बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 'बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक-2023' को मंजूरी दे दी. अब बिहार में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का दायरा बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगा. इससे पहले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर राज्यपाल के पास भेजा गया था.
इसके तहत सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के लिए 20 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 2 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 18 प्रतिशत और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पहले की तरह 10 फीसदी आरक्षण मिलता रहेगा.
आरक्षण में बदलाव की जरूरत क्या बताई?
- सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक पहलुओं में न्याय की व्यवस्था।
- स्थिति और अवसर में समानता प्रदान करने का प्रयास करना होगा।
- आय, स्थिति, सुविधाओं और अवसरों में असमानता को कम करना।
- SC/ST एवं अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक-आर्थिक हितों को बढ़ावा देना।
इस प्रकार होगा आरक्षण का वितरण-
- अनुसूचित जाति- 20%
- अनुसूचित जनजाति- 02%
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग – 25%
- पिछड़ा वर्ग- 18%
पदोन्नति हेतु आरक्षण का वितरण इस प्रकार होगा-
- अनुसूचित जाति- 20%
- अनुसूचित जनजाति- 02%
65% रिजर्वेशन के अलावा ये भी मिलेगा
यदि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग या पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन जाति के आधार पर आरक्षण न लेते हुए योग्यता के आधार पर किया जाता है, तो उनकी नियुक्ति शेष 35 प्रतिशत के तहत मानी जायेगी.