भारत के राज्यों के राजकीय पक्षियों की सूची:
यहाँ पर भारत का राष्ट्रीय पक्षी और राज्यों के राजकीय पक्षियों के बारे में जानकारी दी गयी है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। भारत के लोगों से यदि यह पूछा जाए कि आपके प्रदेश के राष्ट्रीय पशु और पक्षी कौन-कौन हैं, तो ज्यादातर लोग बगलें झांकते नजर आएगे। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि 1985 में इंडियन बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ ने भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अपना अपना राजकीय पशु, पक्षी, वृक्ष और पुष्प चिन्हित करते हुए उन्हें अधिघोषित करने को कहा था।
अब तक कई राज्यों ने अपने राजकीय प्रतीक घोषित कर दिए। लेकिन कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। आइए जानते हैं किस भारतीय राज्य का कौन-सा राजकीय पक्षी है:
यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के आधिकारिक पक्षियों की है:
राज्य | आधिकारिक/राजकीय पक्षियों के नाम | वैज्ञानिक नाम |
अरुणाचल प्रदेश | भीमकाय धनेश | Buceros bicornis |
धनेश एक पक्षी प्रजाति है जिनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है जिसकी वजह से इसका अंग्रेज़ी नाम Hornbill (Horn=सींग, bill=चोंच) पड़ा है क्योंकि अंग्रेज़ों ने इस उभार को सींग का दर्ज़ा दिया था। भारत में इसकी ९ जातियाँ पाई जाती हैं। | ||
असम | देवहंस | Asarcornis scutulata |
हंस एक पक्षी है। भारतीय साहित्य में इसे बहुत विवेकी पक्षी माना जाता है। और ऐसा विश्वास है कि यह नीर-क्षीर विवेक (पानी और दूध को अलग करने वाला विवेक) से युक्त है। यह विद्या की देवी सरस्वती का वाहन है। ऐसी मान्यता है कि यह मानसरोवर में रहते हैं। यह पानी मे रहता है। यह एक दुर्लभ जीव है। | ||
आंध्र प्रदेश | तोता | Psittacula krameri |
तोता एक पक्षी है जिसका वैज्ञानिक नाम 'सिटाक्यूला केमरी' है। भारत के मप्र सागर देवरी मै लाखो की तादात मै शाम को देवरी शहर आते है कुछ परम्परागत ABC तोतो 25 सालो से लगातार एक निश्चित स्थान बैठते है और बाकी तोते शहर के पेडो पर रोज बैठते है उनकी चिकचिकाहट रात 12 बजे तक साफ सुनाई देती है यह कई प्रकार के रंग में मिलता है और दूसरों की नकल कर सकता है। | ||
उत्तर प्रदेश | सारस क्रौंच | Grus antigone |
सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तर प्रदेश के इस राजकीय पक्षी को मुख्यतः गंगा के मैदानी भागों और भारत के उत्तरी और उत्तर पूर्वी और इसी प्रकार के समान जलवायु वाले अन्य भागों में देखा जा सकता है। | ||
उत्तराखंड | हिमालयी मोनाल | Lophophorus impejanus |
मोनाल फ़ीसण्ट (Pheasant) परिवार का लोफ़ोफ़ोरस (Lophophorus) जीनस का एक पक्षी है। इसकी तीन प्रजातियाँ और बहुत सी उपप्रजातियाँ लोफ़ोफ़ोरस जीनस के अन्तर्गत पाई जाती हैं। | ||
ओडिशा | नीलकंठ | Coracias benghalensis |
नीलकंठ वैज्ञानिक नाम, कोरेशियस बेन्गालेन्सिस रोलर वर्ग का पक्षी है। यह मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें पश्चिमी एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप तक शामिल हैं। इसे आईयूसीएन लाल सूची में अल्पतम चिन्ता की स्थिति में सूचीबद्ध किया गया है. | ||
कर्णाटक | नीलकंठ | Coracias benghalensis |
नीलकंठ वैज्ञानिक नाम, कोरेशियस बेन्गालेन्सिस रोलर वर्ग का पक्षी है। यह मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें पश्चिमी एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप तक शामिल हैं। इसे आईयूसीएन लाल सूची में अल्पतम चिन्ता की स्थिति में सूचीबद्ध किया गया है. | ||
केरल | भीमकाय धनेश | Buceros bicornis |
धनेश एक पक्षी प्रजाति है जिनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है जिसकी वजह से इसका अंग्रेज़ी नाम Hornbill (Horn=सींग, bill=चोंच) पड़ा है क्योंकि अंग्रेज़ों ने इस उभार को सींग का दर्ज़ा दिया था। भारत में इसकी ९ जातियाँ पाई जाती हैं। | ||
गुजरात | हंसावर | Phoenicopterus roseus |
फ्लेमिंगो परिवार की सबसे अधिक व्यापक और सबसे बड़ी प्रजाति फ्लेमिंगो (Phoenicopterus roseus) है। यह अफ्रीका में, भारतीय उपमहाद्वीप पर, मध्य पूर्व में और दक्षिणी यूरोप में पाया जाता है। | ||
गोआ | लालग्रीवा बुलबुल | Pycnonotus gularis |
बुलबुल, शाखाशायी गण के पिकनोनॉटिडी कुल (Pycnonotidae) का पक्षी है और प्रसिद्ध गायक पक्षी "बुलबुल हजारदास्ताँ" से एकदम भिन्न है। ये कीड़े-मकोड़े और फल फूल खानेवाले पक्षी होते हैं। ये पक्षी अपनी मीठी बोली के लिए नहीं, बल्कि लड़ने की आदत के कारण शौकीनों द्वारा पाले जाते रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि केवल नर बुलबुल ही गाता है, मादा बुलबुल नहीं गा पाती है | ||
छत्तीसगढ़ | पहाड़ी मैना | Gracula religiosa peninsularis |
आम पहाड़ी मैना (ग्रेकुला धर्मियो), जिसे कभी-कभी "मैना" कहा जाता था और पूर्व में इसे पहाड़ी मैना या मैना पक्षी के रूप में जाना जाता है, यह मैना सबसे अधिक एवोकल्चर में देखा जाता है, जहाँ इसे अक्सर बाद के दो नामों से जाना जाता है। यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले, स्टर्लिंग परिवार (स्टर्निडे) का सदस्य है। | ||
झारखंड | कोयल | Gracula religiosa peninsularis |
कोयल या कोकिल 'कुक्कू कुल' का पक्षी है, जिसका वैज्ञानिक नाम 'यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस' है। नर कोयल नीलापन लिए काला होता है, तो मादा तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है। नर कोयल ही गाता है। उसकी आंखें लाल व पंख पीछे की ओर लंबे होते हैं। नीड़ परजीविता इस कुल के पक्षियों की विशेष नेमत है यानि ये अपना घोसला नहीं बनाती। ये दूसरे पक्षियों विशेषकर कौओं के घोंसले के अंडों को गिरा कर अपना अंडा उसमें रख देती है। | ||
तमिलनाडु | मरकती पंडुक | Chalcophaps indica |
पन्ना कबूतर या मरकती पंडुक उष्ण तथा उपोष्ण कटिबन्धीय भारतीय उपमहाद्वीप, म्याँमार, थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया तथा उत्तरी व पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक कबूतर का प्रकार है। इसे हरा कबूतर या हरित-पक्ष-कबूतर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के तमिलनाडु राज्य का राज्यपक्षी है। इसकी अनेक उपप्रजातियाँ हैं, जिनमें तीन ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं। | ||
तेलंगाना | नीलकंठ | Coracias benghalensis |
नीलकंठ रोलर वर्ग का पक्षी है। यह मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें पश्चिमी एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप तक शामिल हैं। इसे आईयूसीएन लाल सूची में अल्पतम चिन्ता की स्थिति में सूचीबद्ध किया गया है। | ||
त्रिपुरा | राजहारिल (हरा शाही कबूतर) | Ducula aenea |
हरा शाही कबूतर एक बड़ा जंगल कबूतर है। बड़ी रेंज दक्षिणी भारत और श्रीलंका से पूर्व में दक्षिणी चीन, इंडोनेशिया और फिलीपींस तक पाया जाता है। | ||
नागालैंड | ब्लिथ का ट्रैगोपेन | Tragopan blythii |
ब्लाइथ्स ट्रागोपन एक तीतर है जो एक कमजोर प्रजाति है। सामान्य नाम एडवर्ड बेलीथ, अंग्रेजी प्राणीविज्ञानी और बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के क्यूरेटर का स्मरण करता है। एक तीतर है जो एक कमजोर प्रजाति है। सामान्य नाम एडवर्ड बेलीथ, अंग्रेजी प्राणीविज्ञानी और बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के क्यूरेटर का स्मरण करता है। | ||
पंजाब | राजबाज़ | Accipiter gentilis |
बाज़ एक शिकारी पक्षी है जो कि गरुड़ से छोटा होता है। इस प्रजाति में दुनिया भर में कई जातियाँ मौजूद हैं और अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं। वयस्क बाज़ के पंख पतले तथा मुड़े हुए होते हैं जो उसे तेज़ गति से उड़ने और उसी गति से अपनी दिशा बदलने में सहायता करते हैं। | ||
पश्चिम बंगाल | श्वेतग्रीवा किलकिला | Halcyon smyrnensis |
श्वेतकण्ठ कौड़िल्ला एक पक्षी है जो एशिया के विभिन्न भागों में पाया जाता है। वैसे तो यह पक्षी जलस्रोतों के निकट रहता है किन्तु जल से बहुत दूर भी पाया जाता है जहाँ ये सरीसृपों, उभयजीवियों, केकड़ों आदि का शिकार कर अपना पेट भरते हैं। | ||
बिहार | गौरैया | Passer domesticus |
घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है। | ||
मणिपुर | नांगयिन | Syrmaticus humiae |
धारीदार पूँछ वाला तीतर या ह्यूम तीतर, भारत के पूर्वोत्तर हिमालय तथा चीन, म्यांमार तथा थाइलैंड में पाया जाने वाला एक तीतर प्रजाति का पक्षी है। यह भारतीय राज्य मणिपुर और मिज़ोरम का राज्य पक्षी भी है जहाँ इसे क्रमश: नांगयिन (मणिपुरी) और वावु नाम से जाना जाता है। | ||
मध्य प्रदेश | दूधराज | Terpsiphone paradisi |
दूधराज या सुल्ताना बुलबुल, जिसे अंग्रेज़ी में एशियाई दिव्यलोकी कीटमार कहते हैं, पासरीफ़ोर्मीज़ जीववैज्ञानिक गण का मध्य आकार का एक पक्षी है। नरों की दुम पर लम्बे पंख होते हैं जो उत्तर भारत में अक्सर सफ़ेद रंग के, लेकिन अन्य जगहों पर आमतौर से काले या लाल-भूरे होते हैं। यह घनी टहनियों वाले पेड़ों के नीचे कीट पकड़कर खाते हैं। | ||
महाराष्ट्र | हरियल | Treron phoenicoptera |
हरियाल पहली बार भारतीय उपमहाद्वीप में देखने को मिली थी हरियल पक्षी के बारे में कहा जाता है कि यह जमीन पर नहीं बैठता है। हरियाल भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजकीय पक्षी है। यह ट्रेरन फॉनीकॉप्टेरा की प्रजाति की है। | ||
मिजोरम | वावु | Syrmaticus humiae |
धारीदार पूँछ वाला तीतर या ह्यूम तीतर, भारत के पूर्वोत्तर हिमालय तथा चीन, म्यांमार तथा थाइलैंड में पाया जाने वाला एक तीतर प्रजाति का पक्षी है। यह भारतीय राज्य मणिपुर और मिज़ोरम का राज्य पक्षी भी है जहाँ इसे क्रमश: नांगयिन (मणिपुरी) और वावु नाम से जाना जाता है। | ||
मेघालय | पहाड़ी मैना | Gracula religiosa peninsularis |
आम पहाड़ी मैना (ग्रेकुला धर्मियो), जिसे कभी-कभी "मैना" कहा जाता था और पूर्व में इसे पहाड़ी मैना या मैना पक्षी के रूप में जाना जाता है, यह मैना सबसे अधिक एवोकल्चर में देखा जाता है, जहाँ इसे अक्सर बाद के दो नामों से जाना जाता है। यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले, स्टर्लिंग परिवार (स्टर्निडे) का सदस्य है। | ||
राजस्थान | सोनचिरैया | Ardeotis nigriceps |
गोडावण एक बड़े आकार का पक्षी है जो भारत के राजस्थान तथा सीमावर्ती पाकिस्तान में पाया जाता है। उड़ने वाले पक्षियों में यह सबसे अधिक वजनी पक्षी है। बड़े आकार के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा प्रतीत होता है। यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन आदि इसके अन्य नाम हैं। | ||
सिक्किम | चिलमे (रक्त तीतर) | Ithaginis cruentus |
तीतर परिवार के जीनस इटहेजिनिस में रक्त तीतर (इटहेजिनस क्रेंटस) एकमात्र प्रजाति है। यह एक अपेक्षाकृत छोटा या छोटी पूंछ वाला तीतर है रक्त तीतर सिक्किम के पूर्व साम्राज्य का राष्ट्रीय पक्षी था, और सिक्किम का राज्य पक्षी बना हुआ है | ||
हरियाणा | काला तीतर | Francolinus francolinus |
काले तीतर का सिर घुमावदार होता है और इसकी आँख की पुतली का रंग भूरा होता है। सिर का अगला भाग भूरा होता है और गला काले रंग का होता है। इसकी लंबाई ३३ से ३६ से. मी. होती है और वज़न लगभग ४५३ ग्राम होता है। इसका प्रमुख रंग काला होता है-काली छाती, लाल पेट, बगलों पर काले पर सफ़ेद धब्बे और पृष्ठ भाग में सुनहरे भूरे धब्बे होते हैं। | ||
हिमाचल प्रदेश | जुजुराना | Tragopan melanocephalus |
पश्चिमी ट्रगोपैन या पश्चिमी सींग वाला ट्रैपोपान एक मध्यम आकार का चमकता हुआ तीतर है, जो कि भारत के उत्तर में पूर्वी पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तर-पूर्वी जिलों से लेकर पूर्व में भारत के भीतर उत्तराखंड तक पाया जाता है। प्रजाति अत्यधिक खतरे में है और विश्व स्तर पर खतरा है। | ||
केन्द्र शासित प्रदेश |
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अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | अंडमान जंगली कबूतर | Columba palumboides |
अंडमान की लकड़ी कबूतर परिवार कोलंबिया में पक्षी की एक प्रजाति है। यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए स्थानिक है। | ||
चंडीगढ़ | भारतीय धूसर धनेश | Ocyceros birostris |
भारतीय ग्रे हॉर्नबिल (ऑकीसेरॉस बिरोस्ट्रिस ) एक साधारण हॉर्नबिल है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाती है। यह सर्वाधिक वानस्पतिक पक्षी है और आमतौर पर जोड़े में दिखायी पड़ती है। इनमे पूरे शरीर पर ग्रे रंग के रोयें होते हैं और इनके पेट का हिस्से हल्का ग्रे या फीके सफ़ेद रंग का होता है। इनके सिर का उभार काले या गहरे ग्रे रंग का होता है और शिरस्त्राण इस उभार के वक्रता बुंडू तक फैला होता है। अनेकों शहरों के ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाने वाली हॉर्नबिलों में से एक हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में ये विशाल वृक्ष युक्त मार्गों का उपभोग कर पाती हैं। | ||
जम्मू और कश्मीर | अभी तक घोषित नहीं | - |
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | अभी तक घोषित नहीं | - |
दिल्ली | गौरैया | Passer domesticus |
घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है। | ||
पुदुच्चेरी | एशियाई कोयल | Eudynamys scolopaceus |
एशिया में पाया जाने वाला कोयल कुकुलीफोर्म्स नामक कोयल गण का पक्षी है। यह दक्षिण एशिया, चीन एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है ब्लेक बिल व प्रशांति कोयल के साथ उप प्रजाति दर्शाता है, यह पक्षी कभी भी अपने अंडों के लिए हौसला नहीं बनाता यह अपने अंडे अन्य पक्षियों के घोंसले में रख देता है, ज्यादातर ये कौवा के अंडे को नीचे गिरा कर अपने अंडे उसके घोंसले में रख देता है यह शर्मिला अकेला रहने वाला पक्षी है एशियाई कोयल ज्यादातर फलभक्षी होते हैं कोयल भारत में कई जगह कविताओं में अच्छा प्रतीक माना जाता है! | ||
लक्षद्वीप | काजल कुररी | Onychoprion fuscatus |
कालिख टर्न परिवार लारिडे में एक सीबर्ड है। यह उष्णकटिबंधीय महासागरों का एक पक्षी है जो विंग पर सोता है, केवल भूमध्यरेखीय क्षेत्र में द्वीपों पर प्रजनन के लिए भूमि पर लौटता है। | ||
लद्दाख | काली गर्दनवाला सारस | Grus nigricollis |
काली गर्दन वाली क्रेन एशिया में एक मध्यम आकार की क्रेन है जो तिब्बती पठार और भारत के दूरदराज के हिस्सों और भूटान पर प्रजनन करती है। |
भारतीय पक्षियों के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
- दुनिया में लगभग 8,650 जाति के पक्षी मिलते हैं।
- इनमें से 1,200 जातियों के पक्षी भारत में पाए हैं।
- भारत में 900 जातियों के पक्षी स्थानीय हैं।
- भारत में 300 जातियों के पक्षी प्रवासी हैं। ये सर्दियों के मौसम में हिमालय के पार के देशों से भारत आते हैं और अक्टूबर से मार्च तक भारत में रहते हैं।
- भारत में के पक्षियों में 180 जातियों के पक्षी ऐसे हैं, जो पूरी तरह भारतीय हैं। इनकी उत्पत्ति और विकास भारत में ही हुआ है।
- भारत का सबसे बड़ा पक्षी सारस क्रोच है। इसकी ऊंचाई डेढ़ मीटर से भी अधिक होती है।
- भारत का सबसे छोटा पक्षी एक फूलचुकी (प्लेन कलड फ्लावर पेकर) है। इसकी लम्बाई 7 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होती। यह भारत की सबसे हल्की चिडिय़ा है। इसका वजन 4.5 ग्राम से अधिक नहीं होता।
- भारत की सबसे भारी चिडिय़ा सोनचिरैया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) है। इसका वजन 13 किलोग्राम से भी अधिक होता है।
- मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। भारत का सबसे सुन्दर पक्षी मोर है। इसके बाद मोनाल का स्थान है।
- छोटे पक्षियों में शकरखोरा (सन बर्ड) सर्वाधिक सुन्दर पक्षी है।
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
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राजकीय पक्षियों के नाम प्रश्नोत्तर (FAQs):
दिल्ली का राज्य पक्षी गौरैया है जो इंसानों के साथ रहना पसंद करती है। शीला सरकार ने 15 अगस्त 2012 को गौरैया को राज्य पक्षी का दर्जा दिया था।
नलसरोवर पक्षी अभयारण्य गुजरात में स्थित है। नलसरोवर में पक्षियों की एक विस्तृत विविधता, लगभग 250 प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। यह गुजरात का सबसे बड़ा आर्द्रभूमि पक्षी अभयारण्य है, और भारत में सबसे बड़े में से एक है।
भारत का "राष्ट्रीय पक्षी" भारतीय मोर (पावो क्रिस्टेटस) है। इसका नाम मुगल सम्राटों के मयूर सिंहासन के नाम पर रखा गया है। इस क्षेत्र में मोरों की प्रचुरता के कारण इस पक्षी का नाम हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के मोर (मोर) से जुड़ गया।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान भारत के सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो हरियाणा के गुड़गांव जिले के फारुखनगर के सुल्तानपुर गांव में और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 50 किमी दूर स्थित है।
सारस उत्तर प्रदेश राज्य का राज्य पक्षी है। सारस विभिन्न जलीय पक्षियों में से एक है और यह उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक विरासत है। यह उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और प्राकृतिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।