नोबेल पुरस्कार क्या है?
नोबेल पुरस्कार विश्व के सबसे बड़े पुरस्कारो में से एक माना जाता है एंव यह पुरस्कार विश्व के सर्वश्रेष्ठ लोगों को मिलता है। वर्ष 1901 से नोबेल पुरस्कार की शुरुआत हुई और इसे एल्फ़्रेड नोबेल (Alfred Nobel) के नाम पर रखा गया। एल्फ़्रेड नोबेल स्वीडन के निवासी थे। उन्होंने डायनामाईट का आविष्कार किया था।
नोबेल पुरस्कार भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), चिकित्सा विज्ञान (Physiology or Medicine), साहित्य (Literature) और शांति (Peace) के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्यों के लिए दिये जाते हैं।
नोबेल पुरस्कार का संक्षिप्त इतिहास:
नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल की याद में हर साल नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाता है। स्वीडिश वैज्ञानिक एल्फ्रेड नोबेल द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत 27 नवंबर 1895 में की गई थी। एल्फ्रेड नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया था। उन्होंने अपनी वसीयत में अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा नोबेल फाउंडेशन ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था, उनकी यह इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से प्रतिवर्ष उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए।
तब से हर वर्ष स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउँडेशन द्वारा फिजियोलॉजी या चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति के साथ-साथ अर्थशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। केवल जीवित लोगों को ही नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता है।
नोबल पुरस्कार विजेता को मिलने वाली राशि:
नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, डिप्लोमा और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (तकरीबन 8.20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है। लगभग 2018 में करीब 90 लाख स्वीडिश क्रोनर (करीब 7.25 करोड़ रुपए) की नकद राशि प्रदान की जाती थी।। और पहले ये पुरस्कार राशि तक 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (लगभग 6.25 करोड़ रुपये) होती थी, परंतु पिछले वर्ष इस राशि को बढ़ा दिया गया था। सभी विजेताओं को 10 दिसम्बर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर स्वीडन में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
वर्ष 2020 के विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए नोबेल पुरस्कार श्रेणियां:
चिकित्सा नोबेल पुरस्कार 2020:
हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए 5 अक्टूबर 2020 को अमेरिकन्स हार्वे जे ऑल्टर (Harvey J. Alter) और चार्ल्स एम राइस (Charles M. Rice) और ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल ह्यूटन (Michael Houghton) को मेडिसिन या फिजियोलॉजी के लिए नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा कर दी है।
हार्वे जे ऑल्टर (Harvey J. Alter) : हार्वे जेम्स ऑल्टर एक अमेरिकी चिकित्सा शोधकर्ता, वायरोलॉजिस्ट और चिकित्सक हैं। ऑल्टर संक्रामक रोग अनुभाग के प्रमुख है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) में वॉरेन ग्रांट मैग्नसोन क्लिनिकल सेंटर में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के शोध के लिए सहयोगी निदेशक है। 1970 के दशक के मध्य में, ऑल्टर और उनकी शोध टीम ने प्रदर्शित किया कि हेपेटाइटिस ए या हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण अधिकांश पोस्ट-ट्रांसफ्यूजन हेपेटाइटिस के मामले नहीं थे।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के एक वैज्ञानिक, ऑल्टर और एडवर्ड टैबोर ने चिंपांज़ी में संचरण अध्ययन के माध्यम से साबित किया कि हेपेटाइटिस का एक नया रूप, जिसे शुरू में "नॉन-ए, नॉन-बी हेपेटाइटिस" कहा जाता था, और यही कारण है कि प्रेरक एजेंट शायद एक वायरस था। इस काम ने अंततः 1988 में हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज की, जिसके लिए उन्हें माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम. राइस के साथ 2020 में फिजियोलॉजी एंड मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार साझा किया है।
माइकल ह्यूटन (Michael Houghton) : माइकल ह्यूटन एक ब्रिटिश वैज्ञानिक हैं। उन्होंने 1977 में किंग्स कॉलेज लंदन से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। और वर्तमान में अभी विय्रोलॉजी में कनाडा एक्सिलेंस रिसर्च चेयरमैन हैं और अलबर्टा विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी के ली कै शिंग प्रोफेसर हैं, जहां वह ली का शिंग एप्लाइड वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक भी हैं। वर्ष 1988 में, ऑल्टर और उनकी शोध टीम ने मिलकर हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज की थी माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम. राइस भी शामिल थे ह्यूटन 1986 में हेपेटाइटिस डी की भी सह-खोज की थी। जिसके साथ ही माइकल वर्ष 2020 में हार्वे जे ऑल्टर और चार्ल्स एम. राइस के साथ फिजियोलॉजी मेडिसिन में 2020 के नोबेल पुरस्कार के सह-प्राप्तकर्ता हैं।
चार्ल्स एम. राइस (Charles M. Rice) : चार्ल्स एम. राइस एक अमेरिकी विरोलॉजिस्ट (वाइरसविज्ञानी) हैं वह वर्तमान में रॉकफेलर विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी के प्रोफेसर हैं। राइस अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ द एडवांसमेंट ऑफ साइंस और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य हैं, और 2002 से 2003 तक वायरोलॉजी के लिए अमेरिकन सोसाइटी के अध्यक्ष थे।
जिसके साथ ही माइकल ह्यूटन और हार्वे जे. ऑल्टर के साथ, उन्हें 2020 में फिजियोलॉजी या चिकित्सा में "हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। चार्ल्स को वर्ष 2016 का लास्कर-डेबेकी क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च अवार्ड राल्फ एफ. डब्ल्यू बर्टेंसक्लगर और माइकल जे सोफिया के साथ संयुक्त रूप से मिला था।
भौतिकी नोबेल पुरस्कार 2020: Physics Nobel Prize 2020
भौतिकी नोबेल पुरस्कार 2020 की घोषणा 6 अक्टूबर 2020 को की गई।
रोजर पेनरोस (Roger Penrose) : सर रोजर पेनरोज एक अंग्रेजी गणितीय भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ और विज्ञान के दार्शनिक हैं। वर्तमान में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में, गणित के एमेरिटस राउज़ बॉल प्रोफेसर हैं। उन्हें भौतिकी में 2020 का नोबेल पुरस्कार "इस खोज के लिए लिए दिया गया है, कि ब्लैक होल का गठन सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत का एक मजबूत पूर्वानुमान है"। पुरस्कार समिति के अनुसार यह सुनिश्चित किया गया है की, पुरस्कार राशि में से आधा हिस्सा पेनरोज को दिया जाएगा और बाकी आधे में से आधी-आधी राशि रेनहार्ड और एंड्रिया को मिलेगी।
नोबेल पुरस्कार द्वारा जारी एक विज्ञापन-पत्र में कहा गया है कि रोजर पेनरोज ने अपने प्रमाण में सरल और आसान गणितीय पद्धति का उपयोग किया कि ब्लैक होल अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत का एक प्रत्यक्ष परिणाम हैं। परंतु आइंस्टीन ने खुद यह विश्वास नहीं किया था कि ब्लैक होल वास्तव में मौजूद हैं। लेकिन जनवरी 1965 में, आइंस्टीन की मृत्यु के दस साल बाद पेनरोज ने साबित कर किया कि ब्लैक होल वास्तविक में बन सकते हैं और उनका विस्तार से वर्णन किया कि उनमें ऐसी विलक्षणता या सिंगुलैरिटी होती है जिसमें प्रकृति के सभी ज्ञात नियम समाप्त हो जाते हैं। उनके ग्राउंडब्रेकिंग लेख को अभी भी आइंस्टीन के बाद से सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में सबसे महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
रेनहार्ड गेंजेल (Reinhard Genzel) : रेनहार्ड गेंजेल एक जर्मन खगोल वैज्ञानिक हैं। उनका जन्म 952 में जर्मनी के बैड होम्बर्ग वोर डेर होहे ( Bad Homburg vor der Höhe) में हुआ। उन्होंने 1978 में जर्मनी के बॉन विश्वविद्यालय से पीएचडी (P.H.D) की डिग्री हासिल की और वर्तमान में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स, गारचिंग में निदेशक और जर्मनी और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले, अमेरिका में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं उन्हें भौतिकी में वर्ष 2020 में रेनहर्ड गेंजेस और एंड्रिया घेज को यह पुरस्कार हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की खोज के लिए दिया गया है।
एंड्रिया घेज़ (Andrea Ghez) : एंड्रिया मिया घेज़ एक अमेरिकी खगोलशास्त्री हैं। उनका जन्म 16 जून 1965 संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हुआ। वर्ष 1992 में उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी (ph.D) की डिग्री हासिल की। और वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स, अमेरिका में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। 2004 में, डिस्कवर पत्रिका ने घेज़ को संयुक्त राज्य में शीर्ष 20 वैज्ञानिकों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया था और वर्ष 2020 में उन्हें "हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की खोज के लिए" रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया उन्हें यह पुरस्कार रेनहार्ड गेंजेल (Reinhard Genzel) के साथ संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया है। एंड्रिया मिया घेज़ भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली चौथी महिला हैं।
रेनहर्ड गेंजेल और एंड्रिया घेज ने दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीनों का उपयोग करते हुए हमारी आकाशगंगा मिल्की वे के केंद्र में इंटरस्टेलर गैस और धूल के विशाल बादलों के पार देखने के तरीकों का विकास किया। उनके काम ने हमें मिल्की वे के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल के अभी तक के सबसे ठोस सबूत दिए हैं। फिजिक्स के नोबेल के लिए समिति के अध्यक्ष डेविड हैविलैंड ने कहा कि इस साल के विजेताओं की खोजों ने सुपरमैसिव और कॉम्पैक्ट वस्तुओं के अध्ययन में नई ऊंचाइयों को छुआ है। लेकिन अभी भी कई सवाल हैं, जैसे कि उनकी आंतरिक संरचना और ब्लैक होल के आस-पास हम गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का परीक्षण कैसे करें।
रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार 2020:
रसायन नोबेल पुरस्कार 2020 की घोषणा 7 अक्टूबर 2020 को की गई।
इमैनुएल चार्पियर (Emmanuelle Charpentier) : इमैनुएल चार्पियर एक फ्रांसीसी प्रोफेसर और माइक्रोबायोलॉजी, आनुवंशिकी और जैव रसायन में शोधकर्ता हैं। इमैनुएल का जन्म सन 1968, में फ्रांस के जुवीसी-सुर-ओरगे में हुआ था। और उनहोंने 1995 में फ्रांस के इंस्टीट्यूट पाश्चर, पेरिस से पीएच.डी. की डिग्री हासिल की। एवं वर्तमान में जर्मनी के बर्लिन के रोगजनकों के विज्ञान के लिए मैक्स प्लैंक यूनिट के निदेशक रूप में कार्यरत हैं। इन्हें रसायन विज्ञान के लिए वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग के लिए मैथड डवेल्प करने के लिए’ प्रदान किया गया है। जिसमें जेनिफर डूडना भी संयुक्त रूप से सम्मिलित हैं।
पिछले साल लिथियम-आयन बैटरी बनाने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोन (तकरीबन 8.20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है। इन दो महिलाओं ने CRISPR-Cas9 DNA "कैंची" के रूप में पहचाना जाने जाना वाला जीनोन एडिटिंग (gene-editing) तकनीक को विकसित किया है। इनके प्रयोग से शोधकर्ता जानवरों, पौधों और सूक्ष्मजीवों के डीएनए को अत्यधिक उच्च परिशुद्धता के साथ बदल सकते हैं. इस तकनीक का जीवन विज्ञान पर एक क्रांतिकारी प्रभाव पड़ा है, नए कैंसर उपचारों में योगदान कर रहा है और विरासत में मिली बीमारियों के इलाज के सपने को सच कर सकता है।
CRISPR जीन संपादन आणविक जीव विज्ञान में एक आनुवंशिक इंजीनियरिंग तकनीक है जिसके द्वारा जीवित जीवों के जीनोम को संशोधित किया जा सकता है। यह बैक्टीरियल CRISPR-Cas9 एंटीवायरल डिफेंस सिस्टम के सरलीकृत संस्करण पर आधारित है। एक कोशिका में एक सिंथेटिक गाइड आरएनए (जीआरएनए) के साथ जटिल कैस 9 न्यूक्लियस को वितरित करके, सेल के जीनोम को एक वांछित स्थान पर काटा जा सकता है, जिससे मौजूदा जीन को हटा दिया जा सकता है और / या नए विवो में जोड़ा जा सकता है।
जेनिफर ए. डूडना (Jennifer A. Doudna) : इनका पूरा नाम जेनिफर एनने डूडना है। यह एक अमेरिकी बायोकेमिस्ट है इनका जन्म वर्ष 1964 में अमेरिका के, डी.सी. में वाशिंगटन शहर में हुआ। वर्ष 1989 में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बोस्टन, यूएसए से पीएच.डी. की डिग्री हासिल की। और वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले, यूएसए और अन्वेषक, हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर के रूप कार्यरात हैं। इन्हें रसायन विज्ञान के लिए वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग के लिए मैथड डवेल्प करने के लिए’ प्रदान किया गया है। जिसमे इमैनुएल चार्पियर भी संयुक्त रूप से सम्मिलित हैं।
साहित्य नोबेल पुरस्कार 2020:
साहित्य नोबेल पुरस्कार 2020 की घोषणा 8 अक्टूबर 2020 को की गई।
लुईस ग्लूक (Louise Glück) : लुईस ग्लूक को 2020 के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार "उनकी बेमिसाल काव्य आवाज़ के लिए दिया गया है जो कि खूबसूरती के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाता है" (for her unmistakable poetic voice that with austere beauty makes individual existence universal ) के लिए सम्मानित किया गया है। अमेरिकी कवि लुईस ग्लुक का का पूरा नाम लुईस एलिजाबेथ ग्लुक है। इनका जन्म वर्ष 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था और वार्तमान में कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में रहती हैं।
अपने लेखन के अलावा लुईस येल विश्वविद्यालय, न्यू हेवन, कनेक्टिकट में अंग्रेजी की प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने 1968 में फर्स्टबोर्न के साथ अपनी शुरुआत की, और जल्द ही अमेरिकी समकालीन साहित्य में सबसे प्रमुख कवियों में से एक के रूप में प्रशंसित हुई। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, उनमें से पुलित्जर पुरस्कार (1993) और राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार (2014) आदि सम्मिलित हैं। लुईस ग्लूक न केवल जीवन की समस्याओं और बदलाव की परिस्थितियों से जुड़ा हुआ है, वह कट्टरपंथी परिवर्तन और पुनर्जन्म की कवि भी है उनके सबसे प्रशंसित संग्रहों में से एक, द वाइल्ड आइरिस (1992), जिसके लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, उन्होंने कविता "स्नोड्रॉक्स" में सर्दियों के बाद जीवन की चमत्कारी वापसी का वर्णन किया है। जो बेहद भावपूर्ण है।
शांति नोबेल पुरस्कार 2020:
शांति नोबेल पुरस्कार 2020 की घोषणा 9 अक्टूबर 2020 को की गई। नॉर्वे नोबेल समिति ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को 2020 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है जो भूख को संबोधित करता है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है। 2019 में, डब्ल्यूएफपी ने 88 देशों में करीब 100 मिलियन लोगों को सहायता प्रदान की, जो तीव्र खाद्य असुरक्षा और भूख के शिकार हुए थे। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) संयुक्त राष्ट्र की खाद्य-सहायता शाखा है और दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है जो भूख को संबोधित करता है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है। डब्ल्यूएफपी की स्थापना 1961 में 1960 के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) सम्मेलन के बाद हुई थी, जब यूएस फूड फॉर पीस प्रोग्राम्स के निदेशक जॉर्ज मैकगवर्न ने एक बहुपक्षीय खाद्य सहायता कार्यक्रम की स्थापना का प्रस्ताव दिया था।
डब्ल्यूएफपी ने 1963 में तीन साल के प्रायोगिक आधार पर एफएओ और संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपना पहला कार्यक्रम शुरू किया था, जो सूडान के वाडी हलफा में न्युबियन आबादी का समर्थन करता है। वर्तमान में डब्ल्यूएफपी के अनुसार, यह प्रत्येक वर्ष 83 देशों में औसतन 91.4 मिलियन लोगों को भोजन सहायता प्रदान करता है। रोम में अपने मुख्यालय से और दुनिया भर के 80 से अधिक देश कार्यालयों से, डब्ल्यूएफपी उन लोगों की मदद करने के लिए काम करता है जो अपने और अपने परिवार के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन या प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यह संयुक्त राष्ट्र विकास समूह का सदस्य है और इसकी कार्यकारी समिति का हिस्सा है।
अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार 2020:
अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार 2020 की घोषणा 12 अक्टूबर 2020 को की गई।
पॉल आर. मिलग्रोम (Paul R. Milgrom) : पॉल आर. मिलग्रोम का जन्म 1948 में अमेरिका के डेट्रायट शहर में हुआ था, और वर्ष 1979 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पीएच.डी.स की डिग्री हासिल की। जिसके साथ ही वर्तमान में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, यूएसए में शर्ली और लियोनार्ड एली जूनियर, मानविकी और विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। पॉल आर. मिलग्रोम (Paul R. Milgrom) और रॉबर्ट बी. विल्सन (Robert B. Wilson) को "नीलामी सिद्धांत और नए नीलामी प्रारूपों के आविष्कारों में सुधार के लिए" "for improvements to auction theory and inventions of new auction formats." संयुक्त रूप से वर्ष 2020 के अर्थशास्त्र (Economics) के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए चुना गया है।
नए नीलामी प्रारूप इस बात का एक सुंदर उदाहरण हैं कि बुनियादी अनुसंधान बाद में समाज को लाभ पहुंचाने वाले आविष्कार कैसे उत्पन्न कर सकते हैं। इस उदाहरण की असामान्य विशेषता यह है कि उन्हीं लोगों ने सिद्धांत और व्यावहारिक अनुप्रयोगों का विकास किया। नीलामी के बारे में लॉरेट्स के ग्राउंड-ब्रेकिंग शोध से खरीदारों, विक्रेताओं और पूरे समाज के लिए बहुत लाभ हुआ है।
रॉबर्ट बी. विल्सन (Robert B. Wilson) : रॉबर्ट बी. विल्सन (Robert B. Wilson) का जन्म 1937 में अमेरिका के जेनेवा शहर में हुआ था। और वर्ष 1963 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, यूएसए से डी.बी.ए. (D.B.A.) की डिग्री हासिल की। और वर्तमान में एमेरिटस, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए में एक प्रतिष्ठित प्रबंधन के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। इन्हें रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंसेज द्वारा "नीलामी के सिद्धांत और नये नीलामी प्रारूपों के आविष्कारों में सुधार के क्षेत्र में काम के लिए" अमेरिका के अर्थशास्त्री पॉल आर मिलग्रोम (Paul R. Milgrom) के साथ संयुक्त रूप से वर्ष 2020 के अर्थशास्त्र (Economics) के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए चुना गया है।
इस वर्ष के लॉरेट्स, पॉल मिलग्रोम और रॉबर्ट विल्सन ने अध्ययन किया है कि नीलामी कैसे काम करती है। उन्होंने सामान और सेवाओं के लिए नए नीलामी प्रारूपों को डिजाइन करने के लिए अपनी अंतर्दृष्टि का उपयोग किया है जो कि पारंपरिक तरीके से बेचना मुश्किल है, जैसे कि रेडियो आवृत्तियों। उनकी खोजों ने दुनिया भर के विक्रेताओं, खरीदारों और करदाताओं को लाभान्वित किया है।
यह भी पढ़ें:
- भारतीय वैज्ञानिक प्रो.जयंत मूर्ति को क्षुद्रग्रह नाम से सम्मानित किया गया
- चंद्रयान-3 के लिए इसरो को एविएशन वीक लॉरेट्स अवॉर्ड दिया गया
- भारतीय रिजर्व बैंक ने डीसीबी बैंक और तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक पर जुर्माना लगाया
- नेपाल सरकार ने पोखर शहर को पर्यटन राजधानी घोषित किया
- शीतल देवी को विकलांगता श्रेणी (पीडब्ल्यूडी) में राष्ट्रीय प्रतीक घोषित किया गया