108वां भारतीय विज्ञान कांग्रेस
आईएससी का 108वां वार्षिक सत्र राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी भी मनाई। विज्ञान कांग्रेस का प्रमुख आकर्षण मेगा एक्सपो "प्राइड ऑफ इंडिया" (भारत का गौरव) है। इस प्रदर्शनी में भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के समाज के लिए योगदान और इसकी प्रमुख उपलब्धियों को दिखाया गया , हर रोज हर वैज्ञानिक दुनिया के लिए सैकड़ों नए विचार, नवोमेषों और उत्पादों को आकार मिला। प्रदर्शनी में सरकार, सम्बद्धता, सार्वजनिक क्षेत्र की पहल, अकादिक एवं अनुसंधान व विकास करार, संपूर्ण देश के नवोन्मेशी और उद्यम की उपलब्धियाँ तथा उनकी क्षमता को पेश किया गया।
इस वर्ष के आईएससी का मुख्य विषय "महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" है। इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की गयी। प्रतिभागी महिलाओं को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा, अनुसंधान के अवसरों और आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयासों के साथ-साथ शिक्षण, अनुसंधान और उद्योग के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया।
मुख्य बिंदु:-
- 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के तकनीकी सत्र को 14 वर्गों में बांटा गया है, जिनके तहत विश्वविद्यालय के महात्मा ज्योतिबा फुले शैक्षिक परिसर के विभिन्न स्थलों पर समानान्तर सत्र चलाये गए
- इन 14 वर्गों के अलावा, महिला विज्ञान कांग्रेस, किसान विज्ञान कांग्रेस, बाल विज्ञान कांग्रेस, जनजातीय समागम, विज्ञान व समाज तथा विज्ञान संचारकों की कांग्रेस के एक-एक सत्र का भी आयोजन किया गया।
- पूर्ण सत्रों में नोबल पुरस्कार विजेताओं, भारत व विदेश के नामी गिरामी अनुसंधानकर्ताओं, विशेषज्ञों और विभिन्न क्षेत्रों के टेकनोक्रेटों पर सामग्री शामिल की गई ।
- इसमें अंतरिक्ष, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और चिकित्सा अनुसंधानों को रखा गया है। तकनीकी सत्रों में कृषि, वन विज्ञान, पशु, पशु चिकित्सा और मत्स्य विज्ञान, मानव व व्यवहार विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, पृथ्वी प्रणाली विज्ञान, अभियांत्रिकी विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, सूचना व संचार विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, पदार्थ विज्ञान, गणितीय विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, नवीन प्राणी विज्ञान, भौतिक विज्ञान तथा पादप विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व व प्रयुक्त अनुसंधानों के बारे में भी दर्शाया गया।