भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास:
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन 'भारतीय इतिहास' में लम्बे समय तक चलने वाला एक प्रमुख राष्ट्रीय आन्दोलन था। इस आन्दोलन की औपचारिक शुरुआत 1885 ई. में कांग्रेस की स्थापना के साथ हुई थी, जो कुछ उतार-चढ़ावों के साथ 15 अगस्त, 1947 ई. तक अनवरत रूप से जारी रहा। वर्ष 1857 से भारतीय राष्ट्रवाद के उदय का प्रारम्भ माना जाता है। राष्ट्रीय साहित्य और देश के आर्थिक शोषण ने भी राष्ट्रवाद को जगाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन अवधि में बनी महत्वपूर्ण संस्थाएं:
स्थापना वर्ष | संस्थाओं का नाम | किसके द्वारा बनायीं गई |
1784 | एशियाटिक सोसाइटी | विलियम जोन्स |
- | युवा बंगाल | हेनरी लुई विवियन डिरोजियो |
1828 | ब्रह्म समाज | राजा राम मोहन राय |
1843 | ब्रिटिश सार्वजानिक सभा | दादा भाई नौरोजी |
1851 | रहनुमाई भानदयासन समाज | दादा भाई नौरोजी |
1862 | साइंटिफिक सोसाइटी | सर सैयद अहमद खां |
1863 | मोहम्मडन एंग्लो लिटरेरी सोसाइटी | अब्दुल लतीफ़ |
1871 | वेद समाज | श्रीधरालू नायडू |
1867 | प्रार्थना समाज | केशव चन्द्र सेन,महादेव रानाडे,रविन्द्रनाथ टैगोर |
1870 | पूना सार्वजानिक सभा | रानाडे/चिपुलकर और जोशी |
1872 | इंडियन सोसाइटी | आनंद मोहन बोस |
1875 | आर्य समाज | स्वामी दयानंद सरस्वती |
1875 | थियोसोफिकल सोसाइटी | मैडम ब्लाव्त्सकी और कर्नल अल्काट |
1875 | मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज | सर सैयद अहमद खां |
1876 | इंडियन एसोसिएशन | सुरेन्द्र नाथ बनर्जी |
1883 | भारतीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस | एस.एन. बनर्जी |
1885 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | ए. ओ. ह्यूम |
1885 | बॉम्बे प्रेसिडेंसी एसोसिएशन | फिरोज शाह मेहता, तैलंग तथा तैयब जी |
1887 | बेलूर मठ | स्वामी विवेकानंद |
1887 | इंडियन सोशल कांफ्रेंस | महादेव गोविन्द रानाडे |
1888 | यूनाइटेड इंडियन पेट्रियाटिक एसोसिएशन | सर सैयद अहमद खां |
1896 | राम कृष्ण मिशन | स्वामी विवेकानंद |
1905 | सर्वेट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी | गोपाल कृष्ण गोखले |
1906 | मुस्लिम लीग | सलीमुल्लाह एवं आगा खां |
1913 | ग़दर पार्टी | हरदयाल, काशीराम व सोहन सिंह |
1916 | होमरूल लीग | बालगंगाधर तिलक |
1918 | विश्व भारती | रविन्द्र नाथ टैगोर |
1920 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | एम् एन राय (ताशकंद में) |
1920 | सर्वेट्स ऑफ़ पीपुल सोसाइटी | लालालाजपत राय |
1920 | अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस | एन. एम्. जोशी |
1923 | स्वराज पार्टी | मोतीलाल नेहरु, चितरंजन दास व एन.सी. केलकर |
1925 | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ | के बी हेडगेवार |
1928 | हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन | चन्द्र शेखर आज़ाद, भगत सिंह |
1936 | अखिल भारतीय किसान सभा | एन. जी. रंग व सहजानन्द |
1936 | अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् | मीनू मसानी , अशोक मेहता व डा. अशरफ |
1937 | खुदाई खिदमतगार | खान अब्दुल गफ्फार खान |
1939 | फॉरवर्ड ब्लाक | सुभाष चन्द्र बोस |
1940 | रेडिकल डेमोक्रेटिक दल | एम. एन. राय |
1942 | आज़ाद हिंद फौज | रस बिहारी बोस |
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भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन प्रश्नोत्तर (FAQs):
19वीं सदी में शुरू हुआ पहला सुधार आंदोलन "भारतीय समाज सुधर सभा" था। इसकी स्थापना 1814 में राजा राममोहन राय ने की थी। यह आंदोलन भारतीय समाज में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया गया था।
"भारत छोडो आंदोलन" 1942 ई. में अगस्त माह में शुरू किया गया था। इस आंदोलन को "आज़ादी आंदोलन" भी कहा जाता है। इसका मुख्य लक्ष्य था ब्रिटिश शासन से भारत की पूर्ण स्वतंत्रता को प्राप्त करना। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को नेतृत्व किया और उसने 8 अगस्त 1942 को "भारत छोडो" का नारा दिया।
खिलाफत आंदोलन 1920 ई. के दशक में भारतीय मुस्लिमों द्वारा आयोजित किया गया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य खिलाफत के मामले में तुर्की सुल्तान और खलीफा के समर्थन में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ना था।
असहयोग आंदोलन की शुरुआत 1920 ई. के दशक में हुई। यह आंदोलन गांधीजी द्वारा नेहरू रिपोर्ट के प्रस्तावों के आधार पर आयोजित किया गया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन, असहयोग और अहिंसा के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता की मांग को मजबूत करना था।
गांधी जी ने 1922 ई. में असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया था। इसका कारण चौरी चौकड़ी कांड था जो 5 फरवरी 1922 को वाराणसी में हुआ था। इस घटना में एक निर्दोष अंग्रेज अधिकारी मारा गया और इसके बाद असहयोग आंदोलन वापस लेने की अपील की गई।