भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र अथवा मिसाइलों की सूची: मिसाइल प्रक्षेपित (projected) कर उपयोग में लाया जाने वाला अस्त्र होता है। सैन्य भाषा में, एक मिसाइल, जिसे गाइडेड मिसाइल (guided missile) या गाइडेड रॉकेट (guided rocket) के रूप में भी जाना जाता है, एक गाइडेड एयरबोर्न रेंज वाला हथियार है जो आमतौर पर जेट इंजन या रॉकेट मोटर द्वारा स्व-चालित उड़ान में सक्षम होता है। इसका प्रयोग दूर स्थित लक्ष्य को बेधने के लिए किया जाता है।
इसकी सहायता से विस्फोटकों को हज़ारों किलोमीटर दूर के लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार दूर स्थित दुश्मन के ठिकाने भी कुछ ही समय में नष्ट किए जा सकते हैं। प्रक्षेपास्त्र रासायनिक विस्फोटकों (missile chemical explosives) से लेकर परमाणु बम तक का वहन और प्रयोग कर सकता है।
भारत की प्रमुख मिसाइलों की सूची:
प्रक्षेपास्त्र (मिसाइल) का नाम | प्रकार | प्रथम परीक्षण कब किया गया |
अग्नि-1 | सतह से सतह पर मारक(इंटरमीडिएट बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र) | 22 मई, 1989 |
अग्नि-2 | सतह से सतह पर मारक(इंटरमीडिएट बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र) | 11अप्रॅल, 1999 |
अग्नि-3 | इंटरमीडिएट बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र | 9 जुलाई, 2006 (असफल), 12 अप्रॅल, 2007 (प्रथम सफल परीक्षण) |
पृथ्वी | सतह से सतह पर मारक अल्प दूरी के टैक्टिकल बैटल फील्ड प्रक्षेपास्त्र | 25 फ़रवरी, 1989 |
त्रिशूल | सतह से वायु में मारक लो लेवेल क्लीन रिएक्शन अल्प दूरी के प्रक्षेपास्त्र | 5 जून, 1989 |
नाग | सतह से सतह पर मारक टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र | 29 नवम्बर, 1991 |
आकाश | सतह से वायु में मारक बहुलक्षक प्रक्षेपास्त्र | 15 अगस्त, 1990 |
अस्त्र | वायु से वायु में मारक प्रक्षेपास्त्र | 9 मई, 2003 |
ब्रह्मोस | पोतभेदी सुपर सोनिक क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र | 12 जून, 2001 |
शौर्य | सतह से सतह पर मारक बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र | 12 नवम्बर, 2008 |
भारत की मिसाइलों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
- विशेषज्ञों के अनुसार भारत के पास 7 परमाणु-सक्षम सिस्टम हैं, जिनमें दो विमान, चार ज़मीन पर चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें और एक समुद्र में स्थित बैलिस्टिक मिसाइल.
- भारत में मिसाइल प्रणाली के जन्मदाता एपीजे अब्दुल कलाम हैं।
- आकाश प्रक्षेपास्त्र भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, ज़मीन से हवा में निकट दूरी पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
- अस्त्र दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारत ने विकसित किया है। यह हवा से हवा में मार करने वाला भारत द्वारा विकसित पहला प्रक्षेपास्त्र है।
- मैसूर के रॉकेट पहले लोहे के आवरण वाले रॉकेट थे जिन्हें सैन्य उपयोग के लिए सफलतापूर्वक तैनात किया गया था।
- भारत सरकार ने निर्देशित मिसाइल प्रणालियों का अध्ययन करने के लिए 1958 में विशेष हथियार विकास दल नामक एक टीम का गठन किया।
- मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (तब कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 1987 में स्थापित एक अनौपचारिक समूह) ने किसी भी प्रौद्योगिकी तक पहुंच को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया था।
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प्रक्षेपास्त्र व मिसाइल प्रश्नोत्तर (FAQs):
"अस्त्र" एक प्रकार की परमाणु वायु सेना मिसाइल है। यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसका इस्तेमाल वायु सेना के विमानों से उड़ान के दौरान दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए किया जाता है। इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
पृथ्वी मिसाइल प्रणाली में विभिन्न कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें (एसआरबीएम) शामिल हैं। इसका विकास वर्ष 1983 में शुरू हुआ और यह भारत की पहली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल थी।
कम दूरी की मिसाइल "पृथ्वी" की रेंज उसके विशिष्ट संस्करण के आधार पर भिन्न होती है। प्रारंभिक संस्करण पृथ्वी-I की मारक क्षमता लगभग 150-250 किलोमीटर है। पृथ्वी-II, एक उन्नत संस्करण है, जिसकी विस्तारित सीमा लगभग 250-350 किलोमीटर है।
त्रिशूल मिसाइल जिसकी मारक क्षमता 9 किलोमीटर है. त्रिशूल नौसेना, थल सेना और वायु सेना के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला हथियार है। इसका उपयोग कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों को मार गिराने के लिए किया जाता है। त्रिशूल के नौसैनिक संस्करण को 'टॉरपीडो एमके2' के नाम से जाना जाता है।
पृथ्वी-2 स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइल श्रृंखला की एक छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 250-350 किमी है। यह 500 से 750 किलोग्राम पेलोड ले जाने में सक्षम है।