दिल्ली के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों की सूची: दिल्ली (आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। देश की राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय भी नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित है। दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है और आबादी के अनुसार मुंबई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा महानगर भी है। यह नगर यमुना नदी के किनारे स्थित है। देश की राजधानी और राजनीति का प्रमुख केंद्र होने के साथ-2 यह भारत में पर्यटकों के आकर्षण के लिए प्रमुख केन्द्र है, जिसे देखने दुनियाभर से लोग यहाँ आते है।
दिल्ली के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया, लाल किला, जामा मस्जिद, कुतुबमीनार, राजघाट, मुगल शैली में बना हुमायूँ का मकबरा, इंडिया गेट और पुराना किला आदि शामिल है। इस नगर में आपको भारत का इतिहास, संस्कृति, मुगल वास्तुकला, संग्रहालय, औपनिवेशिक इमारतों और लगभग सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का समावेश देखने को मिलता है। आज आप इस पोस्ट के माध्यम से दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे, यहां के मंदिर भी बहुत खूबसूरत हैं, जिनकी बनाबट और वास्तुकला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
दिल्ली के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों की सूची:
- अक्षरधाम मंदिर: भगवान स्वामीनारायण को समर्पित नई दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर भारत के सबसे बड़े हिंदू मंदिर परिसर में से एक है। अक्षरधाम मंदिर को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर को बनाने में लगभग 11,000 कारीगरों का इस्तेमाल किया गया था,जिसमें 3000 से ज्यादा स्वयंसेवक भी शामिल थे। मंदिर के निर्माण कार्य में लगभग 5 वर्षों का समय लगा था, जिसे श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के कुशल नेतृत्व में पूरा किया गया। अक्षरधाम मंदिर का उदघाटन आधिकारिक तौर पर 6 नवंबर, 2005 को किया गया था। 5 भागों में विभाजित इस मंदिर का मुख्य परिसर केंद्र में स्थित है। करीब 100 एकड़ में फैले इस मंदिर की ऊंचाई 141 फीट है, जिसमें 234 शानदार नक़्क़ाशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर, भव्य गजेंद्र की 20,000 मूर्तियां आदि शामिल हैं। यह मंदिर पुरानी भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला को दर्शाता है। मंदिर का निर्माण ज्योतिर्धर स्वामिनारायण भगवान की स्मृति में किया गया है। दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते 26 दिसम्बर 2007 को यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया।
- कालकाजी मंदिर: कालकाजी मंदिर नेहरू प्लेस के पास दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित है। यह भारत में सबसे अधिक भ्रमण किये जाने वाले प्राचीन एवं श्रद्धेय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर माता काली देवी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर का विस्तार पिछले 50 सालों में ही हुआ है, लेकिन मंदिर का सबसे पुराना हिस्सा अठारहवीं शताब्दी का है। इस मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में संगमरमर से सजा यह मंदिर चारों ओर से पिरामिड के आकार वाले स्तंभों से घिरा हुआ है। मंदिर का गर्भगृह 12 तरफ़ा है, जिसमें प्रत्येक पक्ष पर संगमरमर से सजा हुआ एक प्रशस्त गलियारा है। यहाँ गर्भगृह को चारों तरफ से घेरे हुए एक बरामदा है जिसमें 36 धनुषाकार मार्ग हैं।
- इस्कॉन मंदिर: इस्कॉन टेम्पल नई दिल्ली के कैलाश क्षेत्र के पूर्वी भाग में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना सन् 1998 में गई थी। मंदिर का उद्घाटन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किया गया था। यह मंदिर भगवान कृष्ण और देवी राधा को समर्पित है। इस्कॉन मन्दिर को श्री राधा पार्थसारथी मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मुख्य रूप से चार भागों में विभाजित हैं। मंदिर में हर रोज छः आरतीयों द्वारा देवी-देवताओं की आराधना की जाती है।
- छतरपुर मन्दिर: छतरपुर मंदिर गुंड़गांव-महरौली मार्ग के पास छतरपुर इलाके में स्थित है। यह मंदिर दिल्ली के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में एक है। यह मंदिर माता कात्यायनी को समर्पित है, इसलिए इसका नाम भी कात्यायनी शक्तिपीठ रखा गया है। इस मंदिर की स्थापना कर्नाटक के संत बाबा नागपाल जी ने की थी। मंदिर का शिलान्यास सन् 1974 में श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ द्वारा किया गया था। यह मंदिर लगभग 70 एकड़ में फैला हुआ है।
- कमल मंदिर: कमल मंदिर (बहाई मंदिर), नई दिल्ली में कालका जी मंदिर (नेहरू प्लेस) के पिछले भाग में स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। दिल्ली के सबसे खूबसूरत मंदिरों में एक इसका निर्माण कार्य 13 नवम्बर 1986 में संपन्न हुआ था। इस मंदिर का उद्घाटन 24 दिसम्बर 1986 में हुआ था और 1 जनवरी 1987 को आम लोगो के लिए यह मंदिर खोला गया था। कमल जैसी आकृति होने के कारण ही इसे कमल मंदिर या लोटस टेम्पल कहा जाता है। यह एक बहुत ही अनूठा मंदिर है, क्योकि यहाँ पर आपको कोई भी मूर्ति नहीं दिखाई देगी, इसके बाबजूद भी यहाँ पर सभी धर्मों के लोग प्रार्थना और ध्यान के लिए आते है।
- बिरला मंदिर: भगवान विष्णु और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित बिरला मंदिर गोल मार्किट के पास, कनॉट प्लेस में स्थित है। यह मंदिर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है। भव्य बिरला मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस भव्य मंदिर का निर्माण मूल रूप में सन 1622 में वीर सिंह देव द्वारा करवाया गया था। बाद में देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक जी. डी. बिरला द्वारा सन 1938 में इस मंदिर का विस्तार और पुनरुत्थान कराया गया, जो 1939 में पूर्ण हुआ था। मंदिर का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा किया गया था। इस मंदिर का निर्माण नगर शैली में पंडित विश्वनाथ शास्त्री के मार्गदर्शन में हुआ था। मंदिर में स्थापित माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की मूर्ति का अलौकिक सौंदर्य देखते ही बनता है। यह मंदिर सप्ताह में सात दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
- योगमाया मंदिर: योगमाया मंदिर नई दिल्ली के महरौली में क़ुतुबमीनार के समीप ही स्थित है। यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है, ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत युद्ध के समाप्त होने पर पाण्डवों ने किया था। ऐसा माना जाता है कि श्री योगमाया मंदिर उन 5 मंदिरों में से एक जो कि महाभारत काल के है। मंदिर के पुजारी के मुताबिक ये उन 27 मंदिरों में से एक है, जिन्हे महमूद गज़नबी और बाद में मुगलो ने नष्ट कर दिया था। वर्तमान मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर के पास एक पानी की झील, जोहाद है जिसे “अनंगताल” कहा जाता है।
- दिगंबर जैन मंदिर: दिगंबर जैन मंदिर पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में लाल किले के पास स्थित सबसे पुराना जैन मंदिर है। सुंदर लाल बलुआ पत्थरों से बना यह मंदिर चाँदनी चौक और नेताजी सुभाष मार्ग के चौराहे पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण साल 1526 में किया गया। इस प्रसिद्ध मंदिर को रेड टेम्पल या लाल मंदिर भी कहा जाता है और इसकी स्थापना के बाद से इसमें कई परिवर्तन किये गए हैं। यह मंदिर 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। लाल मंदिर के मुख्य देवता भगवान महावीर हैं, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। मंदिर के अन्दर जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की मूर्ति भी स्थापित है। जैन धर्म के अनुयायियों के बीच यह स्थान बहुत लोकप्रिय है।
- गौरी शंकर मंदिर: गौरी शंकर मंदिर दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में दिगंबर जैन लाल मंदिर के पास स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर पूर्णतः भगवान शिव को समर्पित है और भारत के शैव सम्प्रदाय के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण साल 1761 में किया गया था। मंदिर के अंदर भगवान शिव, देवी पार्वती, गणेश और कार्तिक की मूर्ति रखी हुई है। मंदिर सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
- गुफा वाला मंदिर: पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार क्षेत्र में स्थित शिव मंदिर ‘गुफा वाले मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण सन 1987 में शुरू हुआ था और 1994 में बनकर तैयार हो गया था। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण यहाँ पर बनी भगवान गणेश और भगवान हनुमान विशाल मूर्ति है। इस मंदिर में एक बड़ी गुफा है, जो वैष्णो देवी मंदिर का अनुभव कराती है और गुफा के अंदर माता वैष्णो देवी और भगवान हनुमान की प्रतिमा है। गुफा में गंगा जल की एक धारा बहती रहती है। गुफा के अंदर मां चिंतपूर्णी, माता कात्यायनी, संतोषी मां, लक्ष्मी जी, ज्वाला जी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। यह मंदिर पूर्वी दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध और सुंदर मंदिरों में से एक है।
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