पृथ्वी का इतिहास, संरचना, गतियाँ एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी (Important GK Facts Related to Earth in Hindi)
पृथ्वी के नाम की उत्पत्ति:
पृथ्वी अथवा पृथिवी एक संस्कृत शब्द हैं जिसका अर्थ " एक विशाल धरा" निकलता हैं। एक अलग पौराणिक कथा के अनुसार, महाराज पृथु के नाम पर इसका नाम पृथ्वी रखा गया। इसके अन्य नामो में- धरा, भूमि, धरित्री, रसा, रत्नगर्भा इत्यादि सम्मलित हैं। अन्य भाषाओ इसे जैसे- अंग्रेजी में अर्थ(Earth) और लातिन भाषा में टेरा (Terra) कहा जाता हैं। हालकि सभी नामो में इसका अर्थ लगभग सामान ही रहा हैं।
पृथ्वी का इतिहास:
पृथ्वी का इतिहास 4.6 बिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी ग्रह के निर्माण से लेकर आज तक के इसके विकास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं और बुनियादी चरणों का वर्णन करता है। पृथ्वी आकार में 5वां सबसे बड़ा ग्रह है और सूर्य से दूरी के क्रम में तीसरा ग्रह है। यह सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है। प्राकृतिक विज्ञान की लगभग सभी शाखाओं ने पृथ्वी के इतिहास की प्रमुख घटनाओं को स्पष्ट करने में अपना योगदान दिया है। पृथ्वी की आयु ब्रह्माण्ड की आयु की लगभग एक-तिहाई है। उस काल-खण्ड के दौरान व्यापक भूगर्भीय तथा जैविक परिवर्तन हुए हैं।
पृथ्वी दिवस का इतिहास:
पृथ्वी दिवस पूरे विश्व में 22 अप्रॅल को मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को पहली बार सन् 1970 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना था। पृथ्वी के पर्यावरण के बारे में प्रशंसा और जागरूकता को प्रेरित करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस की स्थापना सन् 1970 में अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन के द्वारा एक पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गयी, और इसे कई देशों में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस की तारीख उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत ऋतु और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद ऋतु का मौसम है। संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च एक्विनोक्स (वर्ष का वह समय जब दिन और रात बराबर होते हैं) पर मनाया जाता है, यह दिन अक्सर 20 मार्च का दिन होता है, यह एक परम्परा है जिसकी स्थापना शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल के द्वारा की गयी थी।
पृथ्वी की आंतरिक संरचना:
पृथ्वी की आंतरिक संरचना के सम्बन्ध में वैज्ञानिकों में अनेकों मतभेद हैं। भू-गर्भ में पाई जाने वाली परतों की मोटाई, घनत्व, तापमान, भार एवं वहाँ पर पाए जाने वाले पदार्थ की प्रकृति पर अभी पूर्ण सहमति नहीं हो पायी है। फिर भी तापमान, दबाव, घनत्व, उल्काओं एवं भूकम्पीय तरंगों पर आधारित प्रमाणों को एकत्रित करके पृथ्वी की आंतरिक संरचना के सम्बन्ध में जानकारी पाप्त करने के प्रयास किए गए हैं। पृथ्वी के अन्दर के हिस्से को तीन भागों में बाँटा गया है:-
- भू-पर्पटी
- आवरण
- केन्द्रीय भाग
पृथ्वी की आकृति लघ्वक्ष गोलाभ के समान है। यह लगभग गोलाकार है जो ध्रुवों पर थोड़ा चपटी है। पृथ्वी पर सबसे उच्चतम बिंदु माउंट एवरेस्ट है जिसकी ऊँचाई 8848 मी. है। दूसरी ओर सबसे निम्नतम बिंदु प्रशांत महासागर में स्थित मारियाना खाई है जिसकी समुद्री स्तर से गहराई 10,911 मी. है। पृथ्वी की आंतरिक सरंचना कई स्तरों के तीन प्रधान अंग है- ऊपरी सतह भूपर्पटी, मध्य स्तर मैंटल और आंतरिक स्तर धात्विक क्रोड। पृथ्वी के कुल आयतन का 0.5% भाग भूपर्पटी का है जबकि 83% भाग में मैंटल विस्तृत है। शेष 16% भाग क्रोड है।
पृथ्वी की रासायनिक संरचना:
पृथ्वी का निर्माण आयरन (32.1 फीसदी), ऑक्सीजन (30.1 फीसदी), सिलिकॉन (15.1 फीसदी), मैग्नीशियम (13.9 फीसदी), सल्फर (2.9 फीसदी), निकिल (1.8 फीसदी), कैलसियम (1.5 फीसदी) और अलम्युनियम (1.4 फीसदी) से हुआ है। इसके अतिरिक्त लगभग 1.2 फीसदी अन्य तत्वों का भी योगदान है। क्रोड का निर्माण लगभग 88.8 फीसदी आयरन से हुआ है। भूरसायनशास्त्री एफ. डल्ब्यू, क्लार्क के अनुसार पृथ्वी की भूपर्पटी में लगभग 47 फीसदी ऑक्सीजन है। धरती का घनत्व पूरे सौरमंडल मे सबसे ज्यादा है। बाकी चट्टानी ग्रह की संरचना कुछ अंतरो के साथ पृथ्वी के जैसी ही है। चन्द्रमा का केन्द्रक छोटा है, बुध का केन्द्र उसके कुल आकार की तुलना मे विशाल है, मंगल और चंद्रमा का मैंटल कुछ मोटा है, चन्द्रमा और बुध मे रासायनिक रूप से भिन्न भूपटल नही है, सिर्फ पृथ्वी का अंत: और बाह्य मैंटल परत अलग है। ध्यान दे कि ग्रहो (पृथ्वी भी) की आंतरिक संरचना के बारे मे हमारा ज्ञान सैद्धांतिक ही है।
पृथ्वी की गतियाँ:
पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर घूमती रहती है। इसकी दो गतियां है- 1. घूर्णन: पृथ्वी के अक्ष पर चक्रण को घूर्णन कहते हैं। पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है और एक घूर्णन पूरा करने में 23 घण्टे, 56 मिनट और 4.091 सेकेण्ड का समय लेती है। इसी से दिन व रात होते हैं। 2. परिक्रमण: पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अंडाकार पथ पर 365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट व 45.51 सेकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है, जिसे उसकी परिक्रमण गति कहते हैं। पृथ्वी की इस गति की वजह से ऋतु परिवर्तन होता है।
पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन:
भारत में पृथ्वी के विभिन्न घटकों के बीच मजबूत संबंधों, उदाहरणार्थ वातावरण, महासागर, साइरो‑स्फीयर और जियो‑स्फीयर, के महत्व को स्वीकार करते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को 2006 में गठित किया गया था। इसके तुरंत बाद वर्ष 2007 में एक वास्तविक संगठन अस्तित्व में आया। यह था - पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (Earth System Sciences Organisation / ESSO / एस्सो) जो मंत्रालय का प्रशासनिक अंग था। इसके अंतर्गत भू विज्ञानों की तीन प्रमुख शाखाएं हैं –
- महासागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,
- वातावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और
- भू विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।
इस प्रयास का एकमात्र उद्देश्य था पृथ्वी की प्रक्रियाओं संबंधी विभिन्न पक्षों पर आमूल विचार करना जिससे पृथ्वी प्रणाली की विभिन्नताओं को समझा जा सके और मौसम, जलवायु तथा जोखिमों की भविष्यवाणी में सुधार किया जा सके।
पृथ्वी से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।
- रोजाना 4500 बादल पृथ्वी पर गरजते हैं।
- सूरज धरती का सबसे पास का तारा है।
- धरती पे मौजूद हर जीव में कार्बन जरूर है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 1º/2 झुकी हुई है।
- रोजाना 4500 बादल पृथ्वी पर गरजते हैं।
- पृथ्वी 1670 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घूमती है।
- आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है।
- पृथ्वी के 29% भाग भू-भाग है और 71% पानी ही पानी है।
- सूर्य का प्रकाश धरती पर पहुँचने में 8 मिनट 18 सेकंड लगते हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की कुल उम्र 4 .6 अरब वर्ष मानी गई हैं।
- पृथ्वी पर मापा गया सबसे कम तापमान – 89. 2 डिग्री सेल्सियस है।
- सौरमंडल में पृथ्वी आकार में सबसे बड़े ग्रहों में पांचवे स्थान पर आती है।
- दुनिया के छह बड़े देश ऐसे हैं जिन्होंने धरती का 40% हिस्सा घेरा हुआ है।
- हर एक सेकंड पृथ्वी पर कहीं न कहीं 100 बार आसमानी बिजली गिरती है।
- सौरमंडल में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन का अस्तित्व है।
- पृथ्वी अपना एक चक्कर 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड्स में पूरा करती है।
- पृथ्वी आकाश गंगा का टैकटोनिक प्लेटों की व्यवस्था वाला एकमात्र ग्रह है।
- सूरज को फुटबाल मानने पर हमारी धरती कांच की छोटी गोली की तरह होगी।
- अगर चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह नहीं होता तो धरती पर दिन लगभग 30 घंटों का होता।
- वैज्ञानिकों ने Radiometic Dating Method के द्वारा पृथ्वी की उम्र का पता लगाया है।
- पृथ्वी पर 1 सेकेंड में 100 बार और हर दिन 80.6 लाख बार आकाशीय बिजली गिरती है।
- पृथ्वी पर 97 % पानी खारा है या पीने लायक नहीं है और मात्र 3% ही पीने लायक साफ़ पानी है।
- पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण शक्ति के कारण पर्वतों का 15,000 मीटर से ऊँचा हो पाना संभव नही है।
- जल की उपस्थिति तथा अंतरिक्ष से नीला दिखाई देने के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
- इसका विषुवतीय / भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है।
- पृथ्वी के भू-भाग का सिर्फ 11 प्रतीशत हिस्सा ही भोजन उत्पादित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- पृथ्वी के केंद्र में इतना सोना मौजूद है जिससे 1.5 फीट की चादर से धरती की पूरी सतह को ढंका जा सकता है।
- 1989 में रूस में मनुष्य द्वारा सबसे ज्यादा गहरा गड्ढा खोदा गया था। जिसकी गहराई 12.262 किलोमीटर थी।
- अंतरिक्ष में मौजूद कचरे का एक टुकड़ा हर दिन पृथ्वी पर गिरता है। यह अनुमान नासा के वैज्ञानिकों ने लगाया है।
- धरती पर हर साल 5 लाख भूकंप आते हैं। इनमें से एक लाख भूकंप सिर्फ महसूस किए जाते हैं जबकि 100 विनाशकारी होते हैं।
- पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल इतना जायदा है की जिसके कारण कोई भी पर्वत 15,000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई नहीं छु सकता।
- सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा 'प्रॉक्सीमा सिंटोरी' है, जो अल्फा सिंटोरी समूह का एक तारा है। यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है।
- पृथ्वी की एक फोटो 3.7 बिलियन मील की दूरी से ली गयी थी। जिसका नाम ‘पेल ब्ल्यू डॉट’ है। यह अब तक की सबसे अधिक दूरी से ली गई धरती की तस्वीर है।
- माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई समुद्र स्तर से 8850 मीटर है।पर अगर बात करें पृथ्वी के केंद्र से अंतरिक्ष की दूरी की तो हम पाते हैं कि सबसे ऊंचा पर्वत इक्वाडोर का माउंट चिम्बोराजो है। इसकी ऊंचाई 6310 मीटर है।
- सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में धरती को 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है। 6 घंटे जोड़-जोड़ कर जो एक दिन बढ़ता है। वह हर चौथे साल फ़रवरी में जोड़ दिया जाता है। वही फ़रवरी का महीना 29 दिन का होता है।
- हर वर्ष लगभग 30,000 आकाशीय पिंड धरती के वायुमंडल मे दाखिल होते हैं। पर इनमें से ज्यादातर धरती के वायुमंडल के अंदर पहुँचने पर घर्षण के कारण जलने लगते है जिन्हें कई लोग ‘टूटता रा’ कह कर पुकारते हैं।
- पृथिवी अथवा पृथ्वी का नाम पौराणिक कथा पर आधारित है जिसका संबंध महाराज पृथु से है। अन्य नाम हैं – धरा, भूमि, धरित्री, रसा, रत्नगर्भा इत्यादि। पृथ्वी का अंग्रेजी में नाम Earth (अर्थ) और लेटिन भाषा में टेरा है।
- पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन, इसकी कक्षा पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन यानि वार्षिक गति के कारण होती है। वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन–रात छोटा–बड़ा होता है।
- पृथ्वी प्रणाली विज्ञान (Earth system science) के अंतर्गत पृथ्वी के विभिन्न घटकों, अर्थात वातावरण, समुद्रों, क्रायोस्फीयर, भूमंडल और जीवमंडल के बीच जटिल संबंधों की समझ शामिल है। पृथ्वी प्रणाली के बारे में जानकारी से, जलवायु, मौसम और प्राकृतिक खतरों की भविष्यवाणी में सुधार करने में मदद प्राप्त होती है।
इन्हें भी जाने: रासायनिक विज्ञान के पदार्थो के रासायनिक नाम, सूत्र एवं शाखाओं की सूची
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ पृथ्वी से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
यह भी पढ़ें:
- चन्द्रमा का इतिहास, आंतरिक संरचना एवं महत्वपूर्ण तथ्य 🔗
- सौरमंडल के 8 ग्रहों के नाम और महत्वपूर्ण तथ्य 🔗
- सौरमंडल के ग्रहों के महत्वपूर्ण तथ्य 🔗
- खगोल विज्ञान: अंतरिक्ष, ब्रह्माण्ड आकाशगंगा, तारों की उत्पत्ति और महत्वपूर्ण तथ्य 🔗
पृथ्वी का इतिहास प्रश्नोत्तर (FAQs):
अल अज़ीज़िया दुनिया का सबसे गर्म शहर था। 13 सितंबर 1922 को लीबिया शहर का तापमान 58 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 2012 में अमेरिका की डेथ वैली ने अल अजीजिया से दुनिया की सबसे गर्म जगह का खिताब छीन लिया था.
ऐण्डीज विश्व की सबसे लम्बी पर्वत शृंखला है जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित है। कुल मिलाकर यह पर्वतमाला 7,000 किमी तक चलती है और लगभग 200 किमी की औसत चौड़ाई रखती है। ऐन्डीज़ दक्षिण अमेरिका के सात देशों - कोलम्बिया,अर्जेन्टीना, चिली, बोलिविया, पेरू, ईक्वाडोर और वेनेज़ुएला - से गुज़रती है
पृथ्वी की सतह पर g के मान में भी स्थानीय भिन्नताएँ हैं। ये भिन्नताएँ अक्षांश (पृथ्वी एक पूर्ण गोला नहीं है; यह बीच में उत्तल है), ऊँचाई और क्षेत्र की स्थानीय भूवैज्ञानिक संरचना के कारण हैं।
भार किसी वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल (जी) का परिणाम है। इस बल को अंग्रेजी भाषा के व्यंजन g' द्वारा दर्शाया जाता है। 'जी' का मान अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है, इसलिए वजन का माप भी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है।
ऑक्सीजन पृथ्वी के अनेक पदार्थों में रहता है जैसे पानी और वास्तव में अन्य तत्वों की तुलना में इसकी मात्रा सबसे अधिक है। ऑक्सीजन, वायुमण्डल में स्वतन्त्र रूप में मिलता है आयतन के अनुसार उसका लगभग पाँचवाँ भाग है।