भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्व एवं मुख्य अतिथि:

गणतंत्र दिवस:

भारत में 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि आज ही के दिन 1950 में ये लागू हुआ था। भारतीय संविधान ने 1935 के अधिनियम को बदल कर खुद को भारत के संचालक दस्तावेज़ के रुप में स्थापित किया था। इस दिन को भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। भारतीय संवैधानिक सभा द्वारा नये भारतीय संविधान की रुप-रेखा तैयार हुई और स्वीकृति मिली तथा भारत के गणतांत्रिक देश बनने की खुशी में इसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाने की घोषणा हुई।

गणतंत्र दिवस 2023 के मुख्य अतिथि:

भारत और मिस्र 26 जनवरी 2023 (26 जनवरी 2023) को अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस 74वें गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति "अब्देल फतह अल सिसी" हैं। इस बार गणतंत्र दिवस पर 23 झांकियां दिखाने का उद्देश्य है। इन 23 झांकियों में से 17 झांकियां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी और 6 झांकियां विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की होंगी। गणतंत्र दिवस और बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने के लिए हमारे साथ रजिस्टर करें।

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गणतंत्र दिवस 2021 के मुख्य अतिथि:

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के मौके पर मुख्‍य अतिथि होते, लेकिन ब्रिटेन में फैल रहे कोरोना के नए स्‍ट्रेन की वजह से बोरिस जॉनसन ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया गया था.

गणतंत्र दिवस 2020 के मुख्य अतिथि:

भारत सरकार हर साल एक विदेशी नेता को गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर आमंत्रित करती है. वर्ष 2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो गणतंत्र दिवस परेड 2020 के मुख्य अतिथि थे। वही 69वें गणतंत्र दिवस 2018 के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहली बार 10 आसियान देशों (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) के राष्ट्रप्रमुख मुख्य अतिथि बनेंगे।

इस अतिथियों में सुल्तान हसन-अल बोलकिया (ब्रुनेई), हुन सेन (कंबोडिया के प्रधानमंत्री), जोको विडोडो (इंडोनेशिया के राष्ट्रपति), थोंग्लौं सिसोलिथ (लाओस के प्रधानमंत्री), नजीब रजाक (मलेशिया के प्रधानमंत्री), हतिन क्याव (म्यांमार के राष्ट्रपति), रॉड्रिगो डूटर्ट (फिलीपींस के राष्ट्रपति), हलीमा याकूब (सिंगापुर के राष्ट्रपति), प्रयुथ चान-ओचा (थाइलैंड के प्रधानमंत्री) और ग्यूयेन तन जूंग (वियतनाम) आदि शामिल हुए थे।

गणतंत्र दिवस मनाने का इतिहास:

वर्ष 1947 में 15 अगस्त को अंग्रेजी शासन से भारत को आजादी मिली थी। उस समय देश का कोई स्थायी संविधान नहीं था। पहली बार, वर्ष 1947 में 4 नवंबर को राष्ट्रीय सभा को ड्राफ्टिंग कमेटी के द्वारा भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया था। वर्ष 1950 में 24 जनवरी को हिन्दी और अंग्रेजी में दो संस्करणों में राष्ट्रीय सभा द्वारा

भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट हस्ताक्षरित हुआ था। तब 26 जनवरी 1950 अर्थात् गणतंत्र दिवस को भारतीय संविधान अस्तित्व में आया। तब से, भारत में गणतंत्र दिवस के रुप में 26 जनवरी मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन भारत को पूर्णं स्वराज देश के रुप में घोषित किया गया था अत: पूर्णं स्वराज के वर्षगाँठ के रुप में हर वर्ष इसे मनाये जाने की शुरुआत हुई।

26 जनवरी मनाने का महत्व:

गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत के लिये सच्चे साहस का प्रतीक है जहाँ सैन्य परेड, सैन्य सामानों की प्रदर्शनी, भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय झंडे को सलामी और इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है। भारतीय झंडे में क्षैतिज दिशा में तीन रंग होते हैं (सबसे ऊपर केसरिया, मध्य में सफेद तथा अंत में हरा, सभी रंग बराबर अनुपात में होता है) और बीच में एक चक्र होता है (नीले रंग में 24 तिलियों के साथ) जो अशोका की राजधानी सारनाथ के शेर को दिखाता है।

भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न संस्कृति, समाज, धर्म और भाषा के लोग सद्भावपूर्णं ढंग से एक साथ रहते हैं। भारत के लिये स्वतंत्रता बड़े गर्व की बात है क्योंकि विभिन्न मुश्किलों और बाधाओं को पार करने के वर्षों बाद ये प्राप्त हुई थी।

भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची (1950 से 2023 तक):

वर्ष पद और मुख्य अतिथि का नाम सम्बंधित देश
2023 राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मिस्र
2022 कसीम-जोमार्ट तोकायेव (कजाखस्तान के राष्ट्रपति), सदयर जपारोव (किर्गिस्तान के राष्ट्रपति), इमोमाली रहमोन (ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति), गुरबांगुली बर्दीमुहामेदोव (तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति), शवकत मिर्जियोयेव (उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति) पांच अतिथि (मध्य एशिया राज्यों के प्रमुख)
2021 - -
2020 राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो ब्राज़ील
2019 राष्ट्रपति, सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) दक्षिण अफ्रीका
2018 सुल्तान हसन-अल बोलकिया (ब्रुनेई), हुन सेन (कंबोडिया के प्रधानमंत्री), जोको विडोडो (इंडोनेशिया के राष्ट्रपति), थोंग्लौं सिसोलिथ (लाओस के प्रधानमंत्री), नजीब रजाक (मलेशिया के प्रधानमंत्री), हतिन क्याव (म्यांमार के राष्ट्रपति), रॉड्रिगो डूटर्ट (फिलीपींस के राष्ट्रपति), हलीमा याकूब (सिंगापुर के राष्ट्रपति), प्रयुथ चान-ओचा (थाइलैंड के प्रधानमंत्री), ग्यूयेन तन जूंग (वियतनाम) आसियान देशों के प्रमुख
2017 क्राउन प्रिंस, शेख मोहमद बिन ज़ायेद अल नाह्यान अबु धाबी
2016 राष्ट्रपति, फ्रांस्वा ओलांद फ्राँस
2015 राष्ट्रपति, बराक ओबामा यूएसए
2014 प्रधानमंत्री, शिंजों आबे जापान
2013 राजा, जिग्मे केसर नामग्याल वाँगचुक भूटान
2012 प्रधानमंत्री, यिंगलुक शिनवात्रा थाईलैंड
2011 राष्ट्रपति, सुसीलो बमबंग युद्धोयुनो इंडोनेशिया
2010 राष्ट्रपति, ली म्यूंग बक कोरिया गणराज्य
2009 राष्ट्रपति, नूरसुलतान नजरबयेव कज़ाकिस्तान
2008 राष्ट्रपति, निकोलस सरकोजी फ्रांस
2007 राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिन रुस
2006 राजा, अब्दुल्ला बिन अब्दुल्लाजिज़ अल-सऊद सऊदी अरेबिया
2005 राजा, जिग्मे सिंघे वाँगचुक भूटान
2004 राष्ट्पति, लूइज़ इनैसियो लूला दा सिल्वा ब्राजील
2003 राष्ट्पति, मोहम्मदम खतामी इरान
2002 राष्ट्पति, कसाम उतीम मॉरीशस
2001 राष्ट्पति, अब्देलाज़िज बुटेफ्लिका अलजीरीया
2000 राष्ट्पति, ओलूसेगुन ओबाझाँजो नाइजीरिया
1999 राजा बिरेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव नेपाल
1998 राष्ट्रपति, जैक्स चिराक फ्रांस
1997 प्रधानमंत्री, बासदियो पांडेय त्रिनीनाद और टोबैगो
1996 राष्ट्रपति, डॉ फरनॉनडो हेनरिक कारडोसो ब्राजील
1995 राष्ट्रपति, नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रिका
1994 प्रधानमंत्री, गोह चोक टोंग सिंगापुर
1993 प्रधानमंत्री, जॉन मेजर यूके
1992 राष्ट्रपति, मारियो सोर्स पुर्तगाल
1991 राष्ट्रपति, मौमून अब्दुल गयूम मालदीव
1990 प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जुगनौत मॉरीशस
1989 गुयेन वैन लिंह वियतनाम
1988 राष्ट्रपति, जुनियस जयवर्द्धने श्रीलंका
1987 राष्ट्रपति, ऐलेन गार्सिया पेरु
1986 प्रधानमंत्री, एँड्रियास पपनड्रीयु ग्रीस
1985 राष्ट्रपति, रॉल अलफोन्सिन अर्जेन्टीना
1984 राजा जिग्मे सिंघे वाँगचुक भूटान
1983 राष्ट्रपति, सेहु शगारी नाइजीरिया
1982 राजा, जॉन कार्लोस प्रथम स्पेन
1981 राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोरेटील्लो मेक्सिको
1980 राष्ट्रपति, वलेरी गिस्कार्ड द इस्टेइंग फ्रांस
1979 प्रधानमंत्री, मलकोल्म फ्रेज़र ऑस्ट्रेलिया
1978 राष्ट्रपति, पैट्रीक हिलेरी ऑयरलौंड
1977 प्रथम सचिव, एडवर्ड गिरेक पौलैण्ड
1976 प्रधानमंत्री, जैक्स चिराक फ्रांस
1975 राष्ट्रपति, केनेथ कौंडा जांबिया
1974 राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटो यूगोस्लाविया

प्रधानमंत्री, सिरीमावो रतवत्ते दियास बंदरनायके श्रीलंका
1973 राष्ट्रपति, मोबुतु सेस सीको जैरे
1972 प्रधानमंत्री, सीवुसागर रामगुलाम मॉरीशस
1971 राष्ट्रपति, जुलियस नीयरेरे तंजानिया
1970 -  -
1969 प्रधानमंत्री, टोडर ज़िकोव बुल्गारिया
1968 प्रधानमंत्री, एलेक्सी कोज़ीगिन सोवियत यूनियन

राष्ट्रपति, जोसिप ब्रोज टीटो यूगोस्लाविया
1967 -  -
1966 -  -
1965 खाद्य एवं कृषि मंत्री, राना अब्दुल हामिद पाकिस्तान
1964 -  -
1963 राजा, नोरोदम शिनौक कंबोडिया
1962 -  -
1961 रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय यूके
1960 राष्ट्रपति, क्लिमेंट वोरोशिलोव सोवियत संघ
1959 -  -
1958 मार्शल यि जियानयिंग चीन
1957 -  -
1956 -  -
1955 गर्वनर जनरल, मलिक गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान
1954 राजा, जिग्मे दोरजी वाँगचुक भूटान
1953 -  -
1952 -  -
1951 -  -
1950 राष्ट्रपति, सुकर्नों इंडोनेशिया

अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?

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भारतीय गणतंत्र दिवस प्रश्नोत्तर (FAQs):

गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार पुरस्कार प्रदान किया जाता है। भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में ये पुरस्कार शुरु किये थे।

भारत में गणतंत्र दिवस के जुलूस में कई सैन्य दल भाग लेते हैं। इसमें विभिन्न सशस्त्र बलों के विभिन्न बल शामिल हैं, जिनमें नौसेना, वायु सेना, सेना, पुलिस बल और अन्य सशस्त्र बल शामिल हो सकते हैं।

भारत में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। यह परंपरा देश के सर्वोच्च पद के सम्मान और आदर का प्रतीक है। सलामी भारतीय सेना द्वारा तोपखाने की तोपों से एक साथ फायरिंग के साथ दी जाती है।

भारत को आजादी भले ही 15 अगस्त 1947 को मिली लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत पूर्ण गणराज्य बना। इसी दिन को पूरा भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। संविधान 26 नवंबर 1949 में पूरी तरह तैयार हो चुका था लेकिन दो महीने इंतजार करने के बाद इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था।

देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

  Last update :  Thu 6 Apr 2023
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