विश्व कठपुतली दिवस संक्षिप्त तथ्य
कार्यक्रम नाम | विश्व कठपुतली दिवस (World Puppetry Day) |
कार्यक्रम दिनांक | 21 / मार्च |
कार्यक्रम की शुरुआत | 21 मार्च 2003 |
कार्यक्रम का स्तर | अंतरराष्ट्रीय दिवस |
कार्यक्रम आयोजक | यूनियन इंटरनेशनेल डी ला मैरियोनेट (UNIMA) |
विश्व कठपुतली दिवस का संक्षिप्त विवरण
दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को "विश्व कठपुतली दिवस" मनाया जाता है। दुनियाभर में कठपुतली दिवस पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन किये जाते है।
विश्व कठपुतली दिवस का इतिहास
विश्व कठपुतली दिवस की शुरूआत 21 मार्च 2003 को फ्रांस में की गई थी। इस दिवस को मनाने का विचार ईरान के कठपुतली प्रस्तोता जावेद जोलपाघरी के मन में आया था वर्ष 2000 में माग्डेबुर्ग में 18वीं (UNMIA) सम्मेलन के दौरान यह प्रस्ताव विचार के हेतु रखा गया, 2 वर्षों पश्चात इसे वर्ष 2002 के जून माह में अटलांटा में काउंसिल द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लिया गया था।
प्रथम बार इसे वर्ष 2003 में मनाया गया, तब से यह दिवस भारत सहित विश्व के अन्य सभी देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। कठपुतली का इतिहास बहुत पुराना है। ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में पाणिनी की अष्टाध्यायी में नटसूत्र में पुतला नाटक का उल्लेख मिलता है।
कुछ लोग कठपुतली के जन्म को लेकर पौराणिक आख्यान का ज़िक्र करते हैं कि शिवजी ने काठ की मूर्ति में प्रवेश कर पार्वती का मन बहलाकर इस कला की शुरुआत की थी। कहानी "सिंहासन बत्तीसी" में भी विक्रमादित्य के सिंहासन की बत्तीस पुतलियों का उल्लेख है।
सतवध्दर्धन काल में भारत से पूर्वी एशिया के देशों इंडोनेशिया, थाईलैंड, म्यांमार, जावा, श्रीलंका आदि में इसका विस्तार हुआ। आज यह कला चीन, रूस, रूमानिया, इंग्लैंड, चेकोस्लोवाकिया, अमेरिका व जापान आदि अनेक देशों में पहुंच चुकी है। इन देशों में इस विधा का सम-सामयिक प्रयोग कर इसे बहुआयामी रूप प्रदान किया गया है। वहां कठपुतली मनोरंजन के अलावा शिक्षा, विज्ञापन आदि अनेक क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है।
विश्व कठपुतली दिवस का उद्देश्य
इस दिवस का उद्देश्य प्राचीन लोक कला को जन-जन तक पहुंचना तथा आने वाली पीढ़ी को इससे अवगत करना है, क्योंकि कठपुतली कला सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है बल्कि लोगों को जागरुक करने का एक सशक्त माध्यम भी है।
विश्व कठपुतली दिवस के बारे में अन्य विवरण
कठपुतली की कला का आरंभ कहाँ से हुआ?
भारत में पारंपरिक पुतली नाटकों की कथावस्तु में पौराणिक साहित्य, लोककथाएं और किवदंतियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पहले अमर सिंह राठौड़, पृथ्वीराज, हीर-रांझा, लैला-मजनूं और शीरी-फ़रहाद की कथाएं ही कठपुतली खेल में दिखाई जाती थीं, लेकिन अब साम-सामयिक विषयों, महिला शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, परिवार नियोजन के साथ-साथ हास्य-व्यंग्य, ज्ञानवर्ध्दक व अन्य मनोरंजक कार्यक्रम दिखाए जाने लगे हैं।
रीति-रिवाजों पर आधारित कठपुतली के प्रदर्शन में भी काफ़ी बदलाव आ गया है। अब यह खेल सड़कों, गली-कूचों में न होकर फ़्लड लाइट्स की चकाचौंध में बड़े-बड़े मंचों पर होने लगा है।
ककठपुतली की कला या खेल क्या है? और यह कहाँ प्रसिद्ध है?
"कठपुतली" का खेल अत्यंत प्राचीन नाटकीय खेल है, जो समस्त सभ्य संसार में प्रशांत महासागर के पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक-व्यापक रूप प्रचलित रहा है। यह खेल गुड़ियों अथवा पुतलियों (पुत्तलिकाओं) द्वारा खेला जाता है।
गुड़ियों के नर मादा रूपों द्वारा जीवन के अनेक प्रसंगों की, विभिन्न विधियों से, इसमें अभिव्यक्ति की जाती है और जीवन को नाटकीय विधि से मंच पर प्रस्तुत किया जाता है। कठपुतलियाँ या तो लकड़ी की होती हैं या पेरिस-प्लास्टर की या काग़ज़ की लुग्दी की। उसके शरीर के भाग इस प्रकार जोड़े जाते हैं कि उनसे बँधी डोर खींचने पर वे अलग-अलग हिल सकें।
कुछ समय पहले तक लोग कठपुतली कला को केवल मनोरंजन का एक साधन मानते थे परंतु अब यह कला करियर का रूप लेती जा रही है। अब यह मनमोहक कला भारत के साथ-साथ विदेशों में भी लोकप्रिय होती जा रही है। कठपुतली का खेल दिखाने वाले को कठपुतली कलाकार या पपेटियर कहते हैं।
वर्तमान में कठपुतली शो टेलीविजन एवं फिल्मों में काफ़ी लोकप्रिय हो रहे हैं जैसे एनडीटीवी का पपेट शो "गुस्ताखी माफ" तथा स्टार वन के लाफ्टर शो का रेंचो आदि।
मार्च माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):
तिथि | दिवस का नाम - उत्सव का स्तर |
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03 मार्च | विश्व वन्यजीव दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
04 मार्च | राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
08 मार्च | अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
11 मार्च | विश्व किडनी दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
14 मार्च | एक अपरिमेय राशि (π) पाई दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
15 मार्च | विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
16 मार्च | राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
18 मार्च | आयुध निर्माण दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
21 मार्च | अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 मार्च | अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 मार्च | विश्व कविता दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 मार्च | विश्व कठपुतली दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
22 मार्च | विश्व जल दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
23 मार्च | विश्व मौसम विज्ञान - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
24 मार्च | विश्व टीबी दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
27 मार्च | अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
विश्व कठपुतली दिवस प्रश्नोत्तर (FAQs):
विश्व कठपुतली दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है।
हाँ, विश्व कठपुतली दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है, जिसे पूरे विश्व हम प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मानते हैं।
विश्व कठपुतली दिवस की शुरुआत 21 मार्च 2003 को की गई थी।
विश्व कठपुतली दिवस प्रत्येक वर्ष यूनियन इंटरनेशनेल डी ला मैरियोनेट (UNIMA) द्वारा मनाया जाता है।