भारतीय दण्ड संहिता (इंडियन पीनल कोड) किसे कहते है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) भारत का आधिकारिक आपराधिक कोड है। यह एक व्यापक कोड है जो भारतीय समाज को क़ानूनी रूप से व्यवस्थित रखने के लिए सन 1860 में लॉर्ड थॉमस बबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में चार्टर एक्ट 1833 के तहत भारतीय दंड संहिता बनाई गई थी। और यह 1862 की शुरुआत में ब्रिटिश राज के दौरान ब्रिटिश भारत में लागू हुआ। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) भारत की मुख्य आपराधिक कोड है। इस संहिता में भारतीय संविधान की विभिन्न आपराधिक धाराओं और उनकी सजा का उल्लेख किया गया है।
भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। पहले जम्मू एवं कश्मीर में इसके स्थान पर रणबीर दण्ड संहिता लागू होती थी। इसमें कुल मिला कर 511 धाराएं थीं। हालाँकि, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के राज्यसभा और लोकसभा में क्रमशः पारित होने के बाद, रणबीर दंड संहिता 31 अक्टूबर 2019 को निरस्त कर दिया गया था।
आइये जाने भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की कौन सी धारा किस अपराध के लिए लगाई जाती है और उसमें क्या सजा दी जाती है. धारा कितनी होती है यहाँ हम आपको कानूनी धारा लिस्ट PDF Download करने के लिए भी दे रहें हैं। :-
भारतीय दण्ड संहिता की महत्वपूर्ण धाराएं और सजा की सूची (Indian Penal Code (IPC) sections and Punishments in Hindi):
आईपीसी धारा | अपराध | सजा |
13 | जुआ खेलना/सट्टा लगाना | 1 वर्ष की सजा और 1000 रूपये जुर्माना |
34 | सामान आशय | - |
99 से 106 | व्यक्तिगत प्रतिरक्षा के लिए बल प्रयोग का अधिकार | - |
110 | दुष्प्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है | तीन वर्ष |
120 | षडयंत्र रचना | - |
141 | विधिविरुद्ध जमाव | - |
147 | बलवा करना | 2 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
156 (3) | स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। | आर्थिक दंड |
156 | स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। | आर्थिक दंड |
161 | रिश्वत लेना/देना | 3 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
171 | चुनाव में घूस लेना/देना | 1 वर्ष की सजा/500 रुपये जुर्माना |
177 | सरकारी कर्मचारी/पुलिस को गलत सूचना देना | 6 माह की सजा/1000 रूपये जुर्माना |
186 | सरकारी काम में बाधा पहुँचाना | 3 माह की सजा/500 रूपये जुर्माना |
191 | झूठे सबूत देना | 7 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान |
193 | न्यायालयीन प्रकरणों में झूठी गवाही | 3/ 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
201 | सबूत मिटाना | - |
217 | लोक सेवक होते हुए भी झूठे सबूत देना | 2 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान |
216 | लुटेरे/डाकुओं को आश्रय देने के लिए दंड | - |
224/25 | विधिपूर्वक अभिरक्षा से छुड़ाना | -2 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
231/32 | जाली सिक्के बनाना | -7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
255 | सरकारी स्टाम्प का कूटकरण | 10 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा |
264 | गलत तौल के बांटों का प्रयोग | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
267 | औषधि में मिलावट करना | - |
272 | खाने/पीने की चीजों में मिलावट | 6 महीने की सजा/1000 रूपये जुर्माना |
274 /75 | मिलावट की हुई औषधियां बेचना | - |
279 | सड़क पर उतावलेपन/उपेक्षा से वाहन चलाना | 6 माह की सजा या 1000 रूपये का जुर्माना |
292 | अश्लील पुस्तकों का बेचना | 2 वर्ष की सजा और 2000 रूपये जुर्माना |
294 | किसी धर्म/धार्मिक स्थान का अपमान | 2 वर्ष की सजा |
297 | कब्रिस्तानों आदि में अतिचार करना | 1 साल की सजा और जुर्माना दोनो |
298 | किसी दूसरे इंसान की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना | 1 साल की सजा या जुर्माना या दोनों |
302 | हत्या/कत्ल | आजीवन कारावास/मौत की सजा |
306 | आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण | 10 वर्ष की सजा और जुर्माना |
308 | गैर-इरादतन हत्या की कोशिश | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
309 | आत्महत्या करने की चेष्टा करना | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
310 | ठगी करना | आजीवन कारावास और जुर्माना |
312 | गर्भपात करना | - |
323 | जानबूझ कर चोट पहुँचाना | - |
326 | चोट पहुँचाना | - |
351 | हमला करना | |
354 | किसी स्त्री का शील भंग करना | 2 वर्ष का कारावास/जुर्माना/दोनों |
362 | अपहरण | - |
363 | किसी स्त्री को ले भागना | 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना |
366 | नाबालिग लड़की को ले भागना | - |
376 | बलात्कार करना | 10 वर्ष/आजीवन कारावास |
377 | अप्राकृतिक कृत्य अपराध | 5 वर्ष की सजा और जुर्माना |
379 | चोरी (सम्पत्ति) करना | 3 वर्ष का कारावास /जुर्माना/दोनों |
392 | लूट | 10 वर्ष की सजा |
395 | डकैती | 10 वर्ष या आजीवन कारावास |
396 | डकैती के दौरान हत्या | - |
406 | विश्वास का आपराधिक हनन | 3 वर्ष कारावास/जुर्माना/दोनों |
415 | छल करना | - |
417 | छल/दगा करना | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
420 | छल/बेईमानी से सम्पत्ति अर्जित करना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
445 | गृहभेदंन | - |
446 | रात में नकबजनी करना | - |
426 | किसी से शरारत करना | 3 माह की सजा/जुर्माना/दोनों |
463 | कूट-रचना/जालसाजी | - |
477(क) | झूठा हिसाब करना | - |
489 | जाली नोट बनाना/चलाना | 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास |
493 | धोखे से शादी करना | 10 वर्षों की सजा और जुर्माना |
494 | पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
495 | पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना और दोनों रिश्तें चलाना | 10 साल की सजा और जुर्माना |
496 | बगैर रजामंदी के शादी करना या जबरदस्ती विवाह करना | 07 साल की सजा और जुर्माना |
497 | जारकर्म करना | 5 वर्ष की सजा और जुर्माना |
498 | विवाहित स्त्री को भगाकर ले जाना या धोखे से ले जाना | 2 साल का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों |
499 | मानहानि | - |
500 | मान हानि | 2 वर्ष की सजा और जुर्माना |
506 | आपराधिक धमकी देना | - |
509 | स्त्री को अपशब्द कहना/अंगविक्षेप करना | सादा कारावास या जुर्माना |
511 | आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड | - |
देश के कानून के अंतर्गत आने वाले 5 महत्वपूर्ण तथ्य जो हमारे देश के कानून के अंतर्गत आते तो है पर हम इनसे अंजान है। आइये जानें इन तथ्यों को:
1. शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती: कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो। अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है। इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है।
2. सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है: पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है। आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है। अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है।
3. आप किसी भी हॉटेल में फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है: इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी होटल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस होटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है। होटल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते। अगर होटल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई कर सकते है। आपकी शिकायत से उस होटल का लायसेंस रद्द हो सकता है।
4. गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता: मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है। इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है।
5. पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता: आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता। अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है।
हमारी कोशिश होगी कि हम आगे भी ऐसी बहोत सी रोचक बाते आपके समक्ष रखे, जो आपके जीवन में उपयोगी हो। संबंधित शब्द: सभी धाराओं की लिस्ट, पुलिस धारा लिस्ट, भारतीय दंड संहिता की धारा की सूची, कानूनी धारा लिस्ट इन हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड, भारतीय दंड संहिता की धारा की सूची पीडीएफ डाउनलोड, कानूनी धारा लिस्ट इन हिंदी, कानूनी धारा लिस्ट इन हिंदी
यह भी पढ़ें:
- भारतीय संविधान की अनुसूचियां और उनसे सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य 🔗
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद, अनुसूचियां, भाग और विशेषताएं 🔗
- भारतीय संविधान सभा की समितियां, उनके अध्यक्ष और महत्वपूर्ण तथ्य 🔗
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद और उनसे संबंधित विषयों की सूची 🔗