कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) ने हाल ही में हुगली नदी में पानी के अंदर मेट्रो का ट्रायल रन किया है, जिसके बाद कोलकाता मेट्रो देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो बन गई है। मेट्रो इंजीनियरों ने पानी के अंदर 520 मीटर लंबी सुरंग बनाई, जिसमें सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेट्रो का ट्रायल रन किया गया है.
मेट्रो का रेक हुगली नदी के नीचे एक पानी के नीचे की सुरंग से होकर गुजरा, महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी ने रेक संख्या MR-612 में महाकरण से हावड़ा मैदान स्टेशन तक सुबह तक यात्रा की। इस दौरान महाप्रबंधक ने कहा कि हावड़ा मैदान से यह ट्रायल लगातार जारी रहेगा और अगले सात महीने तक नियमित रूप से ट्रायल किया जाएगा. इसके बाद नियमित सेवा शुरू कर दी जाएगी।
मेट्रो परियोजना
कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के 16.6 किलोमीटर लंबे हिस्से में 520 मीटर का रूट हुगली नदी से होकर गुजरता है। इस परियोजना के माध्यम से सेक्टर 5 से हावड़ा की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों के समय की बचत होगी।
सुरंग की सुविधा
- सुरंग कोलकाता मेट्रो की ओर से हुगली नदी के नीचे 33 मीटर की गहराई में बनाई गई है। वहीं, टनल को इस तरह से बनाया गया है कि किसी भी जगह से पानी टनल में प्रवेश नहीं कर सकता है. इसके लिए 1.4 मीटर चौड़ी कंक्रीट की रिंग और हाइड्रोफिलिक गैसकेट के जरिए सुरंग तैयार की गई है।
- यह एक तरह की रबर सामग्री है, जिसका उपयोग पानी के रिसाव को रोकने के लिए किया जाता है। यह पानी के संपर्क में आने से फैलता है।
- वहीं, इस मटेरियल की खास बात यह है कि यह अपने मूल रूप को 800 फीसदी तक खींच सकता है।
- इस टनल को बनाने में कोलकाता मेट्रो की तरफ से सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है. इसके लिए मेट्रो द्वारा सुरंग में किसी तरह की आपात स्थिति में यात्रियों को निकालने का रास्ता भी बनाया गया है, ताकि यात्री सुरक्षित सुरंग से बाहर आ सकें।
ट्रेन कितने समय में यात्रा करेगी
कोलकाता मेट्रो नदी में बनी सुरंग में 45 सेकंड में सफर करेगी, जिसमें 520 मीटर लंबी सुरंग को पार किया जाएगा. पहली बार हावड़ा से एस्प्लांडे रोड तक ट्रायल रन किया गया है। इस लाइन पर बना हावड़ा मेट्रो स्टेशन सबसे गहरा स्टेशन बन गया है।