- भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51 फीसदी भाग पर कृषि, 4 फ़ीसदी पर चरागाह, लगभग 21 फीसदी पर वन और 24 फीसदी बंजर और बिना उपयोग की है।
- देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 52 फीसदी भाग कृषि और इससे सम्बंधित उद्योग और धंधों से अपनी आजीविका चलता है।
- 2004-2005 में भारत के निर्यात में कृषि और सम्बंधित वस्तुओं कानुपात लगभग 40 फीसदी रहा।
- विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। भारत में खाद्यान्नों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के करीब 47 फीसदी भाग पर चावल की खेती की जाती है।
- विश्व में गेंहू उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। देश की कुल कृषि योग्य जमीन के लगभग 15 फीसदी भाग पर गेंहू की खेती की जाती है।
- देश में गेंहू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का प्रथम स्थान है।
- हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेंहू और चावल की कृषि पर पड़ा है, परंतु चावल की तुलना गेंहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई।
- भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1967-1968 में हुई।
- प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-1984 में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश और किसानों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ।
- तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 में हुई।
- भारत विश्व में उर्वरक (फर्टिलाइजर) का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है।
- पोटाशियम फर्टिलाइजर का पूरी तरह आयात किया जाता है।
- आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान पहला है।
- फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में दूसरा है।
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ भारत की फसलों से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
यह भी पढ़ें:
- विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देशों की सूची 🔗
- फसलों को प्रभावित करने वाले प्रमुख रोग 🔗
- भारत में कृषि का इतिहास, महत्व, प्रमुख फसलें एवं विशेषताएँ 🔗
प्रश्नोत्तर (FAQs):
चावल भारत में अधिकतम खेती योग्य क्षेत्र को कवर करने वाली फसल है। खाद्यान्न के अंतर्गत भूमि का लगभग 1/3 भाग चावल के अंतर्गत आता है।
जूट रेशेदार प्रकार की फसल है। जूट के रेशे आमतौर पर छह से दस फीट लंबे होते हैं, लेकिन विशेष मामलों में यह 14 से 15 फीट लंबे पाए गए हैं। तुरंत खींचा गया फाइबर अधिक मजबूत, अधिक चमकदार, अधिक कोमल और अधिक सफेद होता है।
सिंधु घाटी सभ्यता के लोग बड़े पैमाने पर गेहूं और मक्का का उत्पादन करते थे। उनके द्वारा उगाई जाने वाली अन्य फसलें थीं दालें, धान, कपास, खजूर, खरबूजे, मटर, तिल और सरसों।
अनाजों में बाजरा सबसे कठोर फसल है। बाजरा सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली किस्म है। प्रागैतिहासिक काल से अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में इसकी खेती की जाती रही है।
उत्तर भारत में रबी की फ़सलें अक्टूबर और नवम्बर के महीनों में बोई जाती हैं जो कम तापमान में बोई जाती हैं, फ़सलों की कटाई फरवरी और मार्च के महीनों में की जाती है। उदाहरण के लिए गेहूँ, जौ, आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर और सरसों मुख्य रबी फसलें मानी जाती हैं।