कबीर सम्मान के बारे में सामान्य ज्ञान :
राष्ट्रीय कबीर सम्मान क्या है और क्यों दिया जाता है? मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने साहित्य और सृजनात्मक कलाओं में उत्कृष्टता तथा श्रेष्ठता को सम्मानित करने, साहित्य और कलाओं में राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने के लिए 'अखिल भारतीय सम्मानों' और राज्य स्तरीय सम्मानों की स्थापना की है। उत्कृष्टता और सृजन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय कविता के लिए राष्ट्रीय कबीर सम्मान की स्थापना की है।
इस पुरस्कार की स्थापना महान संत कवि कबीर के नाम पर की गयी है, क्योकि उन्होंने सदियों पहले बहुत सारी रचनाएँ की और समाज को नई निर्भीकता प्रदान की थी। वे आज भी भारत के सबसे लोकप्रिय कवियों में से एक हैं।
Quick Info About Kabir Samman in Hindi:
पुरस्कार का वर्ग | साहित्य |
स्थापना वर्ष | 1986 |
पुरस्कार राशि | तीन लाख रुपये |
प्रथम विजेता | गोपाल कृष्ण अडिग |
आखिरी विजेता | श्री मनोज श्रीवास्तव (2020) |
कबीर सम्मान में दी जाने वाली पुरस्कार राशि: कबीर सम्मान के अंतर्गत सम्मानित व्यक्ति को मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा पहले एक लाख पचास हज़ार रुपये की नकद राशि और सम्मान पट्टिका प्रदान की जाती थी, परन्तु अब उन्हें तीन लाख रुपये नगद धनराशि और सम्मान पट्टिका प्रदान की जाती है।
चयन की प्रक्रिया: राष्ट्रीय कबीर सम्मान के लिए सृजनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ साधना के मानदण्डों को निश्चित किया गया है। चयन की एक निश्चित प्रक्रिया है। सभी स्तरों पर विशेषज्ञों की हिस्सेदारी है और यह भी ध्यान रखा जाता है कि एक ओर साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में व्यापक मतसंग्रह संदर्भ के लिए उपलब्ध रहे।
वहीं सम्मान दिये जाने वाले कवि का चयन निष्ठा और विवेक वाले विशेषज्ञ पूरी निष्पक्षता, वस्तुपरकता और निर्भयता के साथ ऐसे मानदण्डों के आधार पर करते हैं, जो जीवन-दृष्टि, कलानुशासन और सौन्दर्य बोध पर आश्रित हों।
वर्ष 1986 से अब तक कबीर सम्मान विजेताओं की सूची:
वर्ष | प्राप्तकर्ता का नाम |
1986 | श्री गोपाल कृष्ण अडिग |
1987 | श्री सुभाष मुखोपाध्याय |
1988 | डॉ. हरभजन सिंह |
1989 | श्री शमशेर बहादुर सिंह |
1990 | श्री विन्दा करन्दीकर |
1991 | श्री हरिन्द्र दवे |
1992 | श्री रमाकान्त रथ |
1995 | श्री नवकान्त बरुआ |
1996 | श्री के. अय्यप्प पणिक्कर |
1997 | श्री शंखो घोष |
1998 | श्री सीतांशु यशस्वन्द्र |
1999 | श्री नारायण सुर्वे |
2000 | श्री सीताकान्त महापात्र |
2001 | श्री कुंवर नारायण |
2002 | डॉ. चन्द्रशेखर कम्बार |
2003 | श्री ए. रहमान राही |
2004 | श्री गोविन्द चन्द्र पाण्डे |
2005 | श्री अशोक वाजपेयी |
2006 | श्री अक्कितम अच्युतन नम्बूदिरी |
2007 | डा. पदमा सचदेव |
2008 | श्री मंगेश पाडगाँवकर, मुम्बई |
2009 | अनिर्णित |
2010 | - |
2011 | - |
2012 | आलोकरंजन दासगुप्ता एक बंगाली कवि हैं, जो कविता की 20 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। उन्होंने बंगाली और संथाल कविता और अंग्रेजी और जर्मन में नाटकों का अनुवाद किया है, और जर्मन और फ्रेंच से बंगाली में साहित्य का अनुवाद भी किया है। |
2013 | रेवा प्रसाद द्विवेदी - बीएचयू के इमेरिटस प्रोफेसर और संस्कृत के कवि प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी को मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग की ओर से शुक्रवार को राष्ट्रीय कबीर सम्मान से सम्मानित किया गया। |
2014 | प्रतिभा सत्पथी ओडिया साहित्य की प्रख्यात कवयित्री हैं। उन्हें देश के प्रमुख कवियों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है और उन्हें राष्ट्रीय कबीर सम्मान और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है |
2015 | अत्तूर रवि वर्मा - अत्तूर रवि वर्मा मलयालम भाषा के जाने-माने कवि तथा अनुवादक थे। उनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं : कविता, अत्तूर रवि वर्मायेडे कविताकल, जे.जे. चिला कुरिप्पुकल, ओरु पुलिमराथिन्ते कथा, नाले मत्तोरू नल मातरम, रंदम यमनगलुड़े कथा तथा पुथुनानूरु इत्यादि। |
2016 | के. शिव रेड्डी - शिव रेड्डी एक लोकप्रिय तेलुगू भाषा अनुकरण कलाकार, हास्य अभिनेता और अभिनेता है। वह टॉलीवुड में 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। |
2017 | नरेश सक्सेना - नरेश सक्सेना एक लोकप्रिय हिन्दी भाषा अनुकरण कलाकार,कविता, नाटक, पटकथा लेखन, फिल्म निर्देशन है। इन्हें पहला सम्मान, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार साल 1992 मिला था जिसके बाद हिंदी साहित्य सम्मेलन का सम्मान, शमशेर सम्मान प्रपट हुए इन्होने फिल्म निर्देशन में संबंध, जल से ज्योति, समाधान, नन्हें कदम (सभी लघु फिल्में) पर कार्ये किया। |
2018 | गोरटी वेकन्ना - 2018 का ये सम्मान तेलुगु कवि गोरटी वेकन्ना को प्रदान किया गया ये जाने-माने कवि तथा अनुवादक हैं। |
2019 | विनय राजाराम |
2020 | श्री मनोज श्रीवास्तव- मनोज श्रीवास्तव हिंदी भाषा में विविध विषयों पर लगभग 36 किताबें लिख चुके हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में शिक्षा में संदर्भ और मूल्य, पशुपति, स्वर अंकित, करान कविताएं, मां, हिरण्यगर्भा, सती प्रसंग शामिल है। |
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