झलकारी बाई जयंती संक्षिप्त तथ्य

कार्यक्रम नामझलकारी बाई जयंती (Jhalkari Bai Jayanti)
कार्यक्रम दिनांक22 / नवम्बर
कार्यक्रम का स्तरराष्ट्रीय दिवस

झलकारी बाई जयंती का संक्षिप्त विवरण

प्रत्येक वर्ष 21 नवम्बर को वीरांगना झलकारी बाई की जयंती मनाई जाती है। 1857 की क्रांति में झलकारी बाई ने झाँसी की रानी के साथ ब्रिटिश सेना के विरुद्ध अद्भुत वीरता से लड़ते हुए ब्रिटिश सेना के कई हमलों को विफल किया था।

झलकारी बाई जयंती के बारे में अन्य विवरण

झलकारी बाई का इतिहास या जीवन परिचय:

झलकारी बाई का जन्म बुंदेलखंड के एक गांव में 22 नवंबर को एक निर्धन कोली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सदोवा (उर्फ मूलचंद कोली) और माता जमुनाबाई (उर्फ धनिया) था। झलकारी बचपन से ही साहसी और दृढ़ प्रतिज्ञ बालिका थी।

बचपन से ही झलकारी घर के काम के अलावा पशुओं की देखरेख और जंगल से लकड़ी इकट्ठा करने का काम भी करती थी। एक बार जंगल में झलकारी मुठभेड़ एक बाघ से हो गई थी और उन्होंने अपनी कुल्हाड़ी से उस जानवर को मार डाला था। वह एक वीर साहसी महिला थी। झलकारी का विवाह झांसी की सेना में सिपाही रहे पूरन कोली नामक युवक के साथ हुआ। पूरे गांव वालों ने झलकारी बाई के विवाह में भरपूर सहयोग दिया। विवाह पश्चात वह पूरन के साथ झांसी आ गई थी।

झलकारी बाई का प्रथम स्वंतत्रता संग्राम में योगदान:

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की नियमित सेना में, वह महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं। वह लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थीं, इस कारण शत्रु को धोखा देने के लिए वे रानी के वेश में भी युद्ध करती थीं।

सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अग्रेंजी सेना से रानी लक्ष्मीबाई के घिर जाने पर झलकारी बाई ने बड़ी सूझबूझ, स्वामीभक्ति और राष्ट्रीयता का परिचय दिया था। रानी के वेश में युद्ध करते हुए वे अपने अंतिम समय अंग्रेजों के हाथों पकड़ी गईं और रानी को किले से भाग निकलने का अवसर मिल गया। उस युद्ध के दौरान एक गोला झलकारी को भी लगा और "जय भवानी" कहती हुई वह जमीन पर गिर पड़ी। ऐसी महान वीरांगना थीं झलकारी बाई। झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओं और लोकगीतों में सुनी जा सकती है।

सम्मान:

भारत सरकार ने 22 जुलाई 2001 में झलकारी बाई के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया है। उनकी प्रतिमा और एक स्मारक अजमेर, राजस्थान में निर्माणाधीन है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी एक प्रतिमा आगरा में स्थापित की गयी है, साथ ही उनके नाम से लखनऊ में एक धर्मार्थ चिकित्सालय भी शुरु किया गया है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने झलकारी की बहादुरी को निम्न प्रकार पंक्तिबद्ध किया है -

जा कर रण में ललकारी थी, वह तो झाँसी की झलकारी थी।गोरों से लड़ना सिखा गई, है इतिहास में झलक रही,वह भारत की ही नारी थी।

नवम्बर माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):

तिथि दिवस का नाम - उत्सव का स्तर
10 नवम्बरविश्व विज्ञान दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
11 नवम्बरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस - राष्ट्रीय दिवस
12 नवम्बरराष्ट्रीय पक्षी दिवस - राष्ट्रीय दिवस
14 नवम्बरबाल दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
14 नवम्बरविश्व मधुमेह दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
16 नवम्बरअंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
17 नवम्बरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस - राष्ट्रीय दिवस
17 नवम्बरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस - राष्ट्रीय दिवस
19 नवम्बरविश्व शौचालय दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
20 नवम्बरअंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
21 नवम्बरविश्व मत्स्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
21 नवम्बरविश्व दूरदर्शन (टेलीविजन) दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
22 नवम्बरझलकारी बाई जयंती - राष्ट्रीय दिवस
25 नवम्बरअंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
26 नवम्बरराष्ट्रीय कानून दिवस - राष्ट्रीय दिवस
26 नवम्बरविश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस
26 नवम्बरराष्ट्रीय दुग्ध दिवस - राष्ट्रीय दिवस
नवंबर माह का तीसरा गुरुवार नवम्बरविश्व दर्शन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस

झलकारी बाई जयंती प्रश्नोत्तर (FAQs):

झलकारी बाई जयंती प्रत्येक वर्ष 22 नवम्बर को मनाया जाता है।

हाँ, झलकारी बाई जयंती एक राष्ट्रीय दिवस है, जिसे पूरे भारत हम प्रत्येक वर्ष 22 नवम्बर को मानते हैं।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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