल' तिकड़ी का एक हिस्सा थे।
1777 - 23-Apr-1858 - बाबू कुंवर सिंह को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के रूप में जाना जाता है जो 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने का माद्दा रखते थे। अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। अपने ढलते उम्र और बिगड़ते सेहत के बावजूद भी उन्होंने कभी भी अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि उनका डटकर सामना किया था।
18-Feb-1883 - 17-Aug-1909 - मदन लाल ढींगरा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान् क्रान्तिकारी थे। स्वतंत्र भारत के निर्माण के लिए भारत-माता के कितने शूरवीरों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था, उन्हीं महान् शूरवीरों में ‘अमर शहीद मदन लाल ढींगरा' का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है।
25-Dec-1861 - 12-Nov-1946 - मदन मोहन मालवीय महान् स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद ही नहीं, बल्कि एक बड़े समाज सुधारक भी थे। इतिहासकार वीसी साहू के अनुसार हिन्दू राष्ट्रवाद के समर्थक मदन मोहन मालवीय देश से जातिगत बेड़ियों को तोड़ना चाहते थे। मालवीय जी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति तथा आत्मत्याग में ज्यादा प्रसिद थे।
06-May-1861 - 06-Feb-1931 - मोतीलाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के पिता थे। यह एक कश्मीरी ब्राह्मण थे। वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक कार्यकर्ताओं में से थे। मोतीलाल नेहरु आज़ादी के पहले देश में सबसे बुद्धिमान वकीलों में से एक थे। उन्हें सम्मान से पंडित मोतीलाल नेहरू बुलाया जाता था।
11-Jun-1897 - 19-Dec-1927 - राम प्रसाद बिस्मिल भारत के महान् स्वतन्त्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाविद् व साहित्यकार भी थे। इन्होने भारत की आज़ादी के लिये फांसी के फंदे पर चढ़ गये थे। तथा जब-जब भारत में क्रांतिकारियों की बात होगी इस महान आदमी का नाम ज़रूर आएगा।
25-May-1886 - 21-Jan-1945 - रास बिहारी बोस एक भारतीय क्रान्तिकारी थे, जिन्होने अंग्रेजी हुकुमत के विरुद्ध ‘गदर' एवं ‘आजाद हिन्द फौज' के संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने न सिर्फ देश के अन्दर बल्कि दूसरे देशों में भी रहकर अँगरेज़ सरकार के विरुद्ध क्रान्तिकारी गतिविधियों का संचालन किया और ताउम्र भारत को स्वतन्त्रता दिलाने का प्रयास करते रहे।
23-Mar-1910 - 12-Oct-1967 - राम मनोहर लोहिया भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे। राम मनोहर लोहिया को भारत एक अजेय योद्धा और महान् विचारक के रूप में देखता है। देश की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख़ बदल दिया जिनमें एक थे राममनोहर लोहिया थे।
19-Nov-1828 - 18-Jun-1858 - रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी की रानी और भारत की स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम वनिता थीं। भारत को दासता से मुक्त करने के लिए सन् 1857 में बहुत बड़ा प्रयास हुआ। इन्होने मात्र 23 वर्ष की आयु में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से संग्राम किया और रणक्षेत्र में वीरगति प्राप्त की किन्तु जीते जी अंग्रेजों को अपनी झाँसी पर क़बजा नहीं करने दिया।
24-Oct-1914 - 23-Jul-2012 - लक्ष्मी सहगल भारत की स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी थी। वे आजाद हिन्द फौज की अधिकारी तथा आजाद हिन्द सरकार में महिला मामलों की मंत्री थीं।
03-Nov-1900 - 04-Apr-1946 - सागरमल गोपा भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं देशभक्त थे। वे जैसलमेर, राजस्थान के निवासी थे। सागरमल गोपा प्रतिबन्धित प्रजामण्डल के नेता थे। राजस्थान के सपूत गोपा के बलिदान से जैसलमेर तथा निकटवर्ती क्षेत्र की जनता को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिली थी।
04-Jul-1897 - 07-May-1924 - अल्लूरी सीताराम राजू तत्कालीन समय के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक क्रांतिकारी थे। सन 1920 में अल्लूरी सीताराम पर महात्मा गांधी के विचारों का बहुत प्रभाव पड़ा और उन्होंने आदिवासियों को मद्यपान छोड़ने तथा अपने विवाद पंचायतों में हल करने की सलाह दी। किंतु जब एक वर्ष में स्वराज्य प्राप्ति का गांधी जी का स्वप्न साकार नहीं हुआ तो सीताराम राजू ने अपने अनुयायी आदिवासियों की सहायता से अंग्रेज़ों के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह करके स्वतंत्र सत्ता स्थापित करने के प्रयत्न आंरभ कर दिए।
15-May-1907 - 23-Mar-1931 - सुखदेव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उनका पूरा नाम सुखदेव थापर था। सुखदेव महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के बचपन के मित्र थे। जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत को अंग्रेजों की बेंड़ियों से मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया और एक साथ भारत माँ के लिये शहीद हो गये।
10-Nov-1848 - 06-Aug-1925 - सुरेन्द्रनाथ बनर्जी प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान प्रारंभिक दौर के भारतीय राजनीतिक नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय समिति की स्थापना की, जो प्रारंभिक दौर के भारतीय राजनीतिक संगठनों में से एक था और बाद में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बन गए।
12-Jan-1863 - 04-Jul-1902 - स्वामी विवेकानंद वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा था।
28-May-1883 - 26-Feb-1966 - विनायक दामोदर सावरकर भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। यह न सिर्फ क्रन्तिकारी थे बल्कि यह भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक आदि भी थे। उनके इन्हीं गुणों ने महानतम लोगों की श्रेणी में उच्च पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया था।
24-Aug-1908 - 23-Mar-1931 - शिवराम राजगुरु भारत के प्रसिद्ध वीर स्वतंत्रता सेनानी थे। ये सरदार भगत सिंह और सुखदेव के घनिष्ठ मित्र थे। इन्हें भगत सिंह और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी पर लटका दिया गया था। इन्हें देश की आजादी के लिए दी गई राजगुरु की शहादत ने इनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा दिया है।
28-Jan-1865 - 17-Nov-1928 - लाला लाजपत राय भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे।
14-Oct-1884 - 04-Mar-1939 - लाला हरदयाल जी एक प्रसिद्द भारतीय क्रांतिकारी थे। विदेशों में भटकते हुए अनेक कष्ट सहकर लाला हरदयाल जी ने देशभक्तों को भारत की आज़ादी के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया था। उन्होंने अपने सरल जीवन और बौद्धिक कौशल के कारण प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए कनाडा और अमेरिका में रहने वाले अनेक भारतीय प्रवासीयो को प्रेरित किया था|
13-May-1905 - 11-Feb-1977 - फखरुद्दीन अली अहमद भारत के 5वें राष्ट्रपति (नाम के अनुसार फ़ख़रुद्दीन अली अहमद पाँचवें राष्ट्रपति और कार्यकाल के अनुसार यह छठे राष्ट्रपति) थे। बतौर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली 1974 से 1977 तक पद पर रहे। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के सहयोग से 29 अगस्त, 1974 को देश का 5वां राष्ट्रपति चुना गया था। फखरुद्दीन अली अहमद डॉ. जाकिर हुसैन के बाद राष्ट्रपति बनने वाले वे दूसरे मुस्लिम व्यक्ति थे।