विश्व आयोडीन अल्पता दिवस संक्षिप्त तथ्य
कार्यक्रम नाम | विश्व आयोडीन अल्पता दिवस (World Iodine Deficiency Day) |
कार्यक्रम दिनांक | 21 / अक्टूबर |
कार्यक्रम का स्तर | अंतरराष्ट्रीय दिवस |
कार्यक्रम आयोजक | विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) |
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस का संक्षिप्त विवरण
प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस अथवा विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया जाता है। विश्व भर में आयोडीन अल्पता विकार प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। आज के परिदृश्य में विश्व की 1/3 आबादी को आयोडीन अल्पता विकार से पीड़ित होने का ख़तरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार लगभग 54 देशों में आयोडीन अल्पता अभी तक मौजूद है।
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस का उद्देश्य
इस दिवस को मनाने के पीछे निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- आयोडीन के पर्याप्त उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना और आयोडीन की कमी के परिणामों पर प्रकाश डालना है।
- मानव शरीर में आयोडीन के महत्व को सिखाने और समझाने के लिए।
- प्रत्येक आयोडीन की कमी के विकार के लिए लक्षणों और निवारक उपायों की व्याख्या करना।
- आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों की पहचान करना और लोगों को उन्हें अपने आहार में शामिल करने के लिए प्रेरित करना।
- इस कमी के बारे में लोगों के संदेह को स्पष्ट करने के लिए।
- पैम्फलेट बांटकर जागरूकता फैलाना और आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों पर दृश्य-श्रव्य दिखाना।
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस के बारे में अन्य विवरण
आयोडीन क्या है?
आयोडीन एक रासायनिक तत्व है। स्थिर हलोजन का सबसे भारी, यह मानक परिस्थितियों में एक चमकदार, बैंगनी-काले गैर-धातु ठोस के रूप में मौजूद है इसकी खोज वर्ष 1811 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ बर्नार्ड कोर्ट्टो द्वारा ठोस के रूप में की गई थी। यह सबसे भारी आवश्यक खनिज पोषक तत्व है।
आयोडीन की कमी लगभग दो अरब लोगों को प्रभावित करती है और बौद्धिक अक्षमता का प्रमुख रोग है। आयोडीन के प्रमुख उत्पादक आज चिली और जापान हैं। आयोडीन और इसके यौगिकों का उपयोग मुख्य रूप से पोषण में किया जाता है।
इसकी उच्च परमाणु संख्या और कार्बनिक यौगिकों के लिए लगाव में आसानी के कारण, यह एक गैर विषैले रेडियोकेन्ट्रास्ट सामग्री के रूप में भी अनुकूल पाया गया है। मानव शरीर द्वारा इसके उत्थान की विशिष्टता के कारण, आयोडीन के रेडियोधर्मी समस्थानिक का उपयोग थायराइड कैंसर के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
आयोडीन का महत्व:
आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो कि मानव वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। आयोडीन बढ़ते शिशु के दिमाग के विकास और थायराइड प्रक्रिया के लिए अनिवार्य एक माइक्रोपोशक तत्व है, आयोडीन हमारे शरीर के तापमान को भी विनियमित करता है, विकास में सहायक है और भ्रूण के पोशक तत्वों का एक अनिवार्य घटक है, शरीर में आयोडीन को संतुलित बनाने का कार्य थाइरोक्सिन हार्मोंस करता है जो मनुष्य की अंतस्रावी ग्रंथि थायराइड ग्रंथि से स्रावित होता है।
आयोडीन मन को शांति प्रदान करता है, तनाव कम करता है, मस्तिष्क को सतर्क रखता है और बाल, नाखून, दांत और त्वचा को उत्तम स्थिति में रखने में मदद करता है।
आयोडीन अल्पता की कमी से होने वाली दिक्कतें:
- थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना।
- मानसिक बीमारी: मंदबुद्धि, मानसिक मंदता, बच्चों में संज्ञानात्मक विकास की गड़बड़ी और मस्तिष्क की क्षति।
- तंत्रिका-पेशी और स्तैमित्य (मांसपेशियों की जकड़न)।
- एन्डेमिक क्रेटिनिज़म (शारीरिक और मानसिक विकास का अवरुद्ध होना)।
- मृत जन्म और गर्भवती महिलाओं में स्वतः गर्भपात।
- जन्मजात असामान्यता जैसे कि बहरा-गूंगापन (बात करने में असमर्थता) और बौनापन।
- देखने, सुनने और बोलने में दोष।
आयोडीन युक्त खाद्य प्रदार्थ:
आयोडीन शरीर के अंदर उत्पन्न नहीं होता है। इसलिए, इसे दैनिक भोजन और पानी की खुराक के रूप में सेवन किया जाना चाहिए। एक पूर्ण विकसित वयस्क को मस्तिष्क और शरीर को ठीक से काम करने के लिए शरीर में प्रत्येक दिन 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है।
आयोडीन का सबसे सामान्य स्रोत नमक है। आयोडीन युक्त कुछ अन्य खाद्य प्रदार्थ निम्नलिखित है जैसे: दूध, अंडा, समुद्री शैवाल, शेल्फिश, समुद्री मछली, समुद्री भोजन, मांस, दालें-अनाज इत्यादि आयोडीन से भरपूर होते हैं और इसलिए इसे दैनिक आहार का हिस्सा बनाने की आवश्यकता होती है। खाना पकाने में सबसे आम सामग्री- आयोडीन की दैनिक खुराक प्राप्त करने के लिए नमक को आयोडीन युक्त नमक से बदला जा सकता है।
आयोडीन की कमी से होने वाले रोग:
आयोडीन की कमी से होने वाले विभिन्न रोग निम्नलिखित है:-
- आयोडीन की कमी से मुख्य रुप से घेंघा रोग होता है।
- आयोडीन की कमी से चेहरे पर सूजन।
- गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में थाइराइड ग्रंथि में सूजन)।
- थाइराइड की कमी (जब थाइराइड हार्मोन का बनना सामान्य से कम हो जाए)।
- मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा वज़न बढ़ना, रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ना और ठंड बर्दाश्त न होना जैसे आदि रोग होते हैं।
- गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवज़ात शिशुओं का वज़न कम होना,शिशु का मृत पैदा होना और जन्म लेने के बाद शिशु की मृत्यु होना आदि होते हैं।
- एक शिशु में आयोडीन की कमी से उसमें बौद्धिक और शारीरिक विकास समस्यायें जैसे मस्तिष्क का धीमा चलना, शरीर का कम विकसित होना, बौनापन, देर से यौवन आना, सुनने और बोलने की समस्यायें तथा समझ में कमी आदि होती हैं।
अक्टूबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):
तिथि | दिवस का नाम - उत्सव का स्तर |
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01 अक्टूबर | विश्व वृद्ध (वरिष्ठ) नागरिक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
02 अक्टूबर | अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
02 अक्टूबर | गांधी जयंती - राष्ट्रीय दिवस |
04 अक्टूबर | विश्व पशु कल्याण दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
05 अक्टूबर | विश्व शिक्षक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
09 अक्टूबर | विश्व डाक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
10 अक्टूबर | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
14 अक्टूबर | विश्व मानक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
15 अक्टूबर | विश्व विद्यार्थी दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
16 अक्टूबर | विश्व खाद्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
17 अक्टूबर | अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
20 अक्टूबर | विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 अक्टूबर | विश्व आयोडीन अल्पता दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
24 अक्टूबर | विश्व पोलियो दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
24 अक्टूबर | विश्व विकास सूचना दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
30 अक्टूबर | विश्व बचत दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
31 अक्टूबर | राष्ट्रीय एकता दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
अक्टूबर महीने का दूसरा गुर अक्टूबर | विश्व दृष्टि दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
अक्टूबर माह का प्रथम सोमवा अक्टूबर | विश्व पर्यावास दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस प्रश्नोत्तर (FAQs):
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
हाँ, विश्व आयोडीन अल्पता दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है, जिसे पूरे विश्व हम प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मानते हैं।
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मनाया जाता है।