यूपीएससी (UPSC) क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग ('यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन' अर्थात 'यूपीएससी') भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था है, जो भारत सरकार के लोक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ संचालित करती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323 में एक 'संघीय लोक सेवा आयोग' और राज्यों के लिए ' राज्य लोक सेवा आयोग' के गठन का प्रावधान है।

प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 ई. को हुई थी। संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य भूमिका केंद्र तथा राज्यों के लिए सामान्य विभिन्न केंद्रीय सिविल सेवाओं तथा पदों एवं सेवाओं में नियुक्ति के लिए व्यक्तियों का चयन करना है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अध्यक्ष 2023:

वर्तमान में डॉ. मनोज सोनी को 5 अप्रैल, 2022 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 27 जून, 2023 तक रहेगा। वे मोगरी स्थित स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुपम मिशन से जुड़े रहे हैं। कम उम्र से ही आणंद जिले में और 10 जनवरी, 2020 को एक निष्कर्म कर्मयोगी (निःस्वार्थ कार्यकर्ता) के रूप में दीक्षा प्राप्त की।

डॉ. सोनी को यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी के स्थान पर नियुक्त किया गया है। इस कार्यभार से पहले, सोनी ने दो विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में भी कार्य किया है और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और मान्यताएँ अर्जित की हैं।

वर्ष 1926 से अब तक के सभी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अध्यक्षों की सूची:

नाम कार्यकाल
सर रोस बार्कर 1926 से 1932 तक
सर डेविड पेट्री अगस्त 1932 से 1936 तक
सर आयरे गोर्डन 1937 से 1942 तक
सर एफ. डब्ल्यू. राबर्टसन 1942 से 1947 तक
श्री एच. के. कृपलानी 1 अप्रैल 1947 से 13 जनवरी 1949 तक
श्री आर. एन. बनर्जी 14 जनवरी 1949 से 09 मई 1955 तक
श्री एन. गोविंदराजन 10 मई 1955 से 09 दिसंबर 1955 तक
श्री वी. एस. हेजमाड़ी 10 दिसंबर 1955 से 09 दिसंबर 1961 तक
श्री बी. एन. झा 11 दिसंबर 1961 से 22 फरवरी 1967 तक
श्री के. आर. दामले 18 अप्रैल 1967 से 02 मार्च 1971 तक
श्री आर. सी. एस. सरकार 11 मई 1971 से 01 फरवरी 1973 तक
डॉ. ए. आर. किदवई 05 फरवरी 1973 से 04 फरवरी 1979 तक
डॉ. एम. एल. शहारे 16 फरवरी 1979 से 16 फरवरी 1985 तक
श्री एच. के. एल. कपूर 18 फरवरी 1985 से 05 मार्च 1990 तक
श्री जे.पी. गुप्ता 05 मार्च 1990 से 02 जून 1992 तक
श्रीमती आर.एम. बाथ्यू (खरबुली) 23 सितंबर 1992 से 23 अगस्त 1996 तक
श्री एस.जे.एस. छतवाल 23 अगस्त 1996 से 30 सितंबर 1996 तक
श्री जे.एम. कुरैशी 30 सितंबर 1996 से 11 दिसंबर 1998 तक
ले. जनरल (सेवानिवृत्त) सुरिंदर नाथ 11 दिसंबर 1998 से 25 जून 2002 तक
श्री पी.सी. होता 25 जून 2002 से 08 सितंबर 2003 तक
श्री माता प्रसाद 08 सितंबर 2003 से 04 जनवरी 2005 तक
डॉ. एस.आर. हाशिम 04 जनवरी 2005 से 01 अप्रैल 2006 तक
श्री गुरबचन जगत 01 अप्रैल 2006 से 30 जून 2007 तक
श्री सुबीर दत्ता 30 जून 2007 से 16 अगस्त 2008 तक
प्रोफेसर डीपी अग्रवाल 16 अगस्त 2008 से 16 अगस्त 2014 तक
रजनी राज़दान 16 अगस्त 2014 से 22 नवंबर 2014 तक
दीपक गुप्ता 22 नवंबर 2014 से 20 सितंबर 2016 तक
श्रीमती अल्का सिरोही 21 सितंबर 2016 से 03 जनवरी 2017 तक
प्रो. डेविड आर. सिम्लिह 04 जनवरी 2017 से 21 जनवरी 2018 तक
विनय मित्तल 22 जनवरी 2018 से 19 जून 2018 तक
अरविंद सक्सेना 20 जून 2018-06 अगस्त 2020 तक
प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी 07 अगस्त 2020- 4 अप्रैल 2022 तक
डॉ. मनोज सोनी 5 अप्रैल 2022- वर्तमान

संघ लोक सेवा आयोग का कार्यालय स्थल:

कार्यालय स्थल भारत के संघ लोक सेवा आयोग का मुख्यालय कार्यालय स्थल धौलपुर हाउस नई दिल्ली है। कुंडलाकार की यह सुन्दर इमारत इंडिया गेट के बगल में शाहजहां रोड पर स्थित है। यह पहले धौलपुर राजघराने का निवास हुआ करता था और इसका निर्माण भी नई दिल्ली के निर्माण के दौरान 1920 के दशक में किया गया था।

संघ लोक सेवा आयोग के कार्य एवं भूमिकाएं कौन-कौन सी है?

संघ लोक सेवा आयोग ('यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन') को संविधान के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य एवं भूमिकाएँ सौंपी गई हैं:-

  • संघ के अधीन सेवाओं और पदों पर प्रतियोगिता परीक्षाओं के आयोजन के माध्यम से भर्ती।
  • केंद्र सरकार के अधीन सेवाओं तथा पदों पर साक्षात्कार के माध्यम से चयन द्वारा भर्ती।
  • पदोन्नति पर नियुक्ति के साथ-साथ प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण के लिए अधिकारियों की उपयुक्तता पर परामर्श देना।
  • विभिन्न सेवाओं तथा पदों पर भर्ती की पद्धति से सम्बध्द सभी मामलों पर सरकार को परामर्श देना।
  • विभिन्न सिविल सेवाओं से सम्बद्ध अनुसानिक मामले।
  • असाधारण पेंशन प्रदान करने, विधिक व्यय आदि की प्रतिपूर्ति से संबंधित विविध मामले आदि।

संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?

सदस्य आयोग के सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य होते हैं, जो न्यूनतम 10 वर्षों के अनुभव प्राप्त हों। इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र तक का होता है। ये कभी भी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को दे सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इन्हें पद की अवमानना या अवैध कार्यों में लिप्त होने के लिए बर्ख़ास्त कर सकता है।

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित प्रमुख परीक्षाएं कौन-कौन सी है?:

संघ लोक सेवा आयोग का मुख्य कार्य केन्द्र तथा राज्यों की लोकसेवा के लिए सदस्यों का चुनाव करना है। इसके लिए यह विभिन्न परीक्षाएं को संचालित करती है। इनमें से कुछ मुख्य परीक्षाएं निम्नलिखित है:-

  • सम्मिलित चिकित्सा सेवा परीक्षा (फरवरी में)
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा (अप्रैल और सितम्बर में)
  • सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा (मई में)
  • भारतीय वन सेवा परीक्षा (जुलाई में)
  • इंजीनियरी सेवा परीक्षा (जुलाई में)
  • स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिसेज़ परीक्षा (अगस्त में)
  • भारतीय अर्थ सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा (सितम्बर में)
  • सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा (अक्टूबर/नवम्बर में)
  • सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (मई और अक्टूबर में)
  • भू-विज्ञानी परीक्षा (दिसम्बर में)
  • अनुभाग अधिकारी/आशुलिपिक (ग्रेड ख/ग्रेड 1) सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा (दिसम्बर में)

इसके अतिरिक्त राज्य लोक सेवा के अधिकारियों को संघ लोक सेवा से अधिकारी के रूप में भर्ती करना, भर्ती के नियम बनाना, विभागीय पदोन्नति समितियों का आयोजन करना, भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य मामला सुलझाना इत्यादि कार्यो को भी संपन्न करना है।

अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?

संघ लोक सेवा आयोग से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗

यह भी पढ़ें:

संघ लोक सेवा आयोग प्रश्नोत्तर (FAQs):

22 नवंबर 2014 को दवित्रा चटर्जी को संघ लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उनका कार्यकाल 2017 तक था। दवित्रा चटर्जी के कार्यकाल में उन्होंने यूपीएससी के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण बड़े फैसले लिए और लगातार नए सिरे से काम किया।

संघ लोक सेवा आयोग (U.P.S.C. - Union Public Service Commission) के सदस्य छह वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु का होने तक (जो पहले हो) पदासीन रहते है।

संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत, अन्‍य बातों के साथ-साथ सिविल सेवाओं तथा पदों के लिए भर्ती संबंधी सभी मामलों में आयोग का परामर्श लिया जाना अनिवार्य होता है। संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत आयोग के प्रकार्य इस प्रकार हैं:- संघ के लिए सेवाओं में नियुक्‍ति हेतु परीक्षा आयोजित करना, सरकार के अधीन विभिन्‍न सेवाओं तथा पदों के लिए भर्ती नियम तैयार करना तथा उनमें संशोधन, भारत के राष्‍ट्रपति द्वारा आयोग को प्रेषित किसी भी मामले में सरकार को परामर्श देना आदि।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं। इसके अतिरिक्त संविधान का 72वाँ अनुच्छेद राष्ट्रपति को न्यायिक शक्तियाँ देता है कि वह दंड का उन्मूलन, क्षमा, आहरण, परिहरण, परिवर्तन कर सकता है।

संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों को पद से सर्वोच्व न्यायालय द्वारा जाँच और रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा ही हटाया जा सकता है। इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र (जो भी पहले आए) तक होता है।

  Last update :  Tue 4 Apr 2023
  Download :  PDF
  Post Views :  23220