अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के बारे में जानकारी:
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) क्या है?
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (International Organization for Standardization) अनेक तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों के मानकीकरण से संबंधित है। यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो विश्व विभिन्न देशों में वस्तुओं एवं सेवाओं की गुणवत्ता के लिए मापदंड निर्धारित करती है। ISO ने लगभग 22,041 अंतरराष्ट्रीय मानक को प्रकाशित किया है। ISO के मानक प्रमाण पत्र उद्योग कृषि, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। तकनीकी विकास के परिणामस्वरूप हुये परिवर्तनों के समावेश के लिये प्रत्येक 05 में मानकों की समीक्षा की जाती है। आज आईएसओ उन्नत पदार्थों, जीव विज्ञान, नगरीकरण तथा सेवा जैसे नये क्षेत्रों के मानकीकरण में भी सक्रिय है।
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के बारे में संक्षिप्त जानकारी:
ISO की फुल फॉर्म | अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (International Organization for Standardization) |
स्थापना | 23 फरवरी 1947 |
प्रकार | गैर-सरकारी संगठन |
उद्देश्य | अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण (international standardization) |
मुख्यालय | जिनेवा, स्विट्जरलैंड |
कुल सदस्य | 165 (जुलाई 2021) |
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) की स्थापना कब हुई थी?
आईएसओ का इतिहास: अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) की स्थापना 23 फरवरी, 1947 में जेनेवा में हुई थी। अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण की पहली बैठक लंदन में 14 अक्टूबर 1946 में हुई थी। आईएसओ का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। प्रथम आईएसओ मानक का प्रकाशन 1951 में हुआ तथा वह मानक औद्योगिक लंबाई माप से संबंधित था।
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के उद्देश्य:
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) का गठन के प्रमुख उद्देश्यों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वस्तुओं, सेवाओं और प्रणालियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए मानकीकरण और सम्बंधित गतिविधियों के विकास को प्रोत्साहित करना, बौद्धिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक गतिविधियों में सहयोग विकसित करना आदि शामिल है। जो उत्पाद और सेवाएँ आईएसओ द्वारा तय किये गए मानकों पर खरे उतरते हैं, उनको बेचना किसी भी कम्पनी के लिए बहुत आसान हो जाता है।
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्य: (Members of ISO in Hindi)
जुलाई 2021 के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के सदस्य देशों (ISO Member Country) की संख्या 1652 हैं। हर एक सदस्य एक राष्ट्रीय निकाय होता है तथा वह अपने देश के मानकीकरण (standardization) का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये एक सदस्य होता है। पश्चिमी औद्योगिक देशों के सदस्य सामान्यतया निजी संगठन होते हैं, जबकि अन्य देशों के सदस्य प्रायः सरकारी संगठन होते हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) की तीन सदस्यता श्रेणियाँ होती हैं:-
- सदस्य संस्थाएं: वे राष्ट्रीय संस्थाएं हैं, जो कि प्रत्येक देश में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व मानक संस्था (Most Representational Standards Organization) मानी जाती हैं। केवल इन सदस्यों को मतदान का अधिकार है।
- प्रतिनिधि सदस्य: प्रतिनिधि सदस्य में वे राष्ट्र शामिल हैं, जिनका अपना कोई मानक संगठन नहीं है। इन सदस्यों को ISO की गतिविधियों से सुविज्ञ रखा जाता है, लेकिन ये मानक प्रख्यापन (declaration) या प्रवर्तन (enforcement) में भाग नहीं लेते।
- अंशदाता या उपभोक्ता सदस्य: अंशदाता या उपभोक्ता सदस्यों में छोटी अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्र शामिल होते, जो घटी सदस्यता शुल्क देते हैं, परंतु मानकों के विकास का अनुसरण (Pursuance) कर सकते हैं।
आईएसओ के फायदे:
सामान्यरूप से वो कम्पनिया जो अपना उत्पाद मार्किट में बेचती है, उनके लिए ISO Certificate बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योकि इससे कम्पनी को कई प्रकार के फायदे होते है जैसे:-
- ISO Certificate कम्पनी की गुणवता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
- इससे कम्पनी के प्रोडक्ट की मार्केट में विश्वसनीयता (Reliability) बढ़ती है।
- ISO Certificate कम्पनी की औद्योगिक और वाणिज्यिकता को बढ़ावा देता है।
- प्रोडक्ट की Quality में सुधार होता है और लागत का होती है।
- ISO Certificate से कम्पनी के ग्राहकों के हितो की रक्षा (protect interests) होती है आदि।
सरल शब्दों में कहाँ जाए तो ISO Certificate कम्पनी के लिए बहुत ही जरुरी होता है, क्योकि यह एक तरह से कंपनी को नई साफ़-सुथरी छवि प्रदान करता है।
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन की गतिविधियां:
आईएसओ का मुख्य ध्यान नाप-तौल, वर्णानुक्रमता (alphabetisation), लिप्यांतर (transliteration), कलपुर्जों (spare parts), पदार्थों, सतहों, प्रक्रियाओं और उपकरणों का विशष्टीकरण (specification) तथा जांच-प्रक्रियाओं एवं मशीनों के लिए मानकों का निर्धारण करता है। इन मानकों का प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय मानकों (आईएस) के रूप में होता है। प्रथम ISO मानक का प्रकाशन 1951 में हुआ तथा वह मानक औद्योगिक लंबाई माप से संबंधित था। आज विस्तृत क्षेत्रों से जुड़े लगभग 12,200 आईएसओ आईएस उपलब्ध हैं। आग्रह करने पर आईएसओ मानकीकरण के विशिष्ट विषयों को सुलझाने तथा उनकी जांच करने के लिये अंतरराष्ट्रीय तकनीकी समितियों का गठन करता है। तकनीकी विकास के परिणामस्वरूप हुये परिवर्तनों के समावेश के लिये प्रत्येक पांच वर्ष में मानकों की समीक्षा की जाती है। आज आईएसओ उन्नत पदार्थों, जीव विज्ञान, नगरीकरण (urbanization) तथा सेवा जैसे नये क्षेत्रों के मानकीकरण में भी सक्रिय है।
आईएसओ द्वारा जारी किये गए मुख्य मानकों की सूची:
मानक का नाम | क्षेत्र |
आईएसओ 9001 | गुणवत्ता प्रबंधन |
आईएसओ 14001 | पर्यावरण प्रबंधन |
आईएसओ 22000 | खाद्य सुरक्षा प्रबंधन |
आईएसओ 13485 | चिकित्सा उपकरण |
आईएसओ 20121 | सस्टेनेबल आयोजन |
आईएसओ 639 | भाषा कोड |
आईएसओ 45001 | व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा |
आईएसओ 4217 | मुद्रा कोड |
आईएसओ 37001 | विरोधी रिश्वत प्रबंधन प्रणाली |
आईएसओ/आईईसी 17025 | परीक्षण और जाँच प्रयोगशालाएं |
आईएसओ 26000 | सामाजिक उत्तरदायित्व |
आईएसओ 8601 | दिनांक और समय का प्रारूप |
आईएसओ 31000 | जोखिम प्रबंधन |
आईएसओ 3166 | देश कोड |
आईएसओ 50001 | ऊर्जा प्रबंधन |
आईएसओ/आईईसी 27001 | सूचना सुरक्षा प्रबंधन |
प्रश्न:-आई एस ओ की फुल फॉर्म क्या होती है? उत्तर:-
- ISO: International Organization for Standardization
- हिंदी में आईएसओ की फुल फॉर्म अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन है।
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