जन्तु विज्ञान का इतिहास, महत्व और जंतुओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य: (History, Importance and Important Facts of Zoology in Hindi)
जंतु विज्ञान किसे कहते है?
प्राणी विज्ञान या जंतु विज्ञान (जूलॉजी) जीव विज्ञान की शाखा है जो जानवरों और उनके जीवन, शरीर, विकास और वर्गीकरण से सम्बन्धित होती है। आसान भाषा में प्राणी विज्ञान जानवरों के जीवन में बदलाव, उनके शरीर में बदलाव, उनके समूहों के बीच संबंध में बदलाव और व्यवहार एवं पारिस्थितिकी में हुये बदलावों के बारे पढ़ा जाता है। जूलॉजी को भी तेजी से वर्गीकरण, शरीर विज्ञान, जैव रसायन और विकास जैसे विषयों में विभाजित किया गया है।
प्राणी विज्ञान का महत्व:
प्राणी विज्ञान का अध्ययन मनुष्य के लिए बड़े महत्व का है। मनुष्य के चारों ओर नाना प्रकार के जंतु रहते हैं। वह उन्हें देखता है और अपनी जरूरत के हिसाब से उनसे काम करवाता है। जिसमे अनेकों जीव-जंतु मनुष्य के लिए बड़े उपयोगी सिद्ध हुए हैं। अनेक जंतु मनुष्य के आहार होते हैं। जंतुओं से हमें दूध प्राप्त होता है। कुछ जंतु ऊन प्रदान करते हैं, जिनसे बहुमूल्य ऊनी वस्त्र तैयार होते हैं। जंतुओं से ही रेशम, मधु, लाख आदि बड़ी उपयोगी वस्तुएँ प्राप्त होती हैं। जंतुओं से ही अधिकांश खेतों की जुताई होती है। बैल, घोड़े, खच्चर तथा गदहे इत्यादि परिवहन का काम करते हैं। कुछ जंतु मनुष्य के शत्रु भी हैं और ये मनुष्य को कष्ट पहुँचाते, फसल नष्ट करते, पीड़ा देते और कभी कभी मार भी डालते हैं। अत: प्राणिविज्ञान का अध्ययन हमारे लिए महत्व रखता है।
प्राणी विज्ञान का इतिहास:
प्राणियों का अध्ययन बहुत प्राचीन काल से होता आ रहा है। इसका प्रमाण वे प्राचीन गुफाएँ हैं जिनकी पत्थर की दीवारों पर पशुओं की आकृतियाँ आज भी पाई जाती हैं। यूनानी दार्शनिक अरस्तू (Aristotle) ने ईसा के 300 वर्ष पूर्व जंतुओं पर एक पुस्तक लिखी थी। गैलेना (Galena) एक दूसरे रोमन वैद्य थे, जिन्होंने दूसरी शताब्दी में पशुओं की अनेक विशेषताओं का बड़ी स्पष्टता से वर्णन किया है। यूनान और रोम के अन्य कई ग्रंथकारों ने प्रकृतिविज्ञान पर पुस्तकें लिखीं हैं, जिनमें जंतुओं का उल्लेख है। बाद में लगभग हजार वर्ष तक प्राणिविज्ञान भुला दिया गया था। 16वीं सदी में लोगों का ध्यान फिर इस विज्ञान की ओर आकर्षित हुआ। उस समय चिकित्सा विद्यालयों के अध्यापकों का ध्यान इस ओर विशेष रूप से गया और वे इसके अध्ययन में प्रवृत्त हुए। 17वीं तथा 18वीं शताब्दी में इस विज्ञान की विशेष प्रगति हुई। सूक्ष्मदर्शी के आविष्कार के बाद इसका अध्ययन बहुत व्यापक हो गया।
प्राणी की विज्ञान शाखाएँ:
प्राणी विज्ञान का विस्तार आज बहुत बढ़ गया है। इसलिए हम यहाँ प्राणी विज्ञान के अध्ययन से सम्बंधित महत्वपूर्ण शाखाओं का वर्णन किया गया है:-
- आकारिकी (मोर्फोलॉजी - Morphology)
- सूक्ष्मऊतकविज्ञान (हिस्टोलॉजी - Histology)
- कोशिकाविज्ञान (Cell biology)
- भ्रूणविज्ञान (एम्ब्र्योलॉजी - Embryology)
- जीवाश्मविज्ञान (प्लेनटॉलोजी - Paleontology)
- विकृतिविज्ञान (पैथोलॉजी - Pathology)
- वर्गीकरणविज्ञान (टैक्सोनोमि - Taxonomy)
- आनुवांशिकविज्ञान (जेनेटिक्स - Genetics)
- जीवविकास (एवोलूशन - Evolution)
- पारिस्थितिकी (इकोलॉजी - Ecology)
- पछी विज्ञान (ओर्निथोलोजी - Ornithology)
- मनोविज्ञान (साइकोलॉजी - Psychology)
जन्तु विज्ञान (प्राणी विज्ञान) से सम्बंधित प्रमुख महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची:
जंतु विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी | सम्बंधित प्रमुख तथ्य |
सबसे बड़ा स्तनधारी | नीली व्हेल |
सबसे विशाल स्थलीय स्तनी | हाथी |
सबसे बड़ी अस्थि | फीमर |
सबसे बड़ा सर्प | अजगर |
सबसे बड़ी मछली | रिनोडोन टाइप्स |
सबसे बड़ा मोलस्क | जाइंट स्कीवड |
सबसे बड़ा सिलेंट्रेट | साईनिया, जैलिफिश |
सबसे बड़ा अंडा | शुतुरमुर्ग का |
सबसे बड़ी शिरा | इन्फीरियर वेना केवा |
सबसे बड़ा स्थलीय पक्षी | शुतुरमुर्ग |
विशालतम जीवित सरीसृप | टर-टिल |
विश्व में सबसे विषैला सर्प | आस्ट्रेलिया का पेनिन्सुलर टाइगर सर्प |
सबसे लम्बा स्तनी | जिराफ |
सबसे छोटी चिड़िया | हमिंग बर्ड |
दाँत रहित स्तनी | चींटीखोर |
शरीर का सबसे व्यस्त भाग | यकृत |
शरीर की सबसे भारी ग्रंथि | यकृत |
सबसे मजबूत पेशी | जबड़े की पेशी |
आदमी को प्रतिदिन आवश्यक कैलोरी | 3900 कि. कैलोरी |
महिलाओं को प्रतिदिन आवश्यक कैलोरी | 2400 कि. कैलोरी |
सबसे पुराना प्राइमेट | लीमर |
सबसे पुराना आथ्रोपोड | पेरीपैटस |
सबसे पुराना स्तनी | एकडीना |
सबसे पुराना कपि | गिब्बन |
सबसे विषैला भारतीय सर्प | किंग कोबरा |
विषैली छिपकली | हीलोडर्मा |
विषैली मछली | स्टोन मछली |
अंडे देने वाले स्तनी | एकडीना, डक बिल्ड प्लेटिपस |
भारत में सबसे विशाल म्यूजियम | चेन्नई में |
भारत में सबसे विशाल चिड़ियाघर | कोलकाता में |
भारत में सबसे विशाल एक्वेरियम | मुंबई में |
विश्व में सबसे बड़ा चिड़ियाघर | क्रुगर नेशनल पार्क (दक्षिण अफ्रीका) |
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
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जन्तु विज्ञान प्रश्नोत्तर (FAQs):
जीव विज्ञान की जीवाश्म विज्ञान शाखा विलुप्त जीवों से संबंधित है। जीवाश्म विज्ञान भूविज्ञान की वह शाखा है जो भूवैज्ञानिक युग के जानवरों और पौधों के अवशेषों से संबंधित है जो अब केवल पृथ्वी की पपड़ी की चट्टानों में पाए जाते हैं।
प्राणिविज्ञान की वह शाखा जिसमें प्राणियों के व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है, उसका नाम 'एथोलॉजी' है। पशु व्यवहार विज्ञान के माध्यम से जानवरों के संवेदनशील तथ्यों का अध्ययन करके उनके व्यवहार में दिखने वाली प्रतिक्रियाओं को समझा जाता है।
शुतुरमुर्ग विश्व का सबसे बड़ा पक्षी है। इसका वजन डेढ़ क्विंटल तक हो सकता है. इसकी ऊंचाई साढ़े तीन मीटर तक हो सकती है. इसके पंखों का फैलाव दो मीटर तक हो सकता है.
ब्लू व्हेल सबसे बड़ा शावक पैदा करती है, जिसकी लंबाई लगभग 24 फीट और वजन चार टन होता है। हेल की लंबाई 100 फीट से अधिक है।
इंडियन गॉलर स्नेक (पायथन मोलुरस) अपने हीट सेंसर की मदद से अंधेरे में भी अपने थर्मोफिलिक शिकार का पता लगा सकता है। गॉलर सांपों में समुद्री सांपों के समान विशेष रूप से विकसित हीट सेंसर होते हैं, जिनका उपयोग वे अपने आसपास की गर्मी को महसूस करने के लिए करते हैं।