गरीब कल्याण रोजगार अभियान क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून 2020 को बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गाँव से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की यह एक 125 दिवसीय अभियान है, जिसमें COVID-19 महामारी के कारण वापस लौटे प्रवासी कमगरों और प्रभावित ग्रामीण जनसमुदाय की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से विपदाग्रस्त लोगों को तत्काल रोजगार और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने, गाँवों को सार्वजनिक अवसंरचना से परिपूर्ण करने और आय अर्जन कार्यकलापों तथा दीर्घकालिक आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए आजीविका परिसंपत्तियों का निर्माण करने की बहूद्देशीय कार्यनीति के माध्यम से विभिन्न कार्यों पर ज़ोर दिया जाएगा।
योजना के बारे में
यह एक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना है जिसे 6 राज्यों में 116 जिलों के लिए 50000 करोड़ की प्रारम्भिक निधि के साथ लॉंच किया गया है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में से प्रत्येक में 25000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों वाले कुल 116 जिलों को, जिसमें 27 आकांक्षी जिले शामिल हैं
राज्य | जिले | आकांक्षी जिले* |
बिहार | 32 | 12 |
उत्तर प्रदेश | 31 | 5 |
मध्य प्रदेश | 24 | 4 |
राजस्थान | 22 | 2 |
झारखंड | 3 | 3 |
ओड़ीशा | 4 | 1 |
कुल | 116 | 27 |
नोट: आकांक्षी जिले भारत के वे जिले हैं जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।
योजना की अवधि और कार्य:
- यह अभियान 125 दिनों के लिए मिशन मोड में काम करेगा जिसमें एक ओर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए 25 विभिन्न प्रकार के कार्य शामिल हैं और दूसरी ओर देश में ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है।
- इन 25 कार्यों में सामुदायिक स्वच्छता परिसर, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग, निधियों के अंतर्गत कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य, जल संरक्षण और संचयन कार्य, कुएँ, पौधरोपण कार्य, बागवानी, आंगनवाड़ी केंद्र, रेलवे कार्य, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूब्रन मिशन, प्रधानमंत्री कुसुम कार्य, ग्रामीण आवास कार्य (PMAY-G), ग्रामीण संपर्क कार्य, भारत के अंतर्गत ओप्टिक फाइबर बिछाना, जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य, प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना, आजीविकाओं के लिए KVK के माध्यम से प्रशिक्षण, जिला निधि खनिज के माध्यम से कार्य, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य, खेत तालाब, मवेशियों के बाड़े, बकरियों के बाड़े, मुर्गियों के दबड़े, तथा वर्मी खाद शामिल है।
- इस अभियानों के क्रियाकलापों की प्रगति की निगरानी केंद्रीय देशबोर्ड और मोबाइल एप्प के माध्यम से प्रोग्रेस ट्रेकिग के द्वारा की जाएगी।
योजना के उद्देश्य:
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के व्यापक उद्देश्य इस प्रकार हैं-
- वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों और समान रूप से प्रभावित ग्रामीण आबादी को तत्काल रोजगार अवसर प्रदान करना।
- गाँवों को सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे और संपत्ति के साथ संतृप्त करना।
- लंबे समय तक आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए तैयार करना।
मंत्रालयों का समन्वय:
इस अभियान के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्रमुख योगदान है और इस अभियान को राज्य सरकारों के साथ अभिन्न समन्वय में लागू किया जाएगा। यह विशेष योजना ग्रामीण विकास, पंचायत राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान पेयजल और स्वछता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, और प्रकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार और कृषि जैसे 12 विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के बीच समन्वित प्रयास मे कार्यन्वित की जा रही है।
आवेदन हेतु शर्तें:
- योजना का लाभ लेने के लिए आवदेक इन 6 राज्यों में से किसी एक का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
- उसके पास निवासी प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- रोजगार केवल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही दिया जाएगा।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान की मुख्य तथ्य:
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा. जिसकी दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है. इस योजना के तहत श्रमिकों को 125 दिनों तक के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
- यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा. जिसमें काम करने वाले श्रमिकों को राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा भुगतान किया जाएगा।
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