क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच ने चरण-I प्रशिक्षण पूरा किया
मिशन गगनयान की क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच ने कोच्चि में भारतीय नौसेना की जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा में प्रशिक्षण का पहला चरण पूरा किया। भारतीय नौसेना के गोताखोरों और समुद्री कमांडो की एक टीम ने विभिन्न समुद्री परिस्थितियों में क्रू मॉड्यूल का पुनर्प्राप्ति प्रशिक्षण लिया।
दो सप्ताह तक चलने वाले अभ्यास में मिशन के संचालन, चिकित्सीय आपातकाल के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और विभिन्न विमानों तथा उनके बचाव उपकरणों से परिचित होने के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान भारतीय नौसेना और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं को भी जारी किया गया। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के निदेशक डॉ. मोहन एम. ने अभ्यास के समापन दिवस पर निरीक्षण किया और सदस्यों के साथ बातचीत की। प्रशिक्षित दल को अब आने वाले महीनों में इसरो द्वारा निर्धारित गतिविधियों में शामिल किया जाएगा।
गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का एक मिशन है। इस मिशन में तीन चरण होंगे, इन तीन चरणों में से 2 चरण मानव रहित होंगे और एक चरण मानव रहित होगा। गगनयान एक पूरी तरह से स्वायत्त तीन टन का अंतरिक्ष यान कैप्सूल है जिसे 3 सदस्यीय दल को कक्षा में ले जाने और कुछ कक्षाओं में दो दिनों तक की मिशन अवधि के बाद उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिशन में एक महिला समेत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे. मिशन में पृथ्वी की निचली कक्षा में 7 दिनों तक चक्कर लगाएगा।
गगनयान अंतरिक्ष यान
गगनयान अंतरिक्ष यान के दो भाग हैं - क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल।
- क्रू मॉड्यूल : क्रू मॉड्यूल वह हिस्सा है जहां भारत के अंतरिक्ष यात्री बैठेंगे. इस यान में दो या तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बनाई गई है। क्रू मॉड्यूल का वजन 3725 किलोग्राम है। अंतरिक्ष यात्रियों के बैठने और सुरक्षित सामग्री रखे जाने के बाद इसका वजन 5300 किलोग्राम होगा।
- सर्विस मॉड्यूल: सर्विस मॉड्यूल यह अंतरिक्ष यान का वह भाग है जहाँ उसे चलाने के लिए ईंधन रखा जाता है। यह अंतरिक्ष यान से भिन्न भी हो सकता है. सर्विस मॉड्यूल का वजन लगभग 2900 किलोग्राम होगा और इस प्रकार गगनयान अंतरिक्ष यान का कुल वजन लगभग 8200 किलोग्राम होगा।