मुग़ल साम्राज्य का इतिहास:
मुग़ल साम्राज्य एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई।
उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। आइये जाने मुगल शासक एवं उनके शासन काल के बारे में
मुगल सम्राटों के शासनकाल का विवरण नीचे सारणीबद्ध है:
नाम (जन्म नाम) | जन्म-मृत्यु | शासनकाल |
बाबर (ज़हीरुद्दीन मुहम्मद) | 23 फ़रवरी 1483-5 जनवरी 1531 (आयु 47) | 30 अप्रैल 1526 – 26 दिसम्बर 1530 |
हुमायूँ (नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ) | 17 मार्च 1508-27 जनवरी 1556 (आयु 47) | 26 दिसम्बर 1530 – 17 मई 1540 |
अकबर-ए-आज़म (जलालुद्दीन मुहम्मद) | 14 अक्टूबर 1542-27 अक्टूबर 1605 (आयु 63) | 27 जनवरी 1556 – 27 अक्टूबर 1605 |
जहांगीर (नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम) | 20 सितम्बर 1569-8 नवम्बर 1627 (आयु 58) | 27 अक्टूबर 1605 – 8 नवम्बर 1627 |
शाह-जहाँ-ए-आज़म (शहाबुद्दीन मुहम्मद ख़ुर्रम) | 5 जनवरी 1592-22 जनवरी 1666 (आयु 74) | 8 नवम्बर 1627 – 31 जुलाई 1658 |
अलामगीर (मुइनुद्दीन मुहम्मद) | 4 नवम्बर 1618-3 मार्च 1707 (आयु 88) | 31 जुलाई 1658 – 3 मार्च 1707 |
बहादुर शाह (क़ुतुबुद्दीन मुहम्मद मुआज्ज़म) | 14 अक्टूबर 1643-27 फ़रवरी 1712 (आयु 68) | 19 जून 1707 – 27 फ़रवरी 1712 |
जहांदार शाह (माज़ुद्दीन जहंदर शाह बहादुर) | 9 मई 1661-11 फ़रवरी 1713 (आयु 51) | 27 फ़रवरी 1712 – 11 फ़रवरी 1713 |
फर्रुख्शियार (फर्रुख्शियार) | 20 अगस्त 1685-28 फ़रवरी 1719 (आयु 33) | 11 जनवरी 1713 – 28 फ़रवरी 1719 |
रफी उल-दर्जत (रफी उल-दर्जत) | 30 नवम्बर 1699-6 जून 1719 (आयु 19) | 28 फ़रवरी – 6 जून 1719 |
शाहजहां द्वितीय (रफी उद-दौलत) | जून 1696-19 सितम्बर 1719 (आयु 23) | 6 जून 1719 – 19 सितम्बर 1719 |
मुहम्मद शाह (रोशन अख्तर बहादुर) | 17 अगस्त 1702-26 अप्रैल 1748 (आयु 45) | 27 सितम्बर 1719 – 26 अप्रैल 1748 |
अहमद शाह बहादुर (अहमद शाह बहादुर) | 23 दिसम्बर 1725-1 जनवरी 1775 (आयु 49) | 26 अप्रैल 1748 – 2 जून 1754 |
आलमगीर द्वितीय (अज़ीज़ुद्दीन) | 6 जून 1699-29 नवम्बर 1759 (आयु 60) | 2 जून 1754 – 29 नवम्बर 1759 |
शाहजहां तृतीय (मुही-उल-मिल्लत) | 1711-1772(आयु 61) | 10 दिसम्बर 1759 – 10 अक्टूबर 1760 |
शाह आलम द्वितीय (अली गौहर) | 25 जून 1728-19 नवम्बर 1806 (आयु 78) | 24 दिसम्बर 1760 – 19 नवम्बर 1806 |
मुहम्मद शाह बहादुर (बीदर बख्त) | 1749-1790 (आयु 40-41 वर्ष) | 31 जुलाई 1788 - 2 अक्टूबर 1788 |
अकबर शाह द्वितीय (मिर्ज़ा अकबर या अकबर शाह सानी) | 22 अप्रैल 1760-28 सितम्बर 1837 (आयु 77) | 19 नवम्बर 1806 – 28 सितम्बर 1837 |
बहादुर शाह द्वितीय (अबू ज़फर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह ज़फर या बहादुर शाह ज़फर) | 24 अक्टूबर 1775-7 नवम्बर 1862 | 28 सितम्बर 1837 – 14 सितम्बर 1857 |
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
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मुगल साम्राज्य प्रश्नोत्तर (FAQs):
बाबर के बाद उसका पुत्र हुमायूँ मुगल गद्दी पर बैठा। हुमायूँ, जिनका पूरा नाम नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ था, का जन्म 1508 ई. में हुआ था। हुमायूँ को मुग़ल साम्राज्य का आधिकारिक शासक बनने का सम्मान प्राप्त हुआ जब वह अपने पिता बाबर की मृत्यु के बाद 1504 ई. में मुग़ल सिंहासन पर बैठा।
सर थॉमस रो मुग़ल बादशाह जहाँगीर के दरबार में आये। थॉमस रो एक अंग्रेज व्यापारी और राजनयिक थे जो ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में 1608 ई. से 1615 ई. तक भारत में रहे। जहाँगीर के बादशाह बनने पर उसे उसके दरबार में भेजा गया।
भारत का पहला मुग़ल बादशाह बाबर था। वह मुगल साम्राज्य के संस्थापक थे और 1526 में उन्होंने पानीपत की लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराया और दिल्ली सल्तनत का शासन प्राप्त किया।
मुग़ल शासकों की दरबारी भाषा फ़ारसी थी। फ़ारसी, एक ईरानी भाषा, मुग़ल साम्राज्य की आधिकारिक और प्रशासनिक भाषा थी। इस भाषा का प्रयोग बाबर से लेकर अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और संभवतः अब तक मुगल बादशाहों और उनके दरबारी अधिकारियों द्वारा किया जाता था।
मुग़ल काल में शाहजहाँ (Shah Jahan) को निरक्षर कहा जाता है। शाहजहाँ एक महान मुग़ल सम्राट थे जो ताजमहल का निर्माण करवाने के लिए मशहूर हैं। हालांकि, शाहजहाँ के पास शासनकाल में शिक्षा की कमी थी और उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी, जिसके कारण उन्हें अक्षरशाही नहीं आती थी।