ग्लोबल मिलेट्स "श्री अन्न" सम्मेलन 2023:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सुब्रमण्यम हॉल, IARI कैंपस, पूसा में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर एक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मुझे गर्व है कि भारत 'अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष' का नेतृत्व कर रहा है। ग्लोबल मिलेट्स कांफ्रेंस जैसे आयोजन न केवल ग्लोबल गुड के लिए जरूरी हैं बल्कि ग्लोबल गुड्स के लिए भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक भी हैं। जलवायु लचीलापन बाजरा की ताकत है। बाजरा अत्यंत प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी आसानी से उत्पन्न हो जाता है। इसके उत्पादन के लिए अपेक्षाकृत कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे यह जल-तनाव वाले क्षेत्रों के लिए पसंदीदा फसल बन जाती है।
ग्लोबल मिलेट्स का उद्देश्य ?
भारत सरकार का लक्ष्य किसानों, उपभोक्ताओं और जलवायु के समग्र लाभ के लिए बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023 को एक जन आंदोलन बनाना है। इसे आगे बढ़ाने के लिए, भारत सरकार ने IYM 2023 के लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत को 'बाजरा के वैश्विक केंद्र' के रूप में स्थापित करने के लिए एक बहु-हितधारक सहयोगी दृष्टिकोण अपनाया है।
इसमें भारत और विदेशों में किसान, स्टार्ट-अप, निर्यातक, खुदरा व्यवसाय, होटल संघ और विभिन्न सरकारी निकाय शामिल हैं। वर्ष 2023 बाजरा को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साल तक चलने वाले अभियान और कई गतिविधियों प्रदान करेगा।
'श्री अन्न' केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं, जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं वह ये भी जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे 'श्री' ऐसे ही नहीं जुड़ता है. श्री अन्न यानी देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार, देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार, देश के आदिवासी समाज का सत्कार. कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार, केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार, क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार है |
भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों की मंजूरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 5 मार्च, 2021 को वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया। भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन प्राप्त था। इस घोषणा के माध्यम से, यूएनजीए का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए न्यूट्रिसियल्स (श्री अन्ना) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, अनुसंधान एवं विकास और विस्तार में निवेश बढ़ाना और श्री अन्ना की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है।
मिलेट्स की खासियत
- भारत में बाजरा मुख्य रूप से 12-13 राज्यों में उगाया जाता है. हालांकि, इन राज्यों में प्रति व्यक्ति घरेलू खपत 2-3 किलोग्राम प्रति माह से अधिक नहीं थी. आज यह बढ़कर 14 किग्रा प्रति माह हो गया है.
- जलवायु लचीला होना मिलेट्स की ताकत है. बहुत प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी मिलेट्स का आसानी से उत्पादन हो जाता है. इसकी पैदावार में पानी भी कम लगता है जिससे पानी की कमी वाली जगहों के लिए भी इसे एक पसंदीदा फसल माना जाता है.